सिर दर्द के लिए कौन सा योग करना चाहिए? - sir dard ke lie kaun sa yog karana chaahie?

शीतकारी: शीतकारी प्राणायाम सिर दर्द की समस्या से तुरंत निजात दिलाने में मददगार माना गया है। इस आसान को करने का तरीका बेहद आसान होता है। इस योग को करते वक्त होंठ खुले रखें और दांत बंद रखें। जीभ को दांत के पीछे लगाएं और धीरे-धीरे सांस अंदर लेकर मुंह बंद करें। थोड़ी देर सांस रोक कर रखें फिर दाएं नाक से हवा बाहर छोड़ें और बाएं से सांस लें।

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Headache Yoga Mudra : योग प्राचीन समय से ही भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहा है. योग करने के कई स्वास्थ्य लाभ है. लेकिन क्या योग सिरदर्द से निपटने में मदद कर सकता है? आइए जानें.

लोगों के बीच सिरदर्द एक आम समस्या है. जिसका आपकी जीवन शैली पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है. सिर दर्द के कारण आपको कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है. सिर दर्द के दौरान नींद की कमी, तनाव, भोजन न करना और डिहाइड्रेशन आदि की समस्या हो जाती है. सिर दर्द के इलाज के लिए आपको अपने जीवन शैली में कुछ बदलाव करने की जरूरत होती है. योग प्राचीन समय से ही भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहा है. योग करने के कई स्वास्थ्य लाभ है. लेकिन क्या योग सिरदर्द से निपटने में मदद कर सकता है? आइए जानें.

सिरदर्द के इलाज करने के लिए योग आसन

तीन योग मुद्राएं जो आपके सिरदर्द को दूर करने में आपकी मदद कर सकती हैं.

शवासन मुद्रा –  इस मुद्रा का मुख्य उद्देश्य शरीर को आराम देना और इंद्रियों को शांत करना है. ये ध्यान करने के लिए एक अच्छी मुद्रा है. ये सिरदर्द और तनाव को दूर करने में मदद कर सकती है. शवासन करने का तरीका.

  • योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं.
  • अपनी शरीर को आराम देने के लिए शरीर को ढीला छोड़ दें. इसकी शुरुआत पैर की उंगलियों से करें.
  • आंखों को बंद कर लें.
  • अपनी श्वास को शांत और धीमी करने की कोशिश करें.
  • जब तक आप आराम न महसूस करें तब तक इस मुद्रा में लेटें.
  • इसे आप 5 से 10 मिनट कर सकते हैं.

सेतु बंधासन या ब्रिज पोज–  जैसा इसके नाम से ही पता चलता है कि इस पोज में शरीर को ब्रिज जैसी संरचना बनाने की जरूरत होती है. ये सिरदर्द के साथ-साथ ऐंठन में भी मदद कर सकता है. इसे करने का तरीका.

  • योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं.
  • अपने हाथों को चटाई पर रखें.
  • अब अपने घुटनों को मोड़ लें. हाथों पर वजन डालें और कूल्हों को ऊपर उठाएं. अपनी सांस को अंदर लें.
  • पैरों को मजबूती से टिका कर रखें. जितना हो सके पीठ मोड़ें. इस दौरान ऊपर की तरफ देखें.
  • इसके बाद कूल्हों को नीचे लाएं और आराम करें.
  • दोहराएं.

शिशुआसन या बच्चे की मुद्रा – ये योग मुद्रा एक बच्चे की तरह होती है. ये शरीर में तनाव और तनाव को दूर करने के साथ-साथ सिरदर्द के इलाज के लिए भी जाना जाता है. इसे करने का तरीका.

