एक या एक से अधिक वर्ण/वर्णों से बनी हुई स्वतंत्र सार्थक ईकाई ही 'शब्द' कहलाता हैं। जैसे- एक वर्ण से निर्मित शब्द- न (नहीं) व (और) अनेक वर्णों से निर्मित शब्द-कुत्ता, शेर, कमल, नयन, प्रासाद, सर्वव्यापी, परमात्मा आदि।
भारतीय संस्कृति में शब्द को ब्रह्म कहा गया है। एक से ज़्यादा शब्द मिलकर पद बनते है और पद मिलकर वाक्य बनते हैं।
’शब्द रचना’ का आशय शब्द -निर्माण से हैं शब्दों का निर्माण मुख्यतया चार प्रकार से होता है-
1. समास पद्धति- दो या दो से अधिक शब्दों को मिलाकर जब एक शब्द बनाया जाता है, तो उसे समास पद्धति कहते हैंं। इसमें शब्दों में संधि करके या समास करके नये शब्द बनाये जाते हैं।
उदाहरण - आजीवन, भरपेट, रातोंरात, प्रतिदिन, बेशक, निडर, निस्संदेह, प्रतिवर्ष आदि।
2. व्युत्पत्ति पद्धति- हिन्दी में बहुत से ’मूल’ शब्द हैं; उन शब्दों में उपसर्ग और प्रत्यय आदि लगाकर नये शब्द बनाये जाते हैं। शब्द रचना के इस प्रकार को व्युत्पत्ति पद्धति कहते हैं।
(i) शब्दांश या अव्यय जो किसी शब्द के पहले आकर उसका विशेष अर्थ प्रकट करते हैं, उपसर्ग कहलाते हैं। उपसर्ग = उप (समीप) + सर्ग (सृष्टि करना) का अर्थ है- किसी शब्द के समीप आ कर नया शब्द बनाना।
उदाहरण: प्रहार (प्र + हार), उपकार (उप + कार), आहार (आ + हार)
(ii) जो शब्दांश शब्दों के अंत में विशेषता या परिवर्तन ला देते हैं, वे प्रत्यय कहलाते हैं। जैसे- दयालु= दया शब्द के अंत में आलु जुड़ने से अर्थ में विशेषता आ गई है। अतः यहाँ ‘आलू’ शब्दांश प्रत्यय है।
3. वर्णविपर्यय पद्धति- भाषा विज्ञान के अनुसार वर्ण या अक्षर को आगे-पीछे कर देने या उलट-फेर करने से नये शब्द बन जाते हैं। इसे वर्ण-विपर्यय पद्धति कहते हैं। जैसे- पगला का पागल, जानवर का जनावर ।
4. अर्थपरिवर्तन पद्धति- अन्य भाषाओं से शब्द लेकर नये अर्थ की अभिव्यक्ति के लिए जब नये शब्द बनाये जाते हैं, तो उसे अर्थ परिवर्तन पद्धति कहते हैं। जैसे-रेल + गाड़ी = रेलगाड़ी।
व्युत्पत्ति पद्धति से हिन्दी के मूल शब्दों में उपसर्ग और प्रत्यय लगाकर नये शब्द बनाये जाते हैं। इस पद्धति से अनेक नये शब्दों का निर्माण होता है तथा हिन्दी के शब्द भंडार में इससे पर्याप्त समृद्धि आई है।
इसे सुनेंरोकेंप्र – अधिक, आगे, उत्कृष्ट – प्रथम, प्रबल, प्रहार, प्रभाव, प्रकार, प्रदान, प्रयोग, प्रचार, प्रक्रिया, प्रवाह, प्रपंच, प्रगति, प्रदर्शन, प्रलय, प्रमाण, प्रसिद्ध, प्रख्यात, प्रस्थान, प्रेषण, प्रमेय, प्रवेश, प्रलाप, प्रज्वलित, प्रमोद, प्रकाश, प्रदीप। 19.
