Solution : पहले विश्वयुद्ध के समय भारत का औद्योगिक क्यों बढ़ा इसके अनेक कारण दिए जाते है जिनमे से प्रमुख निम्नांकित है - <br> (क ) प्रथम विश्वयुद्ध में ब्रिटेन ऐसे उलझ गया की उसका ध्यान अपने बचाओ में लग गया। वः भारत में अपने माल का निर्यात न कर स्का जिसके कारण भरत में अपने माल का निर्यात न कर सका जिसके कारण भरत के उद्योगों को पनपने का सुअवसर प्राप्त हो गया। <br> ख ) इंग्लैंड के सब कारखाने निर्यात की विभिन्न चींजे बनाने की बजाय सैनिक सामग्री बनाने में लग गई इसलिए भारतीय उद्योगों को रातोरात एक विशाल देशी बाजार मिल गया।<br> (ग ) एक विशाल देशी बाजार मिलने के अतिरिक्त भारतीय उद्योगों को जब सरकार सामग्री बनाने में लग गई इसलिए भारतीय उद्योगों को जब सरकार द्वार अभी अनेक चींजे जैसे - फौज के लिए वर्दियो , बूट आदि बनाने , टेंट आदि बनाने , घोड़ो के लिए अनेक प्रकार का समान बनाने आदि के उदार मिल गए तो उनमे नै जान आ गई। जैसे - जैसे युद्ध आगे बढ़ता गया भारतीय उश्योग भी प्रगति करते गया। <br> (घ ) पुराने कारखाने के साथ - साथ बहुत सारे नए कारखाने खुल गए जिससे उद्योगपतियों को ही नहीं , वरन मजदूरों और कारीगरों को भी चाँदी हो गई , उनके वेतन बढ़ गई जिससे उनकी काया पलट गई। <br> प्रथम युद्ध में ब्रिटिश सरकार को फंसा देखकर भारतीय नेताओ ने स्वदेशी पर अधिक बल देना शुरू कर दिया तो भारतीय उद्योगों के लिए सोने पर सुहागा वाली बात हो गई । <br> इस प्रकार प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप में प्रथम विश्वयुद्ध भारतीय उद्योगों के लिए वरदान सिद्ध हुआ।
प्रथम प्रथम विश्व युद्ध के समय भारत का औद्योगिक उत्पादन क्यों बड़ा? - pratham pratham vishv yuddh ke samay bhaarat ka audyogik utpaadan kyon bada?
वः भारत में अपने माल का निर्यात न कर स्का जिसके कारण भरत में अपने माल का निर्यात न कर सका जिसके कारण भरत के उद्योगों को पनपने का सुअवसर प्राप्त हो गया।
ब्रिटिश सेना भारतीय सेना के अतिरिक्त भारत में सेवा के लिए भी निरंतर यूनिटों की आपूर्ति करती रही।
प्रथम विश्व युद्ध के लिए यूं तो 28 जून 1914 को ऑस्ट्रिया-हंगरी साम्राज्य के उत्तराधिकारी आर्चड्युक फर्डिनेंड की हत्या को प्रमुख और तात्कालिक कारण माना जाता है, लेकिन इतने बड़े युद्ध के लिए सिर्फ यही वजह नहीं थी बल्कि इसके कई और घटनाक्रम थे, जो विश्व युद्ध के लिए जिम्मेदार थे।