माइग्रेन (Migraine) नाड़ीतंत्र की विकृति से उत्पन्न एक रोग है जिसमे बार बार सिर के अर्ध भाग में मध्यम से तीव्र सिरदर्द होता है।  यह सिर किसी एक अर्ध भाग में होता है और दो घंटे से लेकर दो दिन की अवधि तक रहता है। माइग्रेन के आक्रमण के समय अक्सर रोगी प्रकाश और शोर के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हो जाता है।  इसके अन्य लक्षणों में उलटी होना, जी मिचलाना तथा शारीरिक गतिविधियों के साथ दर्द का बढ़ जाना शामिल है।

यूनाइटेड किंगडम के एक न्यास के अनुसार केवल यूनाइटेड किंगडम में लगभग 80 लाख लोग इस रोग से ग्रस्त है।  इनमे से लगभग 20 हजार लोगों को प्रति दिन माइग्रेन (Migraine) के दर्द का दौरा पड़ता है. यह भी माना जाता है कि माइग्रेन के रोगियों की संख्या अस्थमा, मिर्गी व मधुमेह के रोगियों की संयुक्त सख्या से अधिक है।

इस रोग का उपचार कैसे किया जाये?

अगर आप वर्षों से सिर के दो टुकड़े कर देने जैसे दर्द से ग्रस्त है या आपको हाल में ही माइग्रेन (Migraine) के रोग का पता चला है, तो इस दर्द से निजात पाने की दवाओं के अतिरिक्त और भी कई उपाय है। इसमें धमनियों व माँसपेशियों की शल्य चिकित्सा, ओसिपिटल नाड़ी का उद्दीपन, बोटोक्स, बीटा ब्लोकर्स तथा अवसादरोधी औषधियों के प्रयोग से माइग्रेन के दौरों को रोकने की चिकित्सा की जाती है।  पर इन सभी उपचारों के कई घातक दुष्प्रभाव होते हैं।  इन दुष्प्रभावों में हृदयाघात, निम्न रक्तचाप, नींद की कमी, जी मिचलाना इत्यादि प्रमुख है।

तो क्या ऐसा कोई प्राकृतिक तरीका है जिससे हम शरीर को बिना कोई क्षति पहुंचाए इस रोग से मुक्त हो सकें?

“हाँ है” इसका उत्तर योग है।

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8 योगासन माइग्रेन को दूर करने के लिए | 8 Yoga asanas to cure a migraine headache

योग एक प्राचीन स्वास्थ्य रक्षक विधा है जो विभिन्न शारीरिक मुद्राओं व श्वसन क्रियाओं के संगम से सम्पूर्ण स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करती है।  योग से शरीर पर कोई अन्य दुष्प्रभाव नहीं पड़ता।  यहाँ उल्लेखित योगों के दैनिक व नियमित अभ्यास से आप माइग्रेन (Migraine) के अगले आक्रमण से निपटने व बचने के प्रभावी उपाय कर सकते हैं।

हस्त-पादासन | Hastapadasana (Standing Forward bend)

सीधे खड़े होकर आगे की तरफ झुकने से हमारे नाड़ी तन्त्र में रक्त की आपूर्ति अधिक होती है जिससे वह प्रबल होता है।  इससे मन भी अधिक शांत होता है।

सेतुबन्धासन | Setu Bandhasana (Bridge pose)

यह आसन मस्तिष्क को शांत करता है तथा इसके अभ्यास से व्यक्ति चिंता-मुक्त हो जाता है।

शिशु-आसन | Shishuasana (Child pose)

यह आसन नाड़ी तन्त्र को शिथिल व शान्त करता है तथा प्रभावी रूप से पीड़ा को कम करता है।

मर्जरासन | Marjariasana (Cat stretch)

इस आसन से रक्त संचार बढ़ता है और या मन को शांत करता है।

पश्चिमोतानासन | Paschimottanasana (Two-legged Forward bend)

बैठ कर दोनों पैरो को आगे की ओर फैला कर, हाथो को पैर की तरफ लेजाते हुए आगे की ओर झुकने से मस्तिष्क शांत होता है और तनाव दूर होता है. इस आसन से सिरदर्द में भी आराम मिलता है।

अधोमुखश्वानासन | Adho Mukha Svanasana (Downward Facing Dog pose)

नीचे की ओर चेहरा रखते हुए श्वानासन करने से रक्त संचार में वृद्धि होती है जिससे सिर दर्द से मुक्ति मिलती है।

पद्मासन | Padmasana (Lotus pose)

पद्मासन में बैठने से मन शांत होता है और सिर दर्द मिट जाता है।

शवासन |  Shavasana (Corpse pose)

शवासन शरीर को गहन ध्यान के विश्राम की स्थिति में ले जाकर शरीर में शक्ति व स्फूर्ति का संचार करता है।  इसे सभी योग आसनों के अभ्यास के बाद अंत में करना चाहिए।

