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वाष्पोत्सर्जन क्रिया का पौधों के लिए क्या महत्व है?
Video Solution: वाष्पोत्सर्जन क्रिया का पौधों के लिए क्या महत्व है?
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लिखित उत्तर
Solution : वाष्पोत्सर्जन क्रिया का पौधों के लिए महत्व-पौधे के मूल से चोटी तक लगातार जल की धारा वाष्पोत्सर्जन के द्वारा ही प्रवाहित होती है। यह खनिज व अवशोषण एवं परिवहन में भी सहायता करता है। इसके अलावा यह पौधों में तापक्रम-संतुलन बनाए रखने में सहायक होता है।
उत्तर
Step by step video solution for [object Object] by Biology experts to help you in doubts & scoring excellent marks in Class 10 exams.
Question Details till 27/11/2022
Question | वाष्पोत्सर्जन क्रिया का पौधों के लिए क्या महत्व है? |
Chapter Name | परिवहन |
Subject | Biology (more Questions) |
Class | 10th |
Type of Answer | Video |
Question Language | In Video - Hindi In Text - Hindi |
Students Watched | 8 + |
Students Liked | 0 + |
Question Video Duration | 2m1s |
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उद्देश्य
हमारा उद्देश्य पत्ती की ऊपरी और निचले सतहों के बीच वाष्पोत्सर्जन की दर की तुलना करना है।
सिद्धांत
वाष्पोत्सर्जन क्या है?
वाष्पोत्सर्जन पौधे के माध्यम से होने वाले पानी के आवागमन और इसके हवाई भागों से वातावरण में होने वाले वाष्पीकरण की प्रक्रिया है। पत्तियों में और युवा कलियों में एपिडर्मल (बाह्यत्वचा) परत में सूक्ष्म रंध्र की तरह की संरचनाएं होतीं है, इसे स्टोमेटा कहा जाता है। वाष्पोत्सर्जन मुख्य रूप से पत्तियों के स्टोममेटा के माध्यम से होता है। स्टोमेटा मुख्य रूप से प्रकाश संश्लेषण और श्वसन की प्रक्रिया के दौरान गैसों के आदान-प्रदान से संबंधित होता हैं। हरेक स्टोममेटा में दरार जैसे निकासमुख होते हैं । इन्हें स्टोमेटल रंध्र कहा जाता है। यह पहरेदार कोशिकाओं (गार्ड सेल्) नामक दो विशेष कोशिकाओं से घिरा रहता है। ये विशेष कोशिकाएं स्टोमेटा को खोल और बंद करके वाष्पोत्सर्जन की दर को विनियमित करने में मदद करती हैं।
वाष्पोत्सर्जन का महत्व
- वाष्पोत्सर्जन मिट्टी से पानी के अवशोषण में मदद करता है।
- अवशोषित पानी जड़ों से पत्तियों तक जाइलम वाहिकाओं के माध्यम से जाता है। ये बहुत हद तक वाष्पोत्सर्जन खिंचाव से प्रभावित होते हैं।
- वाष्पीकरण के दौरान वाष्पोत्सर्जन पौधे की सतह ठंडी रखने में मदद करता है।
वाष्पोत्सर्जन की दर को प्रभावित करने वाले पर्यावरणीय कारक
- प्रकाश: स्टोमेटा प्रकाश में खुलना शुरू होता हैं इसलिए पौधे अंधेरे की तुलना में प्रकाश की उपस्थिति में और ज्यादा तेजी से वाष्पोत्सर्जन करते हैं।
- तापमान: पौधे अधिक तापमान में ज्यादा तेजी से वाष्पोकत्सार्जन करते हैं क्योंकि जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है पानी और ज्यादा तेजी से भाप बनकर उड़ता है।
- आर्द्रता: आर्द्रता को वायुमंडल में मौजूद जलवाष्प के प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है। बाहरी वायुमंडल की सापेक्ष आर्द्रता जितनी ज्यादा होती है वाष्पोत्सर्जन की दर उतनी ही कम होती है।
- हवा: जब कोई हवा नहीं चलती है, तो पत्ती की सतह के चारों ओर की हवा ज्यादा से ज्यादा नम हो जाती है। इस प्रकार वाष्पोत्सर्जन की दर कम हो जाती है। हवा के वेग में वृद्धि पत्ती की सतह से नमी हटाकर वाष्पोत्सर्जन की दर बढ़ा देती है।
अलग-अलग पौधों में स्टोमेटा का वितरण, संख्या, आकार और प्रकार अलग-अलग होता है। यहां तक कि पौधे के अंदर ही पत्ती की ऊपरी और निचली सतहों में अलग-अलग वितरण हो सकता है। कुछ पौधों में पत्ती की ऊपरी सतह की तुलना में निचली सतह पर बड़ी संख्या में स्टोमेटा मौजूद होते हैं। इसलिए, निचली सतह से होनेवाली पानी की हानि ऊपरी सतह से ज्यांदा होती है।
हम पत्ती की दो सतहों से होने वाली जलवाष्प की हानि की तुलना करके पत्ती की दो सतहों से होने वाले वाष्पोत्सर्जन की दर का अध्ययन कर सकते हैं।
वाष्पोत्सर्जन की दर को आसानी से कोबाल्ट क्लोराइड पेपर परीक्षण के जरिए प्रदर्शित किया जा सकता है। नीले रंग वाला सूखा कोबाल्ट क्लोराइड पेपर जब पानी के संपर्क में आता है तो गुलाबी हो जाता है। कोबाल्ट क्लोराइड पेपर के इस गुणधर्म का उपयोग करके हम वाष्पोत्सर्जन के दौरान होने वाली पानी की हानि का प्रदर्शन कर सकते हैं ।
हम पेपर का रंग नीले से गुलाबी में बदलने में लगने वाले समय का उपयोग करके वाष्पोत्सर्जन की दर का मापन कर सकते हैं।
सीखने के परिणाम
● छात्र वाष्पोत्सर्जन की अवधारणा समझते हैं।
● छात्र वाष्पोकत्सर्जन का महत्व समझते हैं।
● छात्र वाष्पोत्सर्जन की दर को प्रभावित करने वाले कारकों को समझते हैं।
● एक बार जब छात्र एनीमेशन और सिमुलेशन के माध्यम से चरणों को समझ लेंगें वे वास्तविक प्रयोगशाला में और ज्यादा सही ढंग से प्रयोग करने में सक्षम हो जाएंगे
Class 10 ka G. K