- छोटी-छोटी बातों पर भी हम अक्सर बहुत घबरा जाते हैं।
- घबराहट अत्यधिक चिंता के कारण भी हो सकती है।
- दिल का घबराना एक मानसिक विकार है, जो काफी नुकसान भी पहुंचा सकता है।
- अत्यधिक घबराहट के कारण हमें पैनिक अटैक की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है।
आज के व्यस्त जीवन में हर इंसान सब कुछ जल्दी-जल्दी पाना चाहता है और इसी जल्दबाज़ी में कई लोग, कभी-कभी तनाव ग्रस्त होकर अत्यधिक घबरा जाते हैं।
दिल घबराना एक आम बात है, ऐसी स्थिति में हमारे हृदय की धड़कने बढ़ने लगती हैं, घबराहट होने लगती है और ऐसा लगने लगता है जैसे हमारे दिल की धड़कन स्किप हो गई या बहुत अधिक तेज हो गई हो।
इस स्थिति को मेडिकल भाषा में हार्ट पेलपिटेशन (Heart Palpitaion) कहते हैं, इस स्थिति में दिल बहुत तेज और बहुत जोर से धड़कने लगता है। हार्ट पेलपिटेशन या दिल घबराना में आपको अपनी धड़कन, गले और सीने में भी महसूस हो सकती है। आम भाषा में हार्ट पेलपिटेशन को धुकधुकी के नाम से भी जाना जाता है। [1]
जब हमारा दिल अधिक घबरा जाता है तो हमारी कार्यशैली पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि वक़्त रहते दिल की घबराहट को समझा जाये और दिल की घबराहट का इलाज कैसे किया जाए। इस लेख माध्यम से जाने घबराहट होने के बारे और आप घबराहट का इलाज एवं लक्षण के साथ घबराहट की इलाज, लक्षण, और कारण क्या है ।
दिल में घबराहट के कारण क्या है
Causes Of Heart Palpitation in hindi
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अधिकतर स्थिति में दिल की धड़कनों का बढ़ना किसी बड़ी बीमारी का संकेत नहीं होता। इस तरह से धड़कन का बढ़ना, अधिकतर मामलों में अपने आप ठीक हो जाता है जिनमें दिल घबराना एक आम समस्या है।
अधिकतर मामलों में दिल में धुकधुकी या घबराहट, तनाव, बहुत डर लगने और अत्यधिक स्ट्रेस के कारण होता है।
इसके अलावा कुछ खाद्य पदार्थ जैसे कैफीन (cafiine) यानि चाय और कॉफ़ी का अधिक सेवन, सिगरेट और अल्कोहल का सेवन भी घबराहट का कारण हो सकता है। गर्भावस्था के कारण भी दिल घबराना एक आम समस्या है।
कुछ मेडिकल कारण भी दिल घबराने का कारण हो सकते हैं जैसे : - [2]
- शरीर में पानी की कमी या डिहाईड्रेशन (dehydration)
- गर्भावस्था में हो रहे हार्मोंनल बदलाव के कारण (hormonal imbalance)
- शरीर में एल्कोट्रोलाइट की असामान्यता (electrolyte imbalance)
- खून में शुगर की मात्रा कम हो जाना यानि लो ब्लड शुगर लेवल (low blood sugar level)
- बुख़ार, एनीमिया या हाइपरथाइरोइडिज्म से ग्रस्त होने पर दिल की धड़कन बढ़ सकती हैं
- यदि किसी चोट के कारण शरीर से अत्यधिक ब्लड लॉस हो
- हृदय से जुड़ी बीमारियों जैसे अर्रहीथामिया (arrhythmia), हार्ट वाल्व में समस्या के कारण भी हृदय की धड़कन बढ़ सकती है
- कई दवाइयों के कारण भी आपको घबराहट महसूस हो सकती है जैसे, अस्थमा, सर्दी जुकाम की दवाई आदि
अत्धिक घबराहट से हो सकता है पैनिक अटैक
Heart Palpitation During Panic Attack in hindi
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अधिक घबराने से आपकी दिल की धड़कनें बढ़ जाती हैं और आप अशांत महसूस करने लगते हैं।
कभी-कभी अत्यधिक डर के कारण, आपके शरीर में असाधारण बदलाव देखे जा सकते हैं। इस स्थिति को चिकित्सीय भाषा में पैनिक अटैक कहते हैं। [3]
ऐसी स्थिति में हमारा दिमाग बहुत अशांत होता है और अगर जल्द से घबराहट को शांत नहीं किया गया, तो हमें घबराहट का दौरा भी पड़ सकता है।
पैनिक अटैक के समय व्यक्ति को ऐसे लगता है जैसे उसकी जान को ख़तरा है। इस अवस्था में पसीने निकलना, बोलने में हड़बड़ाहट, सिर में दर्द, किसी भी प्रकार का फैसला लेने में दिक्कत होना, हाथ-पैरों में अजीब से कंपन होना या पेट में हलचल होने लगती है। यह सभी दिल की घबराहट के लक्षण हैं।
दिल में घबराहट होने की स्थिति में डॉक्टर से कब मिलना चाहिए
When To Seek Immediate Medical Attention For Heart Palpitation in hindi
Dil me ghabrahat hone par kb doctor se mile
अगर आप हार्ट की बीमारी से ग्रस्त हैं और आपको घबराहट महसूस हो रही हैं तो जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए।
इसके अलावा यदि आपको दिल में घबराहट होने के साथ साथ, निम्नलिखित लक्षण भी हो तो आपको जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
वे घबराहट के लक्षण, जब डॉक्टर से मिलने की आवश्यकता होती है :
- यदि आपको घबराहट के साथ साथ चक्कर और कमजोरी भी हो
- यदि आपका सिर हल्का हो रहा हो और आप बेहोशी जैसा महसूस कर रहे हो
- सांस लेने में तकलीफ़ हो और घबराहट के साथ-साथ आपको बहुत पसीना भी आ रहा हो
- छाती में दर्द, दबाव या जकड़न महसूस हो
- आपकी पल्स रेट प्रति मिनट 100 से अधिक हो
- आपकी बाहों, गर्दन, छाती, जबड़े या ऊपरी पीठ में दर्द महसूस हो
ऐसी स्थिति में जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क कर अपना इलाज करवाए, यह किसी बड़ी बीमारी का संकेत हो सकता है।
दिल घबराने का इलाज कैसे करें
How To Manage Heart Palpitation in hindi
दिल घबराने का इलाज और उपाय
दिल घबराने का कारण पता करने के लिए डॉक्टर आपसे आपकी मेडिकल हिस्ट्री लेते हैं। इसके अलावा कुछ सवाल जो आपके डॉक्टर आपसे पूछ सकते हैं जैसे - आप जीवन में कितने तनाव ग्रस्त रहते हैं, अगर आप किसी बीमारी की वजह से कुछ दवाइयां ले रहे हैं, यदि आप हार्ट की बीमारी से ग्रस्त हैं आदि।
इन सवालों के अलावा आपके डॉक्टर हार्ट पैलपीटेशन के कारण को जानने के लिए टेस्ट कराने की सलाह भी दे सकते हैं जैसे - ब्लड टेस्ट, यूरीन टेस्ट, स्ट्रेस टेस्ट, इकोकार्डियोग्राम (echocardiogram) और इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (electrocardiogram) [4]।
दिल की घबराहट या धुकधुकी सिगरेट पीने से या अत्यधिक कॉफ़ी और चाय के सेवन से भी हो सकती है। इस स्थिति में लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव जैसे सिगरेट न पीना, चाय और कॉफ़ी का कम सेवन, दिल की घबराहट से आराम दिला सकता है।
वैसे तो दिल घबराना किसी बड़ी बीमारी का संकेत नहीं होती और अधिकतर मामलों में स्वयं ही ठीक हो जाती है, लेकिन आप नीचे दिए गए कुछ आसान तरीकों से इसे मैनेज कर सकते हैं।
मेडिटेशन से दूर करे दिल की घबराहट
Meditation Help Manage Heart Palpitations in hindi
kaise meditation se door hogi dil ki ghabrahat
चिंता और तनाव से दूर रहना घबराहट कम करने के सबसे सरल उपाय हैं, मगर रोजमर्रा के जीवन में तनाव से दूर रहना बहुत मुश्किल होता है। ऐसी स्थिति में मेडीटेशन और ध्यान काफी फायदेमंद होता है।
मेडिटेट करने या ध्यान लगाने से हमारे दिमाग को बहुत आराम मिलता है और शांत रहने में मदद मिलती है। नियमित ध्यान लगाने से हमारा मन भी स्थिर रहता है।
हमारा मन जब स्थिर रहता है तो हमें जल्द घबराहट नहीं होती और हम कोई भी काम शांति से और आराम से कर लेते हैं।
इसलिए जब भी दिल घबराये तो ध्यान लगाने की कोशिश करनी चाहिए। रोज 20 मिनट मेडीटेशन से न सिर्फ मन शांत रहता है बल्कि एकाग्रता बढ़ने में भी मदद मिलती है।
टहलने से होगी दिल की घबराहट कम
Daily Walking Reduce Your Heart Palpitation in hindi
kaise tehelne se dil ki ghabrahat hohi kam
जब भी आप घबरा जाते हैं तो अक्सर एक ही जगह पर बैठ जाते हैं। ऐसे में बार-बार एक ही चीज़ देख कर हमारी घबराहट और भी ज्यादा बढ़ जाती है।
अगर आपको ऐसे में दिल में धुकधुकी लगी हो या अत्यधिक घबराहट हो रही हो तो आपने आप को घर पर कैद न करें और दोस्तों या परिवार वालों के साथ कहीं बाहर घूमने निकल जाये।
