वर्तमान बिहार विधान परिषद का अध्यक्ष कौन है? - vartamaan bihaar vidhaan parishad ka adhyaksh kaun hai?

राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा अध्यक्ष पद से इस्तीफा देते ही विजय सिन्हा को विधान मंडल दल का नेता घोषित कर भाजपा ने बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी। इसके साथ ही विधान परिषद में पार्टी ने पूर्व मंत्री सम्राट चौधरी को नेता घोषित किया है। भाजपा की ओर से इसकी जानकारी बुधवार को विधानसभा और विधान परिषद कार्यालय को दे दी गई। विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी ने बताया कि विजय सिन्हा को नेता विरोधी दल के रूप में मान्यता दे दी गई है।

वर्तमान बिहार विधान परिषद का अध्यक्ष कौन है? - vartamaan bihaar vidhaan parishad ka adhyaksh kaun hai?

Patna Fire: पटना के कंकड़बाग में कबाड़ दुकान और कम्युनिटी हाल में लगी आग, दमकल की पांच गाड़ियों ने पाया काबू

यह भी पढ़ें

बड़ा संदेश देने की कोशिश

विपक्ष की भूमिका में पहुंचने के बाद विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी को सदन में प्रतिनिधित्व देकर भाजपा ने बड़ा संदेश दिया है। पार्टी के इस पहल को सर्व समाज को साधने का प्रयास माना जा रहा है। विजय सिन्हा सवर्ण समाज और सम्राट चौधरी अति पिछड़ा वर्ग से आते हैं। भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष के पद पर पहले से पिछड़ा समाज के डा. संजय जायसवाल को बिठा रखा है। वहीं, अभी पार्टी की ओर से  दोनों सदन में विपक्ष के मुख्य सचेतक और उप मुख्य सचेतक के नाम की घोषणा बाकी है। दोनों सदन में इन और चार पदों के जरिए पार्टी सामाजिक संतुलन को साधने का प्रयास करेगी। फिलहाल विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी को प्रतिनिधित्व देकर भाजपा ने जनता के साथ सत्ता पक्ष के आधार वोट बैंक में सेंध लगाने का काम किया है।

वर्तमान बिहार विधान परिषद का अध्यक्ष कौन है? - vartamaan bihaar vidhaan parishad ka adhyaksh kaun hai?

Bihar RERA : बिहार में रेरा ने बदले नियम और शर्तें, अब बिल्डरों को देना होगा पांच साल का हिसाब

यह भी पढ़ें

बिहार विधानसभा की कार्यवाही में बुधवार को एक नया इतिहास जुड़ गया। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने अपने खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के पहले ही सदन में अपना अंतिम संबोधन किया और फिर सदन में ही पद से त्यागपत्र देने की घोषणा कर दी। हालांकि इसके पहले उन्होंने जदयू के वरिष्ठ सदस्य नरेंद्र नारायण यादव को अध्याशी सदस्य (किसी वजह से आसन छोड़ने के पूर्व कार्यवाही के संचालन के लिए सदन के वरिष्ठ सदस्य को बिठाना) के रूप में सदन को संचालित करने का नियमन दे दिया, जबकि उस वक्त सदन में उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी भी मौजूद थे। संसदीय कार्यमंत्री विजय चौधरी ने इसका विरोध करते हुए असंवैधानिक बताया, किंतु इसे अनुसना करते हुए विजय कुमार सिन्हा ने दो बजे तक सदन को स्थगित कर आसन छोड़ निकल गए।

पटना. बिहार विधान परिषद के नये सभापति की तलाश शुरू हो गयी है. 25 अगस्त को सभापति पद के लिए होने वाले चुनाव में जदयू के तीन नेता प्रो रामवचन राय, मो गुलाम गौस और देवेश चंद्र ठाकुर के नामों की चर्चा है. आखिरी समय में बाजी पलट भी सकती है और किसी नये नाम पर सहमति बन सकती है.

पूर्णकालिक सभापति का यह पद खाली

पूर्णकालिक सभापति का यह पद पहली बार जदयू को मिलने जा रहा है. इसके पहले उपसभापति के रूप में प्रो हारूण रशीद को इस पद पर कार्य करने का मौका मिला था. राज्य में नये राजनीतिक समीकरण के हिसाब से राजद को विधानसभा के अध्यक्ष का पद मिलना तय माना जा रहा है, जबकि जदयू के हिस्से में विधान परिषद के सभापति का पद आयेगा.

फिलहाल विधान परिषद में जदयू सबसे बड़ा दल

फिलहाल 75 सदस्यीय विधान परिषद में जदयू सबसे बड़ा दल है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत सदन में इसके 25 सदस्य हैं. फिलहाल भाजपा के अवधेश नारायण सिंह कार्यकारी सभापति के रूप में कार्यरत हैं. उपसभापति का पद रिक्त है. राज्यपाल फागू चौहान ने 25 अगस्त को नये सभापति का चुनाव कराने का निर्देश विधान परिषद सचिवालय को दिया है. इसके लिए 24 अगस्त को दिन के 12 बजे तक नामांकन लिये जायेंगे.

जदयू के भीतर प्रो रामवचन राय सबसे वरीय सदस्य

जदयू के भीतर प्रो रामवचन राय सबसे वरीय सदस्य हैं. अतिपिछड़ी जाति से आने वाले प्रो राय को विधायी कार्याें का लंबा अनुभव है. वहीं ,मो गुलाम गौस पार्टी के अल्पसंख्यक चेहरे हैं. पहली बार इन्हें राजद ने विधान परिषद का सदस्य बनाया था. इस बार जदयू ने इन्हें मौका दिया है. सीतामढ़ी जिले से आने वाले देवेश चंद्र ठाकुर की साफ- सुथरी छवि रही है. पार्टी में उनकी गिनती मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी नेताओं में होती रही है. इन तीनों के अलावा पार्टी के भीतर किसी कुशवाहा जाति के नेता को भी सभापति पद के लिए उपयुक्त माना जा रहा है.

