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ज्यामितीय आकृतियों की एक ऐसी पहेली जिसके टुकड़ों
(आकारों) को अलग-अलग दिशाओं में एक साथ जोड़कर तरह-तरह की आकृतियों का निर्माण कर बच्चों में सृजनात्मकता (रचनात्मकता) का विकास किया जाता है। इस पहेली खेल को ही 'टेनग्राम' कहते हैं।
टेनग्राम पहेली में सात प्रकार की आकृतियाँ होती हैं, जो कि किसी वर्गाकार आकृति को काटकर बनाई जाती हैं। वर्ग से आकृतियाँ इस प्रकार काटी जाती हैं कि जिन्हें सटाकर स्थापित करने पर अभीष्ट आकृति बन जाये। इन आकृतियों को 'टैन' कहा जाता है।
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यदि कोई आकृति जिसकी केवल बाहरी सीमा रेखा अर्थात खाका दिया गया हो, टैनग्राम की आकृतियों से सीमा रेखा के अंदर जमाने को कहा जाता है। यह भी निर्देश दिया जाता है कि सीमा रेखा के अंदर कोई भी स्थान शेष न बचे और न ही आकृतियाँ एक दूसरे के ऊपर चढ़ी हुई हो। विद्यार्थीगण अपनी कल्पना एवं तर्क-शक्ति से सातों टुकड़ों के द्वारा दी गई आकृति का निर्माण करते हैं।
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टेनग्राम की आकृतियाँ–
टेनग्राम पहेली की आकृतियाँ ज्यामितीय आकृतियाँ होती हैं जिसमें पाँच त्रिभुजाकार, एक समानान्तर चतुर्भुजाकार और एक वर्गाकार होता है। इस तरह कुल सात आकृतियाँ होती हैं। टैनग्राम पहेली बाजार में उपलब्ध है जो कि किसी वर्गाकार गत्ते या हार्ड बोर्ड के टुकड़े में काट कर बनाया जाता है।
टैनग्राम का आविष्कार एवं विकास–
टैनग्राम का आविष्कार चीन में हुआ माना जाता है। चीन में इस पहेली को 'chi chio pen' नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि एक बार चीन के राजा ने एक वर्गाकार दर्पण मँगवाया। किंतु राजा के सेवक के हाथों से गिरकर वह वर्गाकार दर्पण टूट गया। दर्पण सात प्रकार की आकृतियों में विभक्त हो गया। उस सेवक ने हर प्रकार से उन टूटे हुए दर्पण के टुकड़ों को जमाने की कोशिश की। जब भी वह उन टुकड़ों को जमाने की कोशिश करता तो कोई न कोई नई आकृति बन जाती थी। अन्ततः वह उन टुकड़ों को जमा नहीं पाया किंतु उसे जमाने एवं नयी आकृति निर्माण में बहुत आनंद आ रहा था। फिर उस खेल को उसने अन्य लोगों ने भी देखा। इस तरह धीरे-धीरे करके बात राजा तक पहुँची। राजा ने भी उस दर्पण के टुकड़ों को मँगवाया और जमाने की कोशिश की। राजा से भी तरह-तरह की आकृतियाँ बनने लगी, जिसे देखकर उसे बड़ा आनंद आया। इस तरह धीरे-धीरे इस पहेली का पूरे चीन में विकास हुआ और बाद के दशकों में पूरे विश्व में या पहेली (खेल) लोकप्रिय हो गया।
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इस तरह टैनग्राम पहेली आज पूरे विश्व के बच्चों का आनंद का खेल (पहेली) बन गया है। यह पूरे विश्व में अपने तरह की सर्वाधिक लोकप्रिय खेल है। बच्चे साथ-साथ मिलकर बड़ी रुचि के साथ खेलते हैं। अधिक जानकारी के लिए दिया गया वीडियो अवश्य देखें।
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आशा है, उपरोक्त जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।
धन्यवाद।
R F Temre
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(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण
होगी।)
Thank you.
