पाउली का अपवर्जन का नियम (Pauli exclusion principle) क्वाण्टम यांत्रिकी का एक सिद्धान्त है जिसे सन् 1925 में वुल्फगांग पाउली ने प्रतिपादित किया था। (अपवर्जन का अर्थ होता है – छोड़ना, अलग नियम लागू होना, आदि।) Show
नमस्कार दोस्तों स्वागत करता हूं आप सभी का आप का प्रश्न है पावली का अपवर्जन नियम उदाहरण सहित लिखिए इसकी दो उपयोगिता लिखिए ठीक है तो आइए हम आपका प्रश्न उत्तर को समझते हैं और जो है पाउली के अपवर्जन नियम को समझते हैं तथा उदास की दो उपयोगिता ओं को भी देखते हैं पावली पावली का अपवर्जन नियम अपवर्जन नियम थे जो हमारा श्याम कहते हैं पावली एक्सक्लूजन प्रिंसिपल ठीक है दीपावली का प्रथम नियम क्या कहता है कि किसी परमाणु के किन्हीं दो इलेक्ट्रॉनों के लिए चारो क्वांटम संख्याओं के मान सम्मान नहीं हो सकते हैं अर्थात यह जो पावली का अपवर्जन नियम भी है बताता है कि किसी एक ही कक्षक में जो दो इलेक्ट्रॉन होंगे किसी एक ही कक्षक में जो दो इलेक्ट्रॉन पाए जाएंगे उनके लिए चारो क्वांटम संख्याओं के मानचित्र पर समान नहीं हो सकते यदि हमारी A3 कंडोम हत्याओं के मानदेय अभी सामान भी हो गए तो चौथी क्वांटम संख्या का मान जो होगा वह अवश्य ही होगा जो की होगी हमारी चक्रण क्वांटम संख्या तो यह जोक दक्षिणा और गांव के लिए इसका मान प्लस का एक बटे दो होता है वह मत घुमाओ प्लेस कमान - का एक बटन होता है ठीक है तो इस प्रकार से यह जो है पावली का अपवर्जन नियम है जगह जो है यह हमारे किसी भी कक्षक में जो है वह तीसरा इलेक्ट्रॉन प्रवेश नहीं कर सकता ऐसा जो है हमारा पावली का अपवर्जन नियम बताता है वंचित करता है ऐसे यही तात्पर्य है कि जो है किसी का चकनाचूर अधिकतम तो जाकर रह सकते हैं तथा दूसरे इसका जो प्रयोग है वह यह है कि दोनों इलेक्ट्रॉन विपरीत चक्रण के होते हैं दोनों इलेक्ट्रॉन विपरीत चक्रण के होंगे विपरीत चक्रण के होंगे जो इस प्रकार से जो है यह जो है हमारे पाउली अपवर्जन नियम के दो उपयोग बताए हैं ठीक है तो इसी के साथ जो है हमारे प्रश्न का उत्तर पूर्ण होता है आशा करता हूं आप सभी को तो समझ में आएगा धन्यवाद चूंकि यह नियम परमाणु कक्षक में दो से अधिक इलेक्ट्रॉनों के प्रवेश को अपवर्जित करता है इसलिए ही इसे अपवर्जन का नियम कहते हैं। अतः इस नियम द्वारा यह स्पष्ट होता है कि परमाणु कक्षक में प्रत्येक इलेक्ट्रॉन, दूसरे इलेक्ट्रॉन से भिन्नता रखता है। पाउली नियम की सहायता से किसी कोश में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या की गणना की जा सकती है। एवं कोश में प्रत्येक इलेक्ट्रॉन के लिए चारों क्वांटम संख्याएं भी निर्धारित की जा सकती हैं। अपवर्जन सिद्धांत के उदाहरण1. n = 1 अर्थात् प्रथम ऊर्जा स्तर में इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या तथा प्रत्येक इलेक्ट्रॉन के लिए n, ℓ, m तथा s के मान होंगे? अतः इस उदाहरण द्वारा स्पष्ट होता है कि 1s उपकोश के दोनों इलेक्ट्रॉनों के लिए n, ℓ तथा m क्वांटम संख्याओं के मान एकसमान है। परंतु दोनों इलेक्ट्रॉनों के लिए चक्रण क्वांटम संख्या के मान विपरीत हैं। प्रथम इलेक्ट्रॉन के लिए +1/2 तथा द्वितीय इलेक्ट्रॉन के लिए -1/2 है। हेलो नमस्कार दोस्तों आपका हमारी रसायन विज्ञान की इस वेबसाइट हिंदी केमिस्ट्री में बहुत स्वागत है। यह आर्टिकल पावली के एक नियम पर आधारित है जिसे पाउली अपवर्जन सिद्धांत कहते हैं। अर्थात आप इस महत्वपूर्ण लेख में जानने वाले हैं कि पाउली अपवर्जन सिद्धांत क्या है। दोस्तों इलेक्ट्रॉनों के परमाणु कक्षा को में भरे जाने की स्थिति का नियंत्रण पाउली के इसी नियम के द्वारा होता है। कक्षा 11 के अध्याय परमाणु की संरचना, परीक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। उस अध्याय में पाउली का यह नियम देखने को मिलता है। अतः इसलिए को ध्यान पूर्वक अंत तक जरूर पढ़ें।आज हम जिन प्रश्नों का उल्लेख करेंगे उनमें सबसे मुख्य प्रश्न है कि पाउली अपवर्जन सिद्धांत क्या है? पाउली का अपवर्जन सिद्धांत उदाहरण सहित समझाइए, पाउली का अपवर्जन नियम, पाउली सिद्धान्त में अपवर्जन शब्द का उपयोग क्यों होता है, अपवर्जन का अर्थ क्या है, Pauli Exclusion Principle in Hindi अतः इन सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों का उत्तर जानने के लिए हमारे इस लेख में अंत तक बने रहें। तो चलिए शुरू करते हैं अपना आज का आर्टिकल।
पाउली अपवर्जन सिद्धांतयह पाउली का अपवर्जन सिद्धांत वुल्फगांग पाउली ने दिया था, इनके अनुसार दो समान फर्मिऑन एक ही समय में एक समान प्रमात्रा स्थिति में नहीं रह सकते। यह नियम सन 1925 में दिया गया था। दोस्तों आपके मन में यह विचार आता होगा की पाउली सिद्धान्त में अपवर्जन शब्द का उपयोग क्यों होता है, तो हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अपवर्जन का मतलब होता है अलग होना या भिन्नता रखना। पाउली के इस नियम के अनुसार कुछ तथ्य निम्न प्रकार हैं –
अपवर्जन सिद्धांत के अनुप्रयोगचलिए अपने इसलिए के अंतर्गत वह आपको बताते हैं अपवर्जन सिद्धांत के कुछ महत्वपूर्ण अनुप्रयोग आशा करते हैं आपको पाउली अपवर्जन सिद्धांत क्या है कि परिभाषा अच्छे से समझ में आई होगी। अपवर्जन सिद्धांत के अनुप्रयोग निम्न प्रकार हैं –
क्वांटम संख्या किसे कहते हैं? What is Quantum Numbers?किसी परमाणु के अंदर इलेक्ट्रॉन्स को पूरी तरह से define करने के लिए (जैसे की इलेक्ट्रॉन्स की ऊर्जा , कक्षक , चक्रण आदि) जिन संख्याओं की आवशयकता होती है उन नंबर्स को quantum numbers या क्वांटम संख्या कहते हैं। एक orbital में दो इलेक्ट्रॉनों के लिए प्रत्येक चार Quantum संख्या समान नहीं होती है ये संख्या चार प्रकार की होती हैं-
