श्री कृष्ण की चाकरी करने से मीरा को कौन से तीन लाभ होंगे? - shree krshn kee chaakaree karane se meera ko kaun se teen laabh honge?

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Class 10 Hindi – B Pad Chapter 2 Extra Questions. myCBSEguide has just released Chapter Wise Question Answers for class 10 Hindi.  There chapter wise Test papers with complete solutions are available for download in myCBSEguide website and mobile app. These Extra Questions with solution are prepared by our team of expert teachers who are teaching grade in CBSE schools for years. There are around 4-5 set of solved Hindi Extra questions from each and every chapter. The students will not miss any concept in these Chapter wise question that are specially designed to tackle Board Exam. We have taken care of every single concept given in CBSE Class 10 Hindi –B syllabus and questions are framed as per the latest marking scheme and blue print issued by CBSE for Class 10.

CBSE Class 10 Hindi Ch – 2 Practice Test

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Chapter wise Practice Questions for Class 10 Hindi

पाठ-02 मीरा के पद

निर्देश

  1. सभी प्रश्न अनिवार्य है।
  2. प्रश्न 1 से 3 एक अंक के है।
  3. प्रश्न 4 से 8 दो अंक के है।
  4. प्रश्न 9 से 10 पांच अंक के है।
  1. मीरा के आराध्य देव कौन हैं ?
  2. कृष्ण ने किसकी लाज बचाई थी?
  3. भक्त की रक्षा हेतु भगवान ने कौन –सा अवतार लिया था?
  4. मीराबाई ने श्रीकृष्ण के रूप-सौंदर्य का वर्णन किस प्रकार किया है ?
  5. पहले पद में मीरा ने प्रभु से अपनी पीड़ा हरने की विनती किस प्रकार की है ?
  6. दूसरे पद में मीराबाई श्याम की चाकरी क्यों करना चाहती हैं?
  7. निम्नलिखित पंक्तियों का भाव-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए |
    हरि आप हरो जन री भीर|
    द्रोपदी री लाज राखी,आप बढ़ायो चीर |
    भगत कारण रूप नरहरि,धर् यो आप सरीर |
  8. कृष्ण की चाकरी करने से मीरा को कौन–कौन से तीन लाभ मिल सकेंगे?
  9. मीरा ने अपने पदों में प्रभु के प्रति अपनी भावनाऍ कैसे व्यक्त की हैं?
  10. मीरा ऊँचे-ऊँचे महलों और बीच –बीच में बगिया की कल्पना क्यों की है?

पाठ-02 मीरा के पद
(आदर्श उत्तर)

