Written By Rjwala Wednesday, February 10, 2021 Add Comment
लोगो ने पूछा की बी ऑलवेज हैप्पी का हिंदी मैं अर्थ क्या होगा तो "हमेशा प्रसन्न रहो"। खुश रहो, आबाद रहो, खुशहाल रहो आदि इसके अनुवाद निकल कर आते है। हालांकि यह प्रयोग कुछ ख़ास पल में किया जाता है। जैसे की जन्मदिन, शादी की सालगिरह और आजकल की पीढ़ी फरवरी में इसका उपयोग कुछ ज्यादा करती है।😂
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Definition परिभाषा
हमेशा: हर एक पल या हर समय
हमेशा: हर एक पल या हर समय
नित्य: जिसका कभी नाश न हो या सदा बना रहनेवाला
नित्य: हर एक दिन
हमेशा: हर एक पल या हर समय
लगातार: बिना विराम के या बिना रुके या बिना क्रम-भंग के
हमेशा: हर एक पल या हर समय
सदृश: आकार, परिमाण, गुण, मूल्य, महत्व आदि के विचार से एक जैसा
लगातार: बिना विराम के या बिना रुके या बिना क्रम-भंग के
सीधा: जिसकी सतह या तल बराबर हो या ऊँची-नीची न हो
हमेशा: हर एक पल या हर समय
बराबर: समान अंतर पर
बराबर: बिना गलती किए हुए
बराबर: पार्श्व या बगल में
समान: किसी प्रतियोगिता या खेल में एक-सा मिलने वाला (स्कोर)
बराबर: अवधि, सीमा आदि के विचार से नियत समय पर
हमेशा: हर एक पल या हर समय
हमेशा: हर एक पल या हर समय
लगातार: बिना विराम के या बिना रुके या बिना क्रम-भंग के
हमेशा: हर एक पल या हर समय
कभी भी: किसी समय भी
हमेशा: हर एक पल या हर समय
हमेशा: हर एक पल या हर समय
हमेशा: हर एक पल या हर समय
हमेशा: हर एक पल या हर समय
अनन्त: जिसकी सीमा न हो
हमेशा: हर एक पल या हर समय
धुनकी: धुनियों की वह कमान जिससे वे रूई धुनते हैं
हमेशा: हर एक पल या हर समय
हमेशा: हर एक पल या हर समय
हमेशा: हर एक पल या हर समय
लगातार: बिना विराम के या बिना रुके या बिना क्रम-भंग के
नित्य: हर एक दिन
हमेशा: हर एक पल या हर समय
हमेशा: हर एक पल या हर समय
हमेशा: हर एक पल या हर समय
हमेशा: हर एक पल या हर समय
हमेशा: हर एक पल या हर समय
हमेशा: हर एक पल या हर समय
हमेशा: हर एक पल या हर समय
हमेशा: हर एक पल या हर समय
हमेशा: हर एक पल या हर समय
हमेशा: हर एक पल या हर समय
अर्थ और पर्यायवाची
हमेशा: हमेशा (फ़ा.) [क्रिया विशेषण] सदा ; सदैव ; हर वक्त।
हमेशा: अव्यय - सदा, सर्वदा, सदैव।
हमेशा: हमेशा - अव्य० [फ़ारसी हमेशह्] सब दिन या सब समय । सदा । सर्वदा । सदैव । जैसे, - (क) वह हमेश ऐसा ही कहता है । (ख) इस दवा को हमेशा पीना । मुहावरा - हमेशा के लिये=सब दिन के लिये ।
सदा: सदा1 संस्कृत [अव्यय] 1. हमेशा ; नित्य ; शाश्वत 2. हर समय ; निरंतर ; अविराम ; लगातार 3. किसी भी स्थिति में।
सदा: सदा2 अरबी [संज्ञा स्त्रीलिंग] 1. पुकार ; आवाहन ; रट 2. ध्वनि ; शब्द ; आवाज़ ; प्रति ध्वनि 3. अज़ान 4. याचना ; फ़रियाद 5. आहट 6. संगीत में कोई मधुर स्वर लहरी 7. माँगने की आवाज़।
सदा: क्रिया विशेषण - नित्य, हमेशा, हरसमय ;
सदा: क्रिया विशेषण - निरंतर, लगातार।
सदा: सदा 1 - अव्य० [संस्कृत] 1. नित्य । हमेशा । सर्वदा । 2. निरंतर । यौगिक शब्द - सदाकांता = एक नदी । सदाकालवह = सर्वदा गतिशील । सदा प्रवहमान । सदातोया = (1) वह नदी जिसमें निरंतर जल बना रहे । (2) सदानीरा । करतोया नदी । (3) एला- पर्णीं । सदापरीभूत = एक बोधिस्त्व का नाम । सदापर्ण = जिसमें हमेशा पत्ते बने रहें । सदाभ्रम = नित्य भ्रमणशील ।
