रत्न दिया गया है निम्न में से कौन सा जीवाश्म ईंधन है अभी क्या आपको चार विकल्प दिए गए हैं आपसे पूछा गया है कि कौन सी वस्तु है जो कि वनस्पति तथा पेड़ पौधों तथा जीव जंतुओं के लाखों करोड़ों साल पहले जब जाने से वालों की अनुपस्थिति में वहां होता है कुछ कहा जाता है जो जीव जंतु तथा वनस्पति के बनल रहे दिल को हम जीवन कहते हैं इसी कारण कहा जाता है लेकिन जमीन में दबने से
किचन में दब जाने पर वायु की अनुपस्थिति तथा उच्च ताप तथा उच्च ताप पर जो कि लाखों करोड़ों साल तक रहने पर ही प्राकृतिक गैस पेट्रोलियम जीव जंतु तथा वनस्पति के जीवाश्म से बनाए हैं कोयला यह भी एक ही बार है क्योंकि यह भी प्राप्त जीव जंतु सरस्वती के जीवन से ही बना है तीसरा दिया गया है पेट्रोलियम पेट्रोलियम बीजेपी के जीवाश्म ईंधन तथा विकल्प है
उसी पर हम सीख लगाएंगे कि किसको दिया गया है इनमें से सभी जीवाश्म ईंधन है किसी ऐसी बातों से बने हैं उम्मीद है कि आप उत्तर मिल गया होगा इसका सही उत्तर है और उसी को हम गलत और सही उत्तर है
हेलो फ्रेंड समारा आज का जो क्वेश्चन दे रखा है निम्न में से कौन सा जीवाश्म ईंधन है हमारा पहला ऑप्शन है लकड़ी दूसरा ऑप्शन है पेट्रोल किस ऑप्शन दे रखा है गोबर गैस और लास्ट ऑप्शन दे रखा है उपरोक्त सभी तो आइए इस प्रश्न का उत्तर देख लेते हैं तो सबसे पहले हमें यह जानना जरूरी है कि यह जो जीवाश्म ईंधन दिया गया है यह है क्या ठीक है तो क्या होता है कि जो जीवाश्म ईंधन एक प्रकार का कई वर्षों पहले बना हुआ एक प्राकृतिक एक प्राकृतिक ईंधन होता है यह लगभग 65 करोड वर्ष पूर्व जीवों के जो जलकर उच्च दाब तथा ताप दबने से हुआ है और यह इंदन क्या-क्या होता है यानी कि जीवाश्म ईंधन किस किस रूप में होता है जैसे कि पेट्रोल हो गया ठीक है डीजल पेट्रोल डीजल यह सब
साथ ही साथ जो कोयला होता है वह यह सारे क्या है यह सारे जीवाश्म ईंधन है और इनका प्रमुख उदाहरण भी यही है क्या है पेट्रोल-डीजल कोयला यह सब क्या है इसके जो मुख्य उदाहरण होते हैं वह यही है कि और जीवाश्म ईंधन से तात्पर्य क्या है तो जीवाश्म ईंधन से तात्पर्य उन दिनों से है जो पेड़ पौधे और जो धरती पर जितने भी लाखों करोड़ों से जो रहते थे वह दब जाते थे जब उन पर ताप और दाब विद्यमान रहते थे तब ठीक है तो उससे पैदा होते थे पेट्रोल या फिर कह सकते हैं कि कोयला पेट्रोलियम प्राकृतिक गैस यह सब तो हमारे ऑप्शन देख लेते हैं तो पहला ऑप्शन क्या तेरे का पहला ऑप्शन दे रखा है लकड़ी लकड़ी तो जीवाश्म ईंधन नहीं है यह हमारे प्रश्न तो नहीं हो सकता चंदेरा काहे पेट्रोल पेट्रोल क्या है जीवाश्म ईंधन एट यह हमारे प्रश्न का सही उत्तर हो जाएगा गोबर गैस तो गोबर गैस भी जीवाश्म ईंधन नहीं है अभी हमारे प्रश्न का उत्तर नहीं हो सकता और जो लास्ट