परिवार में कौन सा उपसर्ग है?
इसे सुनेंरोकेंउत्तर – परिवार में ‘परि’ उपसर्ग है।
परीक्षा शब्द में कौनसा उपसर्ग जुड़ा है?
इसे सुनेंरोकेंप्रश्न – परीक्षा में कौनसा उपसर्ग है? उत्तर – परीक्षा में ‘परि’ उपसर्ग है।
उनतीस में उन् उपसर्ग का क्या अर्थ है?
इसे सुनेंरोकेंसही उत्तर ‘उन’ है। ‘उन्नीस’ शब्द ‘उन’ उपसर्ग से बना है। ‘उन’ उपसर्ग से बनने वाले अन्य शब्द – उनसठ, उनतीस, उनचालीस, उन्नासी आदि।
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प्रथम में कौन सा प्रत्यय है?
इसे सुनेंरोकेंजैसे प्राथमिक में प्रथम शब्द के बाद इक लगा है तो इक प्रत्यय हुवा ।
परिवार शब्द में कौन सा प्रत्यय है?
इसे सुनेंरोकेंपारिवारिक- विशेषण [संस्कृत पारिवार + इक (प्रत्यय)] परिवार से संबंधित ।
परिवार का प्रत्यय क्या है?
इसे सुनेंरोकेंपरि (उपसर्ग) + वार (मूल शब्द) |
परीक्षा में मूल शब्द और उपसर्ग क्या है?
इसे सुनेंरोकेंउपसर्ग=परीक्षा क्षा।
परीक्षा शब्द में प्रत्यय कौन सा है?
जो शब्दांश शब्दों के अंत में जुड़कर उनके अर्थ में कुछ मतलब लाते हैं, वे प्रत्यय कहलाते हैं। चलिए उपसर्ग और प्रत्यय (Upsarg Pratyay) विस्तार से जानते हैं।…संस्कृत के उपसर्ग (तत्सम)
उपसर्गअर्थउपसर्ग से बने शब्दपरिचारों ओरपरिक्रमा, परिवार, परिपूर्ण, परिश्रम, परीक्षा, पर्याप्तलुहारिन में कौन सा प्रत्यय लगा है?
इसे सुनेंरोकेंअतः ‘लुहार’ में ‘आर’ प्रत्यय और ‘लोहा’ मूल शब्द है।
निराशा में कौन सा उपसर्ग है?
इसे सुनेंरोकें13. निर् – निषेध, विपरीत, बड़ा, बाहर – निर्लज्ज, निर्भय, निर्णय, निर्दोष, निरपराध, निराकार, निराहार, निर्धन, नीरोग, निराशा, निर्विघ्न, निर्दोष, निर्गुण, निरभिमान, निर्वाह, निर्जन, निर्यात, निर्दयी, निर्मल, निर्भीक, निरीक्षक, निर्माता, निर्वाचन, निर्विरोध, निरर्थक, निरस्त, निर्निमेष, निर्भय, निरंजन, निरुपम।
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वीक्षक में कौन सा उपसर्ग है?
इसे सुनेंरोकेंदिर्घ संधि में परिवर्ति होने वाले उपसर्ग वि – वीक्षक, वीक्षण, वीप्सा। परि – परीक्षक, परीक्षण, परीक्षा।
निराशा में मूल शब्द क्या है?
इसे सुनेंरोकेंनिराशा संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] नाउम्मेदी । आशा का अभाव ।
पूर्व जन्म में कौन सा उपसर्ग है?
इसे सुनेंरोकेंपुनर्जन्म में उपसर्ग है – पुनः ।
संतान में कौन सा उपसर्ग है?
इसे सुनेंरोकेंउपसर्ग (प्र, प्रा, अप, सम, अव, अस, निः इत्यादि) ऐसे शब्द हैं जो दूसरे शब्दों के साथ मिलकर नया शब्द बनाकर अर्थ बदल देते हैं या अर्थ उलट देते हैं।