अब विपक्ष के नेता का पद संख्या बल के आधार पर भाजपा को मिलेगा

इधर, नये समीकरण में राजद के सत्ताधारी दल में शामिल होने के बाद सदन में विपक्ष के नेता पद की कुर्सी खाली हो गयी है. संख्या बल के आधार पर भी यह पद भाजपा के हिस्से में आयेगा. माना जा रहा है कि विधानसभा और विधान परिषद में विपक्ष के नेता तय करने के पूर्व पार्टी केंद्रीय नेतृत्व अपना एक ऑब्जर्वर पटना भेजेगी. विधायकों और विधान पार्षदों की राय जानने के बाद दोनों सदनों में नेता विपक्ष के नाम का ऐलान किया जायेगा. वैसे वरीयता के आधार पर विधान परिषद में प्रो नवल किशोर यादव की विपक्ष के नेता पद की दावेदारी बन सकती है. सामाजिक समीकरण में भी वह सरकार को कठघरे में घेरने में फिट हो सकते हैं.

पटना: जेडीयू के वरिष्ठ नेता देवेश चंद्र ठाकुर ने बिहार विधान परिषद के सभापति के तौर पर चुना गया। देवेश चंद्र ठाकुर निर्विरोध सभापति चुने गए। विधान परिषद के सदस्य (एमएलसी) के रूप में ठाकुर का यह चौथा कार्यकाल है। देवेश चंद्र ठाकुर के सभापति चुने जाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी सदन के नेता सम्राट चौधरी ने उन्हें बधाई दी। सीएम नीतीश ने कहा कि देवेश चंद्र ठाकुर से काफी उम्मीदें हैं। वहीं सम्राट चौधरी ने आश्वस्त किया कि पूरा विपक्ष आपकी पूरी मदद करेगा। आपके सभापति काल में लोकतंत्र की रक्षा होगी। डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि आपका अनुभव काफी लंबा है। आप ईमानदार हैं, कर्मठ हैं। आपने हमेशा जनता का सवाल सदन में उठाया है।

नीतीश कुमार ने कहा कि आप बहुत अच्छे तरह से काम करेंगे। हमे भरोसा है। अवधेश नारायण सिंह बहुत लंबे समय सभा पति रहे। नये सभा पति का भले चुनाव हुआ मगर हम अवधेश बाबू को भूलेंगे नहीं। आप से भी अपेक्षा है आप भी अच्छा काम करेंगे। सम्राट चौधरी ने बधाई देते हुए कहा कि कहा आप महाराष्ट्र की भी चिंता करते रहे हैं। विपक्ष की भूमिका में भी हम आप के साथ रहेंगे।

तेजस्वी यादव ने कहा कि हमारा सहयोग रहेगा। विपक्ष का काम है जो सरकार से छूट जाए तो उसपर ध्यान ले जाने का काम करेंगे। भाई चारा, लोकतंत्र बचाने और युवाओं और बेरोजगारों के लिए हम काम करेंगे। देवेश चंद्र ठाकुर हमारे अभिभावक जैसे।


बता दें कि उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी की उपस्थिति में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। इस दौरान, इनके अलावा उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और महागठबंधन के कई अन्य नेता भी मौजूद रहे। विधान परिषद सचिवालय के अनुसार, इस पद पर चुनाव के लिए मतदान बृहस्पतिवार को होगा। जेडीयू राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), कांग्रेस और वाम दलों के महागठबंधन को राज्य के 75 सदस्यीय उच्च सदन में पूर्ण बहुमत प्राप्त है।
वर्तमान बिहार विधान परिषद का अध्यक्ष कौन है? - vartamaan bihaar vidhaan parishad ka adhyaksh kaun hai?
RJD-JDU को 'बोल्ड' करने के लिए BJP ने चला सबसे बड़ा दांव, नीतीश-तेजस्वी को 'बिहारी स्टाइल' में मिलेगा जवाब

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता अवधेश नारायण सिंह के विधान परिषद के सभापति के रूप में पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद से यह पद मई, 2017 से खाली पड़ा है। जेडीयू एमएलसी और उपसभापति हारून रशीद का कार्यकाल समाप्त होने के बाद सिंह को जून, 2020 में फिर से कार्यवाहक सभापति नियुक्त किया गया था।

वर्तमान में बिहार के विधान परिषद के अध्यक्ष कौन है?

बिहार विधान परिषद.

बिहार विधान परिषद के प्रथम सभापति कौन है?

7 फरवरी, 1921 को जब बिहार-उड़ीसा विधान परिषद् अस्तित्व में आई तो सर वाल्टर मॉडे प्रथम सभापति मनोनीत हुए।

बिहार विधान सभा के सचिव कौन है?

प्रेषक, पवन कुमार पाण्डेय प्रभारी सचिव, बिहार विधान सभा, पटना । राज्यपाल के प्रधान सचिव, बिहार, पटना ।

बिहार में कितने विधान परिषद हैं?

बिहार पुनर्गठन अधिनियम, 2000 द्वारा बिहार के 18 जिलों तथा 4 प्रमंडलों को मिलाकर 15 नवम्‍बर, 2000 ई. को बिहार से अलग कर झारखंड राज्‍य की स्‍थापना की गई और बिहार विधान परिषद् के सदस्‍यों की संख्‍या 96 से घटाकर 75 निर्धारित की गई।