R F Temre
infosrf.com
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(संबंधित जानकारी के लिए नीचे दिये गए विडियो को देखें।)
तंग्राम से बनी एक मानव-जैसी आकृति
तंग्राम की सात मूल आकृतियाँ (टुकड़े)
तंग्राम (चीनी भाषा : 七巧板; पिन्यिन : qī qiǎo bǎn; शाब्दिक अर्थ : शलता के साथ बोर्ड) एक पहेली वाली खेल है जिसमें सात प्रकार की आकृतियों वाले बोर्ड होते हैं जिनको सटाकर जमाना होता है ताकि दी हुई आकृति बन जाय। चपटी आकृतियों को 'टैन' कहते हैं। जिस आकृति को बनाना होता है उसका केवल बाहरी सीमारेखा (आउटलाइन) ही दी गयी होती है और अपनी कल्पना-शक्ति का प्रयोग करके सभी सात टुकड़ों का प्रयोग करके हुए वह आकृति बनानी होती है। इसमें सीमारेखा के अन्दर कहीँ खाली स्थान नहीं बचना चाहिये या आकृतियाँ एक-दूसरे पर चढ़ी हुई नहीं हों।
इस खेल का विकास मूलतः चीन में हुआ किंतु कब हुआ, यह ठीक-ठीक पता नहीं है। चीन से यह नवीं शती में व्यापारिक जहाजों के माध्यम से यूरोप पहुँची। यूरोप में कुछ काल के लिये यह बहुत लोकप्रिय हुई और बाद में प्रथम विश्वयुद्ध के समय में भी काफी लोकप्रिय रही। यह विश्व की अपने तरह की सर्वाधिक लोकप्रिय खेल है।
परिचय[संपादित करें]
तंग्राम एक रोचक खेल है। इसे हर जगह अपने साथ आसानी से लेकर भी जाया जा सकता है और अन्य बच्चों के साथ मिलकर खेला भी जा सकता है।
तंग्राम का आविष्कार चीन में हुआ माना जाता है। चीन में इसे `ची चिओ पेन` के नाम से जाना जाता है। जिस तरह तंग्राम एक रोचक खेल है, वैसे ही इसके आविष्कार की कहानी भी रोचक है। चीन के राजा के लिए एक बार उसके सेवक एक स्कवॉयर शीशा लेकर आ रहे थे। गलती से वह शीशा गिरकर टूट गया, मजे की बात यह थी कि शीशा गिरकर चकनाचूर नहीं हुआ बल्कि स्पष्ट सात टुकड़ों में बंट गया। सेवकों ने शीशे के उन सात टुकड़ों को वापस चौकोर आकार में जोड़ने के लिए बहुत प्रयत्न किया। सेवक जितनी बार टुकड़ों को जोड़ने के लिए समायोजित करते हर बार उन्हें एक नई आकृति मिलती। सेवकों को इस खेल में बड़ा मजा आया और उन्होंने राजा को शीशे के ये सात टुकड़े पजल के रूप में पेश किए। राजा ने भी इस खेल को बहुत पसंद किया। धीरे-धीरे यह खेल पूरे चीन में खेला जाने लगा। 18वीं शताब्दी के मध्य में चीन के किसी व्यक्ति ने तंग्राम को जहाज के जरिए अमेरिका में रह रहे किसी बच्चे को गिफ्ट में भेजा था। 19वीं शताब्दी तक यह अमेरिका से यूरोप में और फिर दुनिया भर में जाना जाने लगा।
तंग्राम को बाजार से खरीदकर लाया जा सकता है या इसे किसी स्कवॉयर गत्ते या कार्डबोर्ड से घर पर भी बनाया जा सकता है। इसकी सात ज्यामितीय आकृतियों में पांच त्रिकोण, एक वर्ग और एक सामानांतर चतुर्भुज होता है। इसके दो बड़े त्रिकोणों का आकार मध्यम आकार के त्रिकोण से दोगुना तथा मध्यम आकार के त्रिकोण का आकार छोटे आकार के त्रिकोण से दोगुना होता है। इसी तरह स्कवॉयर टुकड़े का क्षेत्रफल छोटे आकार के त्रिकोण के क्षेत्रफल से दोगुना और समानांतर चतुर्भुज का क्षेत्रफल स्कवॉयर टुकड़े के बराबर रखा जाएगा।
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
- गर्मी की छुट्टियों में खेलें एक अनोखा खेल- तंग्राम[मृत कड़ियाँ]
- "Tangram" by Enrique Zeleny, Wolfram Demonstrations Project
- "New Tangram paradoxes" by Gianni A. Sarcone, Archimedes Laboratory Project
- Online Tangrams Game at PBS Kids
- "Peces Joc de Tangram" Another online game (contains popups)