सदा: सदा 2 - संज्ञा स्त्रीलिंग [अरबी] 1. गूँज । प्रतिध्वनि । 2. ध्वनि । आवाज । शब्द । 3. पुकार । मुहावरा - सदा देना या लगाना = फकीर का भीख पाने के लिये पुकारना । यौगिक शब्द - सदाए गैब = आकाशवाणी । सदाए हक = सत्य की आवाज । इन्साफ की बात ।
नित्य: नित्य संस्कृत [विशेषण] 1. उत्पत्ति और विनाश से रहित ; सदा बना रहने वाला ; अविनाशी ; अनश्वर ; अखंड 2. प्रतिदिन किया जाने वाला। [अव्यय] 1. सदा ; हमेशा 2. हर रोज़।
नित्य: नित्य 3 - संज्ञा पुलिंग [संस्कृत] सागर । समुद्र [को कहते हैं] ।
नित्य: नित्य 2- अव्य० 1. प्रतिदिन । रोज रोज । जैसे- वह नित्य यहाँ आता है । 2. सदा । सर्वदा । अनवरत । हमेशा ।
नित्य: नित्य 1- विशेषण [संस्कृत] 1. जो सब दिन रहे । जिसका कभी नाश न हो । शाश्वत । अविनाशी । त्रिकालव्यापी । उत्पत्ति और विनाशरहित । जैसे,-ईश्वर नित्य है । विशेष- न्याय मत से परामाणु नित्य हैं । सांख्य मत से पुरुष और प्रकृति दोनों नित्य है । वेदांत इन सबका खंडन करके केवल ब्रह्म के नित्य कहता है । 2. प्रतिदिन का । रोज का । जैसे, नित्यकर्म ।
निरंतर: निरंतर संस्कृत [क्रिया विशेषण] 1. सदा ; हमेशा 2. लगातार ; बिना किसी अंतराल के। [विशेषण] 1. जिसके बीच में अंतर न पड़े ; जिसका क्रम टूटा न हो ; अखंड 2. लगातार होने वाला 3. सदा बना रहने वाला ; अक्षय ; स्थायी 4. भेदरहित ; अभिन्न।
निरंतर: विशेषण - अंतर रहित, लगातार।
निरंतर: निरंतर 2 - क्रिया विशेषण लगातार । बराबर । सदा । हमेशा । जैसे, - उन्नति निरंतर होती आ रही है ।
निरंतर: निरंतर 1 - विशेषण [संस्कृत निरन्तर] 1. अंतररहित । जिसमें या जिसके बीच अंतर या फासला न हो । जो बराबर चला गया हो । अत्रिच्छिन्न (देश के संबंध में) । 2. निबिड़ । घना गझिन । 3. जिसकी परंपरा खंड़ित न हो । अविच्छिन्न । लगातार होनेवाला । बराबर होनेवाला । जैसे, निरंतर प्रवाह (काल के संबंध में) । 4. सदा रहनेवाला । बराबर बना रहृनेवाला । स्थायी । जैसे, निरंतर नियम, निरंतर प्रेम । 5. जिसमें भेद या अंतर न हो । जो समान या एक ही हो । 6. जो अंतर्धान न हो । जो द्दष्टि से ओझल न हो ।
बराबर: बराबर फ़ारसी [विशेषण] 1. समान ; तुल्य ; सदृश 2. गुण, महत्व, मात्रा, मान, मूल्य संख्या आदि के विचार से जो किसी के तुल्य या समान हो 3. समतल। [अव्यय] 1. एक पंक्ति में 2. लगातार 3. साथ ; पास 4. सदा।
बराबर: विशेषण - जो तुलना के विचार से एकसा हो, समान ;
बराबर: विशेषण - (तल) जो ऊँचा नीचा या खुरदरा न हो सम।
बराबर: क्रिया विशेषण - लगातार, निरन्तर।
बराबर: बराबर 1 - विशेषण [फ़ारसी बर ?] 1. मान, मात्रा, संख्या, गुण, महत्व, मूल्य, आदि के विचार से समान् । किसी के मुकाबिले में उससे न कम न अधिक । तुल्य । एक सा । जैसे, - (क) चौड़ाई में दोनों कपड़े बराबर हैं । (ख) सिर के सब बाल बराबर कर दो । (ग) एक रुपया चार चवन्नियों के बराबर है । (घ) इसकै चार बराबर हिस्से कर दो । 2. समान पद या मर्यादावाला । जैसे, - (क) यहाँ सब आदमी बराबर हैं । (ख) तुम्हारे बराबर झूठा ढूँढ़ने से न मिलेगा । मुहावरा - बराबर का = (1) बराबरी करनेवाला । समान । जैसे, - बराबर का लड़का है, उसे मार भी तो नहीं सकते । (2) सामने या बगल का । बराबर छूटना=/?/ हार जीत के निर्णय कै कुश्ती या बाजी समाप्त होना । बराबर से निकलना = समीप से समान भाव से आगे बढ़ना । 3. जिसकी सतह उँची नीची न हो । जो खुरखुरा न हो । समतल । मुहावरा - बराबर करना = समाप्त कर वेना । अंत कर देना । न रहने देना । जैसे, - उन्होंने दो ही चार बरस में अपने बड़ों की सब कमाई बराबर कर दा । 4. जैसा चाहिए वैसा । ठीक ।
