- किसी निश्चित अर्थ का बोध कराने वाले शब्दों को सार्थक शब्द कहा जाता है।
- जिस प्रकार मोहन, घर, रात, आना, नीचे, ऊपर आदि सार्थक शब्द हैं।
शब्द भेद
व्याकरण के अनुसार सार्थक शब्दों के आठ भेद होते हैं-
- इनमें से प्रथम चार प्रकार के शब्द- संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया विकारी होते हैं, क्योंकि ये शब्द लिंग, वचन, कारक आदि से विकृत हो जाते हैं।
संज्ञा
- किसी व्यक्ति, स्थान, पदार्थ और भाव का बोध कराने वाले शब्दों को 'संज्ञा' कहते हैं।
- संज्ञा के तीन भेद होते हैं- व्यक्तिवाचक, जातिवाचक और भाववाचक।
सर्वनाम
- जो शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयोग में आते हैं, उन्हें 'सर्वनाम' कहते हैं।
- सर्वनाम के छ: भेद होते हैं- पुरुषवाचक, निजवाचक, निश्चयवाचक, अनिश्चवाचक, प्रश्नवाचक और सम्बन्धवाचक।
विशेषण
- जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता प्रकट करते हैं, उन्हें विशेषण कहते हैं।
- विशेषण के चार प्रमुख भेद होते हैं- गुणवाचक, संख्यावाचक, परिमाणवाचक, संकेतवाचक।
क्रिया
- जिन शब्दों में से किसी कार्य या व्यापार के होने या किये जाने का बोध होता है, उन्हें क्रिया कहते हैं। जैसे, उठना, बैठना, सोना, जागना, आना, जाना, खाना, पीना आदि।
- सामान्य रूप से क्रिया के दो भेद होते हैं- सकर्मक क्रिया और अकर्मक क्रिया।
- परन्तु इसके अलावा पाँच और भेद होते हैं- संयुक्त क्रिया, अपूर्ण क्रिया, प्रेरणार्थक क्रिया, सहायक क्रिया और पूर्वकालिक क्रिया।
- इनके अतिरिक्त शेष चार प्रकार के शब्द- क्रियाविशेषण, सम्बन्धबोधक, समुच्यबोधक और विस्मयादिबोधक अविकारी होते हैं, क्योंकि ये लिंग, वचन, कारक आदि से कभी विकृत नहीं होते हैं। इनको 'अव्यय' भी कहा जाता है।
क्रियाविशेषण
- जिन अविकारी शब्दों से क्रिया की विशेषता का बोध होता है, वे क्रियाविशेषण कहलाते हैं।
सम्बन्धबोधक
- जो अविकारी शब्द संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के पहले या पीछे आकर उसका सम्बन्ध वाक्य के किसी अन्य शब्द से कराते हैं, उन्हें सम्बन्धबोधक कहते हैं।
समुच्यबोधक
- जो अविकारी शब्द दो शब्दो, दो वाक्यों अथवा दो वाक्य खण्डों को जोड़ते हैं, उन्हें समुच्यबोधक कहते हैं।
विस्मयादिबोधक
- जो अविकारी शब्द हर्ष, शोक, आश्चर्य, घृणा, क्रोध, तिरस्कार आदि भावों का बोध कराते हैं, उन्हें विस्मयादिबोधक कहते हैं।
आधार |
प्रारम्भिक |
माध्यमिक |
पूर्णता |
शोध |
संबंधित लेख
व्याकरण · वर्णमाला · देवनागरी वर्णमाला · पंचमाक्षर · शब्द · स्वर · व्यंजन · विलोम शब्द · सार्थक शब्द · निरर्थक शब्द · क्रिया · विशेषण · संज्ञा · सर्वनाम ·क्रियाविशेषण · अव्यय · सम्बन्धबोधक · समुच्यबोधक · विस्मयादिबोधक · कारक · काल · संधि · उपवाक्य · वचन · वर्तनी · विकारी · समास · अव्ययीभाव समास · तत्पुरुष समास · बहुव्रीहि समास · कर्मधारय समास · द्विगु समास · द्वंद्व समास · अविकारी · तत्सम · पर्यायवाची शब्द · तद्भव · उपसर्ग · विराम चिह्न · रस · अलंकार · छन्द · लिंग · प्रत्यय · प्रश्नवाचक चिह्न · विस्मयसूचक चिह्न · उद्धरण चिह्न · योजक चिह्न · कोष्ठक चिह्न · त्रुटिबोधक चिह्न · रेखांकन चिह्न · लाघव चिह्न · लोप चिह्न · पुल्लिंग · स्त्रीलिंग · हिन्दी संख्याएँ · हल् का महत्त्व · वाक्यांश के लिए एक शब्द · हिंदी के अशुद्ध शब्द · अशुद्ध वाक्यों के शुद्ध वाक्य · वाक्य · वाक्य परिवर्तन · वाक्य विश्लेषण · वाक्य भेद · ऽ · बारहखड़ी · कण्ठ्य व्यंजन · तालव्य व्यंजन · मूर्धन्य व्यंजन · दन्त्य व्यंजन · ओष्ठ्य व्यंजन · अन्तःस्थ व्यंजन · महाप्राण व्यंजन · संयुक्त व्यंजन · हल् चिह्न · अलंकार शास्त्र · उणादिसूत्र · कूटाक्षरी · पदेन (र) · अभिश्लेषण |
1. सार्थक शब्द-
