राजस्थान 2022 में भूमि रूपांतरण नियम - raajasthaan 2022 mein bhoomi roopaantaran niyam

हिंदी न्यूज़ राजस्थानराजस्थान: सदन में राजस्थान भू-राजस्व (संशोधन) विधेयक, 2022 ध्वनिमत से पारित, मंत्री धारीवाल बोले-मास्टर प्लान के अनुसार ही दिए जाएंगे10 लाख पट्टे

राजस्थान: सदन में राजस्थान भू-राजस्व (संशोधन) विधेयक, 2022 ध्वनिमत से पारित, मंत्री धारीवाल बोले-मास्टर प्लान के अनुसार ही दिए जाएंगे10 लाख पट्टे

Prem Meenaलाइव हिंदुस्तान,जयपुरWed, 23 Mar 2022 08:17 PM

राजस्थान विधानसभा ने बुधवार को राजस्थान भू-राजस्व (संशोधन) विधेयक, 2022 ध्वनिमत से पारित कर दिया। इससे पहले संसदीय कार्य शांति कुमार धारीवाल ने विधेयक को चर्चा के लिए सदन में प्रस्तुत किया। विधेयक पर सदन में हुई चर्चा के बाद विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों के बारे में बताया। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि मास्टर प्लान के अनुसार ही सेक्टर प्लान बनाकर नियमों के तहत भूखंडों का नियमन किया जायेगा। नदी, नालों, पानी के बहाव, इकोलॉजिकल क्षेत्र में पट्टे नहीं दिए जायेंगे। संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि वर्तमान सरकार द्वारा चलाये जा रहे अभियान के माध्यम से 10 लाख पट्टे वितरित किये जायेंगे।

मास्टर प्लान के अनुसार ही पट्टे दिये जायेंगे

संसदीय कार्य मंत्री धारीवाल ने बताया कि 17 जून 1999 के बाद कृषि भूमि पर अनेक आवासीय कॉलोनियां बसी है। खातेदार ने छोटे-छोटे भूखंड काट दिये, उन पर निर्माण भी हुए। ऐसे लोगों को अब पट्टे देने में दिक्कत आ रही है। ऐसे भूखंडधारियों को मास्टर प्लान के अनुसार ही पट्टे दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि पहले कई तरह के टैक्स लगने की वजह से खातेदार भूमि को रूपांतरित कराने की इच्छा नहीं रखता था और अकृषि कार्यों के पट्टे देना मुश्किल था। इसी तरह अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों ने भी अन्य लोगों को भूमि का बेचान कर दिया है। ऐसे में अब 31 दिसंबर 2021 तक विकसित हो चुकी कॉलोनियों को पट्टे दिये जा सकेंगे। इसीलिए यह विधेयक लाया गया है। पट्टे वितरित करने में मास्टर प्लान का उल्लंघन नहीं किया जायेगा। 

10 लाख पट्टे वितरित किए जाएंगे

संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि वर्तमान सरकार द्वारा चलाये जा रहे अभियान के माध्यम से 10 लाख पट्टे वितरित किये जायेंगे। उन्होंने कहा शहरी क्षेत्र की चारागाह क्षेत्र की कॉलोनियों को भी जांच कराकर पट्टे दिये जायेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि जयपुर में वर्ष 2001 तक जितनी भी गृह निर्माण सहकारी समितियों के दस्तावेज मिले, उनकी बुकलेट बनाई गई है। उनके अनुसार उन्हें पट्टे दिये जा रहे है। उन्होंने कहा कि पट्टे के नियमन में प्राप्त विकास शुल्क से विकास कार्य कराया जायेगा। 

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राजस्थान में कृषि भूमि को आवासीय भूमि में कैसे बदलें?

राजस्थान में, मालिक को अपनी कृषि भूमि को आवासीय उपयोग के लिए परिवर्तित करने के लिए तहसीलदार से संपर्क करना पड़ता है, यदि क्षेत्र 2,000 मीटर से अधिक नहीं होता है। उसी मालिक को उप-विभागीय अधिकारी से संपर्क करना होगा, यदि क्षेत्र 4,000 वर्ग मीटर से अधिक नहीं है।

गैर खातेदार का मतलब क्या होता है?

गैर खातेदारी का मतलब यह हुआ की, - जिन लोगों के पास खेती के लिए जमीन नहीं होती, उन्हें सरकार जमीन आवंटित करती है लेकिन उन्हें तय अवधि तक खातेदारी अधिकार नहीं होते। इसका मतलब यह हुआ की वे अपनी जमीन को ना तो बेच सकते और ना ही किसी अन्य व्यक्ति को ट्रांसफर कर सकते।

धारा 90 ए क्या है?

अब 90 ए के तहत नई व्यवस्था में नगर निगम, नगर परिषद और नगरपालिका के अफसरों को लैंड कंवर्जन के अधिकार दिए गए हैं। इस प्रक्रिया से पूरी प्रक्रिया में तेजी आएगी। राजस्व विभाग का दखल खत्म >90 ए में पालिका स्तर के फैसलों के खिलाफ 30 दिन के भीतर कलेक्टर रैंक के अफसर के पास अपील कर सकेंगे। निपटारा दो माह में होगा। >

राजस्थान भू राजस्व अधिनियम 1956 क्या है?

राजस्थान भू राजस्व अधिनियम 1956 का विस्तार संपूर्ण राजस्थान राज्य में है। इसके तहत भू राजस्व वसूली हेतु राजस्व बोर्ड का गठन किया गया है। राजस्व बोर्ड का गठन- राजस्व बोर्ड को राजस्व संबंधी विवादों के निपटारे का शीर्षस्थ न्यायालय कहा जा सकता है। राजस्थान में यह बोर्ड अजमेर में स्थित है।

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