बराबर: बराबर 2 - क्रिया विशेषण 1. लगातार । निरंतर । बिना रुके हुए । जैसे, बराबर आगे बढ़ते जाना । 2. एक ही पंक्ति में । एक साथ । जैसे, सब सिपाही बराबर चलते हैं । 3. साथ । (क्व०) । जैसे, - हमारे बराबर रहना । 4. सदा । हमेशा । जैसे, - आप तो बराबर यही कहा करते हैं । यौगिक शब्द - बराबर बराबर =(1) पास पास । साथ साथ । (2) आधा आधा । समान समान ।
सदैव: सदैव संस्कृत [अव्यय] हमेशा ; सदा ; सर्वदा ; हरदम।
सदैव: सदैव - अव्य० [संस्कृत] सदा ही । सर्वदा । हमेशा ।
सर्वदा: सर्वदा संस्कृत [अव्यय] हमेशा ; सदा।
सर्वदा: सर्वदा - अव्य० [संस्कृत] सब काल में । हमेशा । सदा ।
हरदम: हरदम फ़ारसी [क्रिया विशेषण] हर समय ; हमेशा ; सदैव ; प्रतिपल ; प्रतिक्षण ; नित्य ; निरंतर ; लगातार।
सर्वथा: सर्वथा संस्कृत [अव्यय] सब प्रकार से ; हर विचार और दृष्टि से ; बिल्कुल ; सरासर ; पूरा।
सर्वथा: सर्वथा - अव्य० [संस्कृत] 1. सब प्रकार से । सब तरह से । 2. बिलकुल । सब । 3. सर्वदा । हमेशा । निरंतर (को कहते हैं) । 4. पूरी तौर से । पूर्णतः (को कहते हैं) । 5. बहुत अधिक । अत्यंत (को) ।
अनवधि: अनवधि 1- विशेषण [संस्कृत] असीम । बेहद । बहुत ज्यादा ।
अनवधि: अनवधि 2- क्रिया विशेषण निरंतर । सदैव । हमेशा ।
अनवधि : विशेषण शब्द - [संज्ञा शब्द - न-अवधि, न० बहुव्रीहि] जिसकी अवधि न हो। अवधि-रहित। क्रिया विशेषण शब्द - निरंतर। सदैव। हमेशा।
पिन्ना: पिन्ना 1 - विशेषण [हिंदी पिनपिनाना] जो सदा रोता रहे । रोनेवाला । रोना ।
पिन्ना: पिन्ना 3 - संज्ञा पुलिंग [ संस्कृत पींडन या देश०] देशज शब्द देखें 'पीना' 2 । 'पिना' 3 ।
पिन्ना: पिन्ना 2 - संज्ञा पुलिंग [ संस्कृत पिञ्जन] 1. 'पींजन' । 2. धनुकी ।
पिन्ना: (विशेषण) पिनपिनाकर बोलने वाला, नाक से बोलने वाला, स्त्री.. ’पिन्नी’। (बघेली शब्द)
निशिदिन: निशिदिन- क्रिया विशेषण [संस्कृत] रातदिन । सदा । सर्वंदा ।
निसवासर: निसवासर 2 - क्रिया विशेषण नित्य । सदा । हमेशा ।
निसवासर: निसवासर पु - संज्ञा पुलिंग [संस्कृत निशिवासर] रात और दिन ।
नित्यदा: नित्यदा- अव्य० [संस्कृत] सर्वदा । हमेशा ।
सर्वदैव: सर्वदैव संस्कृत [क्रिया विशेषण] हर एक पल या हर समय ; निरंतर ; नित्य ; सदैव ; सर्वदा।
अहर्निश: अहर्निश संस्कृत [क्रिया विशेषण] 1. हर एक पल ; हर समय 2. लगातार ; दिन-रात ; आठों पहर 3. सदा ; नित्य।
अहर्निश: अहर्निश- क्रिया विशेषण [संस्कृत] 1. रातदिन ।2. सदा । नित्य ।
अहर्निश : क्रिया विशेषण शब्द - [संज्ञा शब्द - अहन्-निश,द्व०समास] 1. रात-दिन। 2. नित्य। सदा। 3. निरंतर। लगातार।
अहोरात्र: अहोरात्र संस्कृत [क्रिया विशेषण] हर एक पल ; हर समय ; हमेशा ; सदा ; नित्य। [संज्ञा पुल्लिंग] दिन और रात।
अहोरात्र: अहोरात्र- संज्ञा पुलिंग [संस्कृत] दिनरात । दिन और रात्रि का नाम ।
अहोरात्र : पुल्लिंग [संज्ञा शब्द - अहन्-रात्रि, द्व० समास टच्] दिन और रात दोनों। क्रिया विशेषण शब्द - रात-दिन। सदा।