परिभाषा: वे शब्द जिनका कुछ या कोई अर्थ निकलता हो "सार्थक शब्द' कहलाते हैं।
जैसे-
घर, विद्यालय, पुस्तक, अलमारी, गाड़ी, वायु, आकाश, मुंबई आदि।
2. निरर्थक शब्द-
परिभाषा: वे शब्द जिनका कुछ या कोई भी अर्थ न निकले, 'निरर्थक शब्द' कहलाते हैं।
जैसे-
रोटी-वोटी,
घर - वर
पानी-वानी
खाना-वाना
गाड़ी -वाड़ी
अलग-थलग
चाय-वाय
फल -वल
आदि।
नोट: हिंदी व्याकरण में निरर्थक शब्दों का प्रयोग नहीं किया जाता है। परंतु कभी-कभी बोलचाल भाषा में प्रवाह लाने के लिए निरर्थक शब्दों प्रयोग करते सुनने / देखने को मिलता है।
जैसे-
आपने चाय-वाय पी।
उसने खाना - वाना खाया
आपने पानी - वानी पिया।
अंकिता घर-वर गयी। आदि।
सार्थक शब्दों के भेद-
सार्थक शब्दों के निम्नलिखित 10 भेद होते हैं-
1. एकार्थक शब्द
2. अनेकार्थक शब्द
3. पर्यायवाची/समानार्थक शब्द
4. विलोम/विपरीतार्थक शब्द
5. समरूपीभिन्नार्थक / श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द
6. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द
7. एकार्थक प्रतीत होने वाले शब्द
8. ध्वनिबोधक शब्द
9. शब्द-युग्म
10. समूहवाचक शब्द
सार्थक शब्द (प्रकार) & उदाहरण
1. एकार्थक शब्द-
एकार्थक शब्द का अर्थ है--एक अर्थ वाला।
एकार्थक शब्दों से केवल एक ही अर्थ का बोध होता है।
जैसे- पुस्तक, बुढ़ापा, घर, पर्वत, हिंदी आदि।
2. अनेकार्थक शब्द-
जिन शब्दों से एक से अधिक अर्थों का बोध होता है, उन्हें 'अनेकार्थक शब्द” कहते हैं।
जैसे-
अर्थ - धन, अभिप्राय, हेतु, ऐश्वर्य।
उत्तर - जवाब, एक दिशा, पीछे।
काल - मृत्यु, समय।
कर - हाथ, टैक्स, किरण, हाथी की सूँड़।
3. पर्यायवाची/समानार्थक शब्द
सामान अर्थ वाले शब्द एक दूसरे के पर्यायवाची शब्द कहलाते हैं। एक दूसरे के सामान अर्थ होने के कारण इन्हे समानार्थक शब्द भी कहा जाता है।
जैसे-
कमल= जलज, पंकज, धीरज, कंज, अम्बुज आदि।
चन्द्रमा= हिमांशु, सुधाकर, राकेश, शशि आदि।
4. विलोम/विपरीतार्थक शब्द
किसी शब्द के बिलकुल उल्टा या विपरीत अर्थ वाले शब्द को विलोम या विपरीतार्थक शब्द कहते हैं।
जैसे-
अस्त - उदय
शुष्क - आद्र
विजय - पराजय
5. समरूपीभिन्नार्थक / श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द-
ऐसे शब्द जो सुनने में एक जैसे लगें, परंतु अर्थ की दृष्टि से भिन्न हों, उन्हें 'समरूपीभिन्नार्थक शब्द' कहते हैं; जैसे-
अनल - आग
अन्न - अनाज
तुरंग - घोड़ा
बलि - बलिदान
अनिल - वायु
अन्य - दूसरा
तरंग - लहर
बली - बलवान
6. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द:
ऐसे शब्द जिन्हे किसी शब्द समूह अर्थात "वाक्य अंश" के लिए प्रयोग किया जाता है।
जैसे-
प्रार्थना करने वाला = प्रार्थी
जिसमे लज्जा न हो =निर्लज्ज
7. एकार्थक प्रतीत होने वाले शब्द
ऐसे शब्द जो देखने सामान अर्थ वाले प्रतीत होते हुए भी अलग-अलग अर्थ प्रकट करें, ऐसे शब्दों के अर्थ में बहुत थोड़ा अंतर (सूक्ष्म अंतर) होता है।
जैसे-
अति - बहुत अधिक
अत्यधिक - ज्यादा (तुलना में)
अभिवादन - प्रणाम
अभिनन्दन -स्वागत
8. ध्वनिबोधक शब्द-
जड़ (निर्जीव) और चेतन (सजीव) वस्तुओं में किसी-न-किसी प्रकार की कुछ-न-कुछ ध्वनि अवश्य होती है, उन्हें 'ध्वनिबोधक शब्द' कहते हैं; जैसे-
घड़ी - टिकटिक करना
शेर - दहाड़ना
रेलगाड़ी - छुक-छुक करना
9. शब्द-युग्म
ऐसे शब्द जो सामान होने का भ्रम पैदा करते हैं परंतु उच्चारण की दृष्टि से सामान हो, शब्द युग्म कहलाते हैं। ऐसे शब्दों को सामान उच्चारित शब्द समूह भी कहते हैं।
जैसे-
1) अंस - कन्धा
अंश - भाग
2) अपेक्षा - इच्छा
उपेक्षा - अनादर
10. समूहवाचक शब्द-
किसी समूह का बोध कराने वाले शब्द को 'समूहवाचक शब्द' कहते हैं; जैसे-
गुलदस्ता - (फूलों का)
खज़ाना - (धन का)
कक्षा - (विद्यार्थियों की)
गठरी - (कपड़ों की)