  1. मीरा के आराध्य देव श्रीकृष्ण हैं|
  2. कृष्ण ने दौपदी की लाज बचाई थी|
  3. भक्त की रक्षा हेतु भगवान ने नरसिंह अवतार लिया था |
  4. मीराबाई ने कृष्ण के रूप सौंदर्य का वर्णन करते हुए कहा है कि उनके मस्तक पर मोर के पंखों से बना सुंदर मुकुट शोभायमान हो रहा है |उनके गले में वनफूलों से बनी हुई माला सुशोभित हो रही है |वे पीले वस्त्र पहनकर मुरली बजाते हुए गाय चरा रहे हैं |
  5. मीरा स्वयं को हरि का जन बताती हैं, इसलिए प्रभु को उनकी पीड़ा हरनी चाहिए |मीरा प्रभु को उनके उस रूप का स्मरण कराती हैं ,जिसमे वे रक्षक बनकर अपने भक्तों की रक्षा करते हैं और उनके कष्ट हरते हैं | उदाहरण के लिए: द्रौपदी की लाज बचाना,भक्त प्रह्लाद की रक्षा करना,डूबते हुए हाथी को बचाना आदि| मीरा ने हरि से अपना उद्धार करने की गुहार लगाई है |
  6. दूसरे पद में मीराबाई श्याम की चाकरी इसलिए करना चाहती हैं,क्योंकि वह दिन-रात कृष्ण के पास रहकर उनके दर्शन करना चाहती हैं |वह उनकी भक्त हैं|वह उन्हें प्रसन्न करने के लिए उनके बाग-बगीचे में काम करना चाहती हैं,ताकि श्रीकृष्ण यह सब देखकर प्रसन्न हो सकें और मीरा को उनकी कृपा प्राप्त हो सके |
  7. मीराबाई श्रीकृष्ण से प्रार्थना करती हैं कि हे ईश्वर!केवल आप ही इस दासी के कष्टों को दूर कर सकते हैं|आपने ही द्रौपदी की साड़ी को बढ़ाकर उसे अपमानित होने से बचाया था|आपने नरसिंह अवतार लेकर प्रह्लाद को बचाया | आपने डूबते हुए हाथी को बचाया |प्रस्तुत पंक्तियों में मीरा का दास्य-भाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है |प्रस्तुत पंक्तियाँ गेयात्मक हैं |
  8. कृष्ण की चाकरी करने से मीरा को तीन लाभ होंगे|वह कृष्ण के नित्य दर्शन पा सकेंगी|वह चाहती हैं कि वृन्दावन की गलियों में कृष्ण की लीला का यशोगान करें |उनकी तीसरी और अंतिम इच्छा है कि किसी प्रकार उन्हें श्रीकृष्ण की भक्ति प्राप्त हो जाए |अपने इन्हीं तीन इच्छाओं को उन्होंने तीन लाभ बताया है|
  9. मीरा ने अपने पदों में अपने आराध्य देव के प्रति अनन्य भक्ति-भाव को व्यक्त किया है |उनके गिरधर गोपाल हमेशा अपने भक्तों पर दया-भाव रखते हैं| मीरा भी इसी दया –भाव को पाने की आकांक्षा रखती हैं इसलिए वे दासी बनने को भी तैयार हैं|श्रीकृष्ण के रूप –माधुर्य का वर्णन करते हुए वे भाव-विभोर हो जाती हैं| उन्होंने अपने पदों में कृष्ण से मिलने की अधीरता को व्यक्त किया है जो भक्त की स्थिति को दर्शाती है |
  10. मीरा ऊँचे-ऊँचे महलों और बीच-बीच में बगिया की कल्पना इसलिए करती हैं ,क्योंकि वृन्दावन में कृष्ण का भव्य और ऊँचा महल है|वह इस महल के बीचों –बीच सुंदर फूलों से सजी फुलवारी बनाना चाहती हैं ,ताकि जब कृष्ण वहाँ आएँ तो इन फूलों से सजी फुलवारी को देखकर खुश हो जाएँ और मीरा उनके इस मोहित कर देने वाले रूप के दर्शन कर सकें |

CBSE Class 10 Hindi – B Chapter list

कृष्ण की चाकरी करने से मीरा को कौन कौन से तीन लाभ है?

कृष्ण की चाकरी करने से मीरा को कौन–कौन से तीन लाभ मिल सकेंगे?.
वह कृष्ण के नित्य दर्शन पा सकेंगी|.
वह चाहती हैं कि वृन्दावन की गलियों में कृष्ण की लीला का यशोगान करें |.
उनकी तीसरी और अंतिम इच्छा है कि किसी प्रकार उन्हें श्रीकृष्ण की भक्ति प्राप्त हो जाए |.

कृष्ण की चाकरी करने से मीरा को कौन कौन से तीन लाभ प्राप्त होंगे 20 से 30 शब्दों में?

कृष्ण की चाकरी करने से मीरा को कृष्ण के दर्शन प्राप्त हो सकेंगे। मीरा बाई श्याम की चाकरी इसलिए करना चाहती है क्योंकि मीराबाई श्री कृष्ण की सेविका बनकर उनके आसपास रहना चाहती है और उनके बार-बार दर्शन करना चाहती हैं। सेवक सदा अपने स्वामी के आसपास रहता है मीराबाई श्री कृष्ण के आसपास रहकर उनकी लीला का गुणगान करना चाहती हैं।

कृष्ण की चाकर बनकर मीरा क्या क्या क्या प्राप्त करना चाहती है?

कृष्ण को सर्वस्व समर्पित कर चुकी हैं। वे कृष्ण की दासी बनकर उनके दर्शन का सुख पा सकेगी और उनके समीप रह पाएगी। इस प्रकार मीरा दासी बनकर श्री. कृष्ण के दर्शन, नाम स्मरण रूपी जेब-खर्च और भक्ति रूपी जागीर तीनों प्राप्त कर अपना जीवन सफल बनाना चाहती हैं।

मीरा द्वारा कृष्ण की चाकरी करने का क्या अर्थ है?

दासी मीराँ लाल गिरधर, हरो म्हारी भीर । 3. चाकरी में दरसण पास्यूँ, सुमरण पास्यूँ खरची । भाव भगती जागीरी पास्यूँ, तीनूं बाताँ सरसी ।

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