नगरीय भूगोल के अध्ययन के दो उपयोग - nagareey bhoogol ke adhyayan ke do upayog

यह मानव भूगोल के अधिवास भूगोल की एक शाखा हैं। जिसके अन्तर्गत शहरों एवं नगरों का अध्ययन, उनकी उत्पति, स्थिति, कार्यात्मक प्रतिरुप, विकास आदि को ध्यान में रखकर किया जाता है।

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नगरीय भूगोल का अध्ययन क्या है?

यह मानव भूगोल के अधिवास भूगोल की एक शाखा हैं। जिसके अन्तर्गत शहरों एवं नगरों का अध्ययन, उनकी उत्पति, स्थिति, कार्यात्मक प्रतिरुप, विकास आदि को ध्यान में रखकर किया जाता है। यह भूगोल से सम्बंधित लेख एक आधार है

नगरीय भूगोल का जनक कौन है?

इसे सुनेंरोकेंसिद्धान्त का प्रतिपादन 1927 में अमेरिकी समाजशास्त्री बर्गेस ने किया था। उनका सिद्धान्त अमेरिका के नगरों, विशेष रूप से शिकागो, के अध्ययन पर निर्भर है।

नगरीय भूगोल का आरंभ काल कब था?

नगरीय भूगोल का आरंभ काल कब था? इसे सुनेंरोकेंनगरीय भूगोल की एक प्रमुख शाखा के रूप में नगरीय भूगोल का अध्ययन किया जाता है। 20वीं शताब्दी के मध्यान्तर से ही नगरीय भूगोल का महत्व बढ़ना शुरू हो गया था

नगरीय भूगोल को इंग्लिश में क्या कहते हैं?

नगरीय भूगोल शब्द अींग्रेजी के 'अबथन 'जजयोग्राफी ' शब्द का हहींदी अनुिाद है।

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