बाहर की शुद्ध हवा आपके मन को शांत करेगी। बाहर की चहल-पहल देख कर आपका मन खुश होगा और आपको अच्छा लगेगा।
होमियोपैथी से करे घबराहट का इलाज
Homeopathy will Cure Heart Palpitations in hindi
homeopathy se kare anxiety ka ilaj
अगर किसी अच्छे होमियोपैथी डॉक्टर की सलाह लेकर सही ढंग से होमियोपैथी की दवाइयों का चुनाव किया जाता है तो यह इलाज के लिए बहुत ही कारगर साबित होता है।
होमियोपैथी की दवाइयों का कोई सीधा दुष्प्रभाव हमारे शरीर पर नहीं होता, जैसा कि एलोपैथिक दवाइयों में होता है। होमियोपैथी की दवाईयां लेने के समय आपको खाने पीने में कुछ परहेज़ करना पड़ सकता है। होमियोपैथी दिल की घबराहट दूर करने के लिए अच्छा विकल्प है।
धुकधुकी से बचने के लिए दिनचर्या में बदलाव लाएं
Change Your Lifestyle To Reduce Heart Palpitation in hindi
Dincharya mein laye badlav in hindi
अक्सर घबराहट और इससे होने वाले अन्य विकारों का मुख्य कारण होता है खराब दिनचर्या। समय से नहीं उठना, कम सोना या ज्यादा सोना, गलत खान-पान, आदि आपके शरीर और मस्तिष्क पर गलत प्रभाव डाल सकते हैं।
घबराहट को कम करने के लिए पौष्टिक आहार बहुत आवश्यक है। पौष्टिक आहार आपके दिमाग और स्वस्थ को तंदुरुस्त रखता है।
पौष्टिक आहार के साथ-साथ कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद लेना बहुत जरुरी है। जितना हो सके सकारात्मक रहने की कोशिश करनी चाहिए और खुश रहने का प्रयास करना चाहिए।
इसके अलावा नियमित रूप से व्यायाम, योग, प्राणायाम आदि करने से दिल की घबराहट से बचा जा सकता है।
दिल की घबराहट को कम करने के घरेलु उपाय
Home Remedies To Reduce Heart Palpitationin hindi
Dil ki ghabrahat ko kam karne ke gharelu upay in hindi
खान-पान में बदलाव से आप दिल में हो रही घबराहट को कम कर सकते हैं। आइये जानते हैं कि डाइट में कौन-से बदलाव आपको घबराहट कम करने में मदद करेंगे।
दिल की घबराहट कम करने के लिए निम्न खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करें :
- फल और सब्जियों का सेवन, कम वसा युक्त दूध और दही खाना
- मछली के सेवन से हार्ट पेलपिटेशन को कम किया जा सकता है मछली में ओमेगा 3फैटी एसिड (omega 3 fatty acid) पाया जाता है जो आपके मस्तिष्क और सेहत के लिए बहुत उपयोगी है [5]
- मैग्नीशियम युक्त भोजन जैसे कद्दू, तरबूज, मेवे जैसे बादाम और काजू के सेवन से घबराहट से बचा जा सकता है
निष्कर्ष
Conclusion in hindi
nishkarsh
घबराहट मात्र हमारे दिल का एक विकार है जिसे बढ़ावा हम खुद देते हैं। हार्ट पेलपीटेशन एक सामान्य अवस्था है और ज्यादातर मामलों में दिल की घबराहट स्वयं ही ठीक हो जाती है।
लेकिन दिल की घबराहट का इलाज दिनचर्या में आसान बदलावों के माध्यम आसानी से किया जा सकता है।
अगर हम सही दिनचर्या, खान-पान आदि अपनायें, चिंता कम करें तो हम भी घबराहट से बच सकते हैं और इससे होने वाले नुकसानों से खुद को बचा सकते हैं।
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Dr. Satabdi Dey
Gynecologist | siliguri
डॉ. शताब्दी डे, पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी में एक प्रसिद्ध आईवीएफ विशेषज्ञ हैं। उन्होंने बहुत सी डिग्री हासिल की है - डी.जी.ओ, एम.एस, डी.एन.बी, एम.आर.सी.ओ.जी। उन्होंने डॉ. अनिरुद्ध बडेडे के गाइडेंस में चिकित्सा डायग्नोस्टिक्स, मुंबई से अल्ट्रासोनोग्राफी की ट्रेनिंग और डॉ. प्रकाश त्रिवेदी, मुंबई के गाइडेंस में एडवांस इनफर्टिलिटी में प्रशिक्षण प्राप्त किया, जो सभी FOGSI द्वारा मान्यता प्राप्त हैं।
संदर्भ की सूचीछिपाएँ
1 .
Amandeep Goyal; Kenneth J. Robinson; Kristian E. Sanchack. "Palpitations".Treasure Island (FL): StatPearls Publishing; 2020 Jan, 12 July 2019, PMID: 28613787.
आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 10 Jun 2020