राहु ग्रह से होती कौन-सी बीमारी, जानिए
राहु को सुधारने के तरीके :
* हनुमान या सरस्वती की पूजा करें।
* बजरंग बाण या हनुमान चालीसा का पाठ प्रतिदिन करें।
* ससुराल पक्ष से अच्छे संबंध
रखें।
* सिर में चोटी वाले स्थान पर बाल बांधकर रखें।
* गोमेद धारण करें।* तिल, जौ किसी हनुमान मंदिर में दान करें।
* जौ या अनाज को दूध में धोकर बहते पानी में बहाएं।
* कोयले को पानी में बहाएं।
* मूली दान में दें।
* मेहतर को शराब, मांस दान में दें।
* सोते समय सिर के पास किसी पत्र में जल भरकर रखें और सुबह किसी पेड़ में डाल दें। यह प्रयोग 43 दिन
करें।
नोट : इनमें से कुछ उपाय विपरीत फल देने वाले भी हो सकते हैं। कुंडली की पूरी जांच किए बगैर उपाय नहीं करना चाहिए। किसी लाल किताब के विशेषज्ञ को कुंडली दिखाकर ही ये उपाय करें।
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राहु ग्रह न होकर ग्रह की छाया है, हमारी धरती की छाया या धरती पर पड़ने वाली छाया। छाया का हमारे जीवन में बहुत असर होता है।
कहते हैं कि रोज
पीपल की छाया में सोने वाले को किसी भी प्रकार का रोग नहीं होता लेकिन यदि बबूल की छाया में सोते रहें तो दमा या चर्म रोग हो सकता है। इसी तरह ग्रहों की छाया का हमारे जीवन में असर होता है।
राहु ग्रह हमारी बुद्धि का कारण है, लेकिन जो ज्ञान हमारी बुद्धि के बावजूद पैदा होता है उसका कारण राहु है। लाल किताब के अनुसार कुंडली में राहु के दोषपूर्ण या खराब होने की स्थिति के बारे में विस्तार से बताया गया है। यहां जानिए संक्षिप्त जानकारी।
अगले पन्ने पर, जानिए कैसे खराब होता राहु...
राहु-केतु का नाम आते ही लोग मन ही मन घबराने लगते हैं. ज्योतिष में पाप ग्रह माने वाले राहु की महादशा में व्यक्ति को तमाम तरह की परेशानियां झेलनी पड़ती हैं. राहु ग्रह के दोषों को दूर करने का उपाय जानने के लिए पढ़ें ये लेख —
राहु से जुड़े दोष दूर करने के उपाय
ज्योतिष में राहु और केतु को छाया ग्रह माना गया है. अंग्रेजी में इसे ड्रैगंस हेड कहा जाता है. भले ही इनका भौतिक अस्तित्व न हो लेकिन ज्योतिष शास्त्र में इनका बहुत महत्व माना गया है. राहु का मुख भयंकर है और सिर पर मुकुट और गले में माला तथा शरीर पर काले रंग का वस्त्र धारण करना है. किसी भी जातक की कुंडली मे राहु–केतु का बहुत प्रभाव पड़ता है.
किसी भी जातक की कुंडली में दु:ख, भय, चिंता, पाप कर्म, आदि के लिए राहु की स्थिति को देखा जाता है. राहु ग्रह के दोष के चलते अक्सर इंसान को अनिद्रा, उदर रोग, मस्तिष्क से संबंधी रोग और मानसिक चिंताएं बनी रहती हैं. राहु के प्रभाव से जातक को हड्डी और चर्म रोग आदि भी होते हैं. यह अक्सर लोगों को आलसी बना देता है. कुंडली में कालसर्पयोग बनने में इन्हीं दो छाया ग्रहों की प्रमुख भूमिका होती है. जिसके होने पर जातक को जीवन में तमाम तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. आइए जानते हैं राहु ग्रह से जुड़े दोष को दूर करने के उपाय के बारे में –
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- यदि किसी जातक की कुंडली में राहु शुभ अवस्था में हो तो उसे रबड़ का व्यापार, लॉटरी, कमीशन, एजेंट, प्रचार विभाग की नौकरी, नगर पालिका, राजनीति से जुड़े कार्य करने चाहिए.
- राहु ग्रह के दोष के चलते अक्सर इंसान को अनिद्रा, उदर रोग, मस्तिष्क से संबंधी रोग और मानसिक चिंताएं बनी रहती हैं. राहु के प्रभाव से जातक को हड्डी और चर्म रोग आदि भी होते हैं. यह अक्सर लोगों को आलसी बना देता है.
- राहु के दुष्प्रभाव से बचने के लिए सबसे पहले अपनी आदतों में बदलाव लाना चाहिए. जैसे उसे सभी प्रकार के नशे से दूर रहते हुए कभी भी क्रोध नहीं करना चाहिए.
- राहु की कृपा पाने के लिए व्यक्ति को अभ्रक, लोहा, तिल, नीले कपड़े, ताम्रपत्र, सात तरह के धान, उड़द, गोमेद, काले पुष्प, तेल, कंबल, आदि का दान करना चाहिए.
- राहु से जुड़े कष्टों को दूर करने के लिए प्रयास करें कि दान किसी दिव्यांग व्यक्ति को करें. दिव्यांग व्यक्ति को उसकी जरूरत का समान दान करने पर राहु शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं.
- राहु ग्रह को शीघ्र प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र का जाप करें –
ध्यान मंत्र
अर्धकायं महावीर्यं चन्द्रादित्यविमर्दनम्.
सिंहिकागर्भसम्भूतं तं राहुं प्रणमाम्यहम्..
तंत्रोक्त मन्त्र
ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः.
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)