माइग्रेन (Migraine) का दौरे से असहनीय पीड़ा होती है और यह रोगी के व्यक्तिगत व व्यावसायिक जीवन को क्षति पहुँचाता है।  अपने परिवार-जनों, मित्रों व सहकर्मियों को अपने रोग की स्थिति से अवगत कराएँ।  इससे उन लोगों से आपको मानसिक व भावनात्मक सम्बल प्राप्त होगा। साथ ही वे आपकी स्थिति के बारे में एक सही आकलन कर पाएंगे। अपने डाक्टर की सलाह के बिना कभी भी औषधियों का सेवन बंद न करें. योग माइग्रेन के रोग में आपकी प्रतिरोधक शक्ति को बढाता है पर इसका उपयोग दवाओं के विकल्प के रूप में नहीं करना चाहिए।

इन साधारण योगासनों के अभ्यास से माइग्रेन के आघात का असर काफी कम हो जाता है और समय के साथ कई बार आप स्थायी रूप से रोग मुक्त हो सकते हैं। अत: अब देर किस बात की? अपनी योग की चटाई खोलिए, प्रतिदिन कुछ समय योग करिए और माइग्रेन (Migraine) को हमेशा के लिए अपने जीवन से विदा कीजिये।

योगाभ्यास से शरीर व मन को बहुत प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं। पर ये दवाओं का विकल्प नहीं होते।  यह महत्व पूर्ण की इन योगासनों को हम किसी कुशल प्रशिक्षक से सीखें व् उनके के निर्देशन में अभ्यास करें। यदि आपको कोई शारीरिक दुविधा है तो योगासन करने से पहले अपने डॉक्टर या किसी भी श्री श्री योग प्रशिक्षक से अवश्य संपर्क करें।  श्री श्री योग कोर्स (Sri Sri yoga) करने के लिए अपने नज़दीकी आर्ट ऑफ़ लिविंग सेण्टर पर जाएं। किसी भी आर्ट ऑफ़ लिविंग कोर्सके बारे में जानकारी लेने के लिए हमें info@artoflivingyoga.org पर संपर्क करें।

सिर में दर्द हो तो कौन सा व्यायाम करना चाहिए?

सिरदर्द के पीछे की एक मुख्य वजह तनाव होता है। ऐसे में प्राणायाम का अभ्यास करना आपके लिए कई तरह से फायदेमंद होता है। आपको कई तरह के प्राणायाम जैसे ओम् चैटिंग, कपालभांति प्राणायाम, अनुलोम-विलोम प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम आदि का अभ्यास अवश्य करना चाहिए।

सुबह कितने बजे उठकर योग करना चाहिए?

योग करने का सबसे अच्छा समय सुबह 4 से 7 बजे का होता है। ऐसा न कर पाने पर सूर्यास्त के बाद भी कर सकते हैं। अगर इसके अलावा कर रहे हैं तो खाना खाने के 4 घंटे बाद ही करें। योग करने के लिए हमेशा ऐसे कपड़े पहनें जिसमें आप कंफर्टेबल हों और थोड़े ढीले होने चाहिए

सुबह उठकर कौन सा व्यायाम करना चाहिए?

शरीर को फिट और दिमाग को शांत रखने के लिए सुबह-सुबह करें ये योगासन.
सूक्ष्म व्यायाम (Warm-Up).
समस्थिति (Balanced Pose).
समस्थिति के फायदे.
वृक्षासन (Tree Pose).
वृक्षासन के फायदे.
मार्जरी आसन (Cat Pose).
मार्जरी आसन के फायदे.
वज्रासन (Thunderbolt pose).

सिर दर्द का कारण क्या हो सकता है?

तनाव से जुड़ा सिरदर्द, कंधों, गर्दन, जबड़े, मांसपेशियों और खोपड़ी में तनाव के चलते होता है. बहुत ज्यादा काम करने, पर्याप्त नींद न लेने, समय पर खाना न खाने और शराब का सेवन करने की वजह से ऐसा सिरदर्द होता है. जीवनशैली में बदलाव करने, पर्याप्त मात्रा में आराम करने या दर्द निवारक दवा लेने से इस दर्द में राहत मिलती है.

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