उपरोक्त सभी यह भी हमारे प्रश्न का सही उत्तर नहीं है सही उत्तर क्या हो जाएगा पेट्रोल आशा है कि आप को इस प्रश्न का उत्तर समझ आया हो वीडियो को देखने के लिए धन्यवाद
लकड़ी कोक प्राकृतिक गैसप्रोड्यूसर गैस
Answer : C
Solution : जीवाश्म ईंधन प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा गठित एक ईंधन है, जैसे जमीन में दबे मृत जीवों के अवायुजीवी अपघटन, जिसमें प्राचीन प्रकाश संश्लेषण में उत्पन्न ऊर्जा होती है। जीवाश्म ईंधन के कुछ सबसे आम उदाहरणों में पेट्रोलियम, कोयले और प्राकृतिक गैस शामिल हैं।
कोल, एक प्रकार का जीवाश्म ईंधन है।
जीवाश्म ईंधन एक प्रकार का कई वर्षों पहले बना प्राकृतिक ईंधन है। यह लगभग 65 करोड़ वर्ष पूर्व जीवों के जल कर उच्च दाब और ताप में दबने से हुई है। यह ईंधन पेट्रोल, डीजल, घासलेट आदि के रूप में होता है। इसका उपयोग वाहन चलाने, खाना पकाने, रोशनी करने आदि में किया जाता है।
उत्पत्ति[संपादित करें]
पेट्रोल और प्राकृतिक गैस करोड़ों वर्ष पूर्व बने थे। यह मुख्यतः नदी या झील के बहुत नीचे होते हैं। जहाँ यह बहुत उच्च ताप और दाब के कारण ईंधन बन जाते हैं। जिसमें यह अलग अलग परत के रूप में होते हैं। जिसमें पेट्रोल, प्राकृतिक गैस आदि के अलग अलग परत होते हैं। अलग अलग गहराई में अलग अलग ताप और दाब मिलने के कारण यह असमानता आती है।
महत्त्व[संपादित करें]
एक बार इसका उपयोग करने के पश्चात इसे दोबारा प्राप्त नहीं किया जा सकता है। इसके निर्माण के लिए बहुत अधिक तापमान और दाब की आवश्यकता होती है। जिसे मानव द्वारा बना पाना वर्तमान में असंभव है। क्योंकि यह ईंधन प्राकृतिक रूप से ही बनी है। साथ ही इसके निर्माण में लाखों वर्षों का समय भी लग गया था। इस कारण इसका पुनः निर्माण और उतने बड़े क्षेत्र का लाखों वर्षों तक अधिक तापमान और दाब में रखने में अधिक पैसे लगेंगे। इसके स्थान पर यदि अक्षय ऊर्जा का उपयोग किया जाता है तो उसमें इससे कम लागत में ऊर्जा मिल जाती है। लेकिन इस ऊर्जा का उपयोग वर्तमान में बहुत महत्वपूर्ण कार्यों में किया जाता है। इस कारण इसका संरक्षण करना अधिक आवश्यक है।[1]
पर्यावरणीय प्रभाव[संपादित करें]
निजी वाहनों और अन्य यातायात के साधन में इसी ईंधन का उपयोग किया जाता है। लेकिन यह एक सीमित मात्रा में ही पृथ्वी में उपस्थित है। साथ ही इसके उपयोग से वायु प्रदूषण के साथ ही पृथ्वी का तापमान भी बढ्ने लगता है। इस कारण कई स्थानों के बर्फ पिघलते हैं, जिससे पर्यावरण का संतुलन बिगड़ जाता है और कुछ स्थानों पर अधिक बारिश होती है और कुछ स्थानों पर सूखे की स्थिति बन जाती है।
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ //web.archive.org/web/20071113215013///www.gr8dubai.com/oil2.htm