अपवर्जन सिद्धांत के उदाहरण समझाइएइस नियम के उदाहरण को हम अपने इस लेख पाउली अपवर्जन सिद्धांत क्या है में एक प्रश्न के माध्यम से समझाएंगे। तो चलिए देख लेते हैं की वह प्रश्न क्या है – प्रश्न कुछ इस प्रकार है की n=1 जिसे हम मुख्य क्वांटम संख्या भी कहते हैं, के लिए इलेक्ट्रॉन की कुल संख्या और हर electron के लिए विभिन्न quantum numbers का मान बताइए? n=1 के लिए ऊर्जा स्तर में सिर्फ दो इलेक्ट्रॉन ही पाए जाते हैं जो विपरीत चक्रण के होते हैं और इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1n² होता है। n=1 के लिए l और m का मान शून्य होता है तथा s= +½ और -½ होता है। यहां पर s, spin क्वांटम संख्या है। S उपकोश में पहले इलेक्ट्रॉन के लिए spin क्वांटम no का मान +½ तथा दूसरे इलेक्ट्रॉन के लिए स्पिन या चक्रण क्वांटम संख्या का मन – ½ होता है। अब आप इस उदाहरण के माध्यम से समझ गए होंगे की पाउली अपवर्जन सिद्धांत क्या है? और आपको यह भी पता चल गया होगा की दोनों इलेक्ट्रॉनों के चक्रण क्वांटम संख्या का मान एक दूसरे के विपरीत है। पाउली अपवर्जन सिद्धांत क्या है से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नप्रश्न – पाउली ने अपना अपवर्जन का सिद्धांत कब दिया था? प्रश्न – अपवर्जन का अर्थ क्या है? प्रश्न – पाउली का पूरा नाम क्या है? प्रश्न – परमाणु की खोज किसने की? निष्कर्षदोस्तों हमने अपने आज के इस आर्टिकल में पाउली के अपवर्जन नियम को जाना अर्थात हमने बात की पाउली अपवर्जन सिद्धांत क्या है? Pauli exclusion principle in Hindi के बारे में। इसके अलावा इस नियम के अनुप्रयोग और उदाहरणों पर भी प्रकाश डाला। आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा और आपके लिए जानकारी पूर्ण रहा होगा। इस लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न बाकी रह गया है तो आप हमें प्रतिक्रिया दे सकते हैं। हम आपको शीघ्र ही reply करने की कोशिश करेंगे। बहुत जल्द मिलेंगे एक नए आर्टिकल में। पाउली का अपवर्जन नियम क्या है उदाहरण सहित लिखिए?पाउली का अपवर्जन का नियम (Pauli exclusion principle) क्वाण्टम यांत्रिकी का एक सिद्धान्त है जिसे सन् १९२५ में वुल्फगांग पाउली ने प्रतिपादित किया था। (अपवर्जन का अर्थ होता है - छोड़ना, अलग नियम लागू होना, आदि।) "कोई भी दो समान फर्मिऑन (fermions), एक ही समय में, एक समान प्रमात्रा स्थिति (quantum state) में नहीं रह सकते। "
पाउली के नियम को अपवर्जन का नियम क्यों कहते हैं?Solution : यह नियम किसी कक्षक के अंदर तीसरे इलेक्ट्रॉन की उपस्थिति की सम्भावना को वर्जित करना है । अतः इसे पाउली का उपवर्जन नियम कहते हैं ।
पाली अपवर्जन सिद्धांत के अनुसार किसी एटम की कौन सी चार क्वांटम संख्या एक समान नहीं हो सकती?पाउली का अपवर्जन नियम , पॉली के अपवर्जन सिद्धांत की व्याख्या करें (pauli's exclusion principle in hindi) (pauli's exclusion principle in hindi) पाउली का अपवर्जन नियम , पॉली के अपवर्जन सिद्धांत की व्याख्या करें : किसी भी परमाणु में उपस्थित दो इलेक्ट्रॉन की चारों क्वाण्टम संख्या का मान समान नहीं हो सकता है।
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