Solution : फ्रांस में राष्ट्र के प्रतीक के रूप में लोकप्रिय ईसाई नाम मारीआन दिया गया। उसे लाल टोपी, तिरंगा और कलगी के साथ दिखाया गया और उसकी प्रतिमाएँ सार्वजनिक चौराहों पर लगाई गई ताकि लोगों को एकता के राष्ट्रीय प्रतीक की याद आती रहे। इसी प्रकार जर्मनी में, जर्मन राष्ट्र के प्रतीक के रूप में जर्मेनिया को रूपक माना गया। उसे बलूत वृक्ष के पत्तों के मुकुट से सजाया गया क्योंकि जर्मनी में बलूत को वीरता का प्रतीक माना जाता है। जिस तरह से मारिआन तथा जर्मेनिया को चित्रित किया गया उसका व्यापक महत्व था। मारिआन की प्रतिमा को स्वतंत्रता एकता और न्याय का प्रतीक माना गया। इससे जनता में इन उद्दात राजनीतिक भावनाओं का संचार हुआ। इसी प्रकार जर्मेनिया का चित्र स्वतंत्रता, शक्ति, बहादुरी, शांति तथा एक नए युग के सूत्रपात का प्रतीक था। जर्मनी की जनता को इससे राष्ट्र के गौरव का बोध हुआ।
मारीआन की प्रतिमा सार्वजनिक चीजों पर क्यों लगाई गई? - maareeaan kee pratima saarvajanik cheejon par kyon lagaee gaee?
उत्तर- फ्रांस में राष्ट्र के प्रतीक के रूप में लोकप्रिय ईसाई नाम मारीआन दिया गया। उसे लाल टोपी, तिरंगा और कलगी के साथ दिखाया गया और उसकी प्रतिमाएँ सार्वजनिक चौराहों पर लगाई गई ताकि लोगों को एकता के राष्ट्रीय प्रतीक की याद आती रहे। इसी प्रकार जर्मनी में, जर्मन राष्ट्र के प्रतीक के रूप में जर्मेनिया को रूपक माना गया।
उत्तर : मारीआन और जर्मेनिया दो नारियों के चित्र हैं। उन्हें राष्ट्रों के रूपकों के रूप में चित्रित किया गया है । मारीआन फ्रांसीसी गणराज्य का प्रतिनिधित्व करती है , जबकि जर्मेनिया जर्मन राष्ट्र का रूपक है ।
जर्मेनिया (Germania) एक पेंटिंग है जो 1848 के क्रांतियों के दौरान मार्च 1848 के अन्त में बनाई गई थी। वास्तव में यह जर्मनी राष्ट्र की महिला रूपक थी (जैसे मारीआन फ्रान्स की महिला रूपक)।
Answer. जर्मनिया, जर्मन राष्ट्र के रूपक था। यह साहस, स्वतंत्रता और शक्ति का प्रतीक है। Explanation: जर्मनिया 1848 के क्रांतियों के दौरान मार्च 1848 के अंत में बनाई गई एक पेंटिंग है।