वट वृक्ष के पत्ते कैसे होते हैं? - vat vrksh ke patte kaise hote hain?

बरगद वैज्ञानिक वर्गीकरण
बरगद का चित्र
जगत: पादप
विभाग: Magnoliophyta
वर्ग: Magnoliopsida
गण: Urticales
कुल: Moraceae
वंश: Ficus
उपवंश: (Urostigma)

बरगद के विशाल वृक्ष का नीचे वाला भाग (कली)

बरगद बहुवर्षीय विशाल वृक्ष है। इसे 'वट' और 'बड़' भी कहते हैं। यह एक स्थलीय द्विबीजपत्री एंव सपुष्पक वृक्ष है। इसका तना सीधा एंव कठोर होता है। इसकी शाखाओं से जड़े निकलकर हवा में लटकती हैं तथा बढ़ते हुए धरती के भीतर घुस जाती हैं एंव स्तंभ बन जाती हैं। इन जड़ों को बरोह या प्राप जड़ कहते हैं। इसका फल छोटा गोलाकार एंव लाल रंग का होता है। इसके अन्दर बीज पाया जाता है। इसका बीज बहुत छोटा होता है किन्तु इसका पेड़ बहुत विशाल होता है। इसकी पत्ती चौड़ी, एंव लगभग अण्डाकार होती है। इसकी पत्ती, शाखाओं एंव कलिकाओं को तोड़ने से दूध जैसा रस निकलता है जिसे लेटेक्स अम्ल कहा जाता है।

अनुक्रम

  • 1 धार्मिक महत्व
  • 2 इन्हें भी देखें
  • 3 सन्दर्भ
  • 4 बाहरी कड़ियाँ

धार्मिक महत्व[संपादित करें]

हिंदू धर्म में वट वृक्ष की बहुत महत्ता है। ब्रह्मा, विष्णु, महेश की त्रिमूर्ति की तरह ही वट,पीपल व बेलपत्र को माना जाता है, अतएव बरगद को शिव समान माना जाता है। अनेक व्रत व त्यौहारों में वटवृक्ष की पूजा की जाती है। यह आस्था के ऊपर निर्भर करता है।

भारत के राष्ट्रीय प्रतीक
ध्वज तिरंगा
राष्ट्रीय चिह्न अशोक की लाट
राष्ट्रभाषा कोई नहीं
राष्ट्र-गान जन गण मन
राष्ट्र-गीत वन्दे मातरम्
मुद्रा ₹ (भारतीय रुपया)
पशु बाघ
जलीय जीव गंगा डॉल्फिन
पक्षी मोर
पुष्प कमल
वृक्ष बरगद
फल आम
खेल मैदानी हॉकी
पञ्चांग शक संवत
संदर्भ "भारत के राष्ट्रीय प्रतीक"
भारतीय दूतावास, लन्दन
Retreived ०३-०९-२००७

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • वट सावित्री
  • अक्षयवट

सन्दर्भ[संपादित करें]

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • बरगद (भारतखोज)
  • वट वृक्ष या बरगद के औषधीय प्रयोग (

बरगद के पेड़ के पत्ते कैसे होते हैं?

इसके अन्दर बीज पाया जाता है। इसका बीज बहुत छोटा होता है किन्तु इसका पेड़ बहुत विशाल होता है। इसकी पत्ती चौड़ी, एंव लगभग अण्डाकार होती है। इसकी पत्ती, शाखाओं एंव कलिकाओं को तोड़ने से दूध जैसा रस निकलता है जिसे लेटेक्स अम्ल कहा जाता है।

बरगद के पत्ते क्या है?

बरगद पेड़ ही नहीं, बल्कि औषधि का खजाना भी है। तना, छाल, पत्ती तक औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। वनस्पति विज्ञानी डा.

बरगद के पेड़ के पत्तों के क्या फायदे हैं?

विशेषज्ञों के मुताबिक इसकी पत्तियों में कुछ खास तत्व जैसे :- हेक्सेन, ब्यूटेनॉल, क्लोरोफॉर्म और पानी मौजूद होता है। ये सभी तत्व संयुक्त रूप से प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक साबित होते हैं। इस कारण हम कह सकते हैं कि बरगद के पेड़ की पत्तियों का सेवन करने से शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है (2)।

वट वृक्ष कैसे होता है?

यह वृक्ष त्रिमूर्ति का प्रतीक है , इसकी छाल में विष्णु ,जड़ में ब्रह्मा और शाखाओं में शिव का वास माना जाता है. ये पेड़ लंबे समय तक अक्षय रहता है, इसलिए इसे 'अक्षयवट' भी कहते हैं. सौभाग्यवती का वरदान पाने के साथ, आरोग्य के लिए भी इस वटवृक्ष की पूजा की जाती है.

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