मोहन किताब पढ़ता है इस वाक्य में कर्ता कौन है? - mohan kitaab padhata hai is vaaky mein karta kaun hai?

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : सकर्मक क्रिया, कर्तृवाच्य, वर्तमान काल, पुल्लिंग, एकवचन, इसका कर्म ‘पुस्तक’ है

'पढ़ता है' पद एक कर्तृवाच्य, सकर्मक क्रिया है जिसका कर्म 'पुस्तक' तथा कर्ता 'मोहन (पुल्लिंग, एकवचन)' है। अन्य विकल्प असंगत हैं। अतः विकल्प 'सकर्मक क्रिया, कर्तृवाच्य, वर्तमान काल, पुल्लिंग, एकवचन, इसका कर्म ‘पुस्तक’ है' सही है।

स्पष्टीकरण

विषय

परिभाषा

उदाहरण

सकर्मक क्रिया

वाक्य में ऐसी क्रिया जिन्हें अर्थ को स्पष्ट करने के लिए कर्म की आवश्यकता होती है, उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं।

जैसे – मोहन पुस्तक पढ़ता है।

अकर्मक क्रिया

वाक्य में ऐसी क्रिया जिसे अर्थ को स्पष्ट करने के लिए कर्म की आवश्यकता नही पड़ती, उसे अकर्मक क्रिया कहते है।

जैसे – रोहन हंस रहा है।

कर्तृवाच्य

क्रिया के जिस रूप में कर्ता प्रधान हो, उसे कर्तृवाच्य कहते हैं।

जैसे - रमेश केला खाता है, दिनेश पुस्तक पढ़ता है।

कर्मवाच्य

क्रिया के जिस रूप में कर्म प्रधान हो, उसे कर्मवाच्य कहते हैं।

जैसे - कवियों द्वारा कविताएँ लिखी गई, रोगी को दवा दी गई।

भाववाच्य

क्रिया के जिस रूप में न तो कर्ता की प्रधानता हो न कर्म की, बल्कि क्रिया का भाव ही प्रधान हो, वहाँ भाववाच्य होता है।

जैसे - मोहन से टहला भी नहीं जाता,
मुझसे उठा नहीं जाता।

वर्तमान काल

क्रिया के जिस रूप से वर्तमान में चल रहे समय का बोध होता है, उसे वर्तमान काल कहते है।

जैसे- पिता जी समाचार सुन रहे हैं, मैं घुमने जाता हूँ।

पुल्लिंग

जिन संज्ञा शब्दों से पुरूष जाति का बोध होता है, उसे पुलिंग कहते है।

जैसे – कुत्ता, बालक आदि।

स्त्रीलिंग

जिस संज्ञा शब्द से स्त्री जाति का बोध होता है, उसे स्त्रीलिंग कहते है।

जैसे – माता, रानी, घोड़ी आदि।

एकवचन

संज्ञा के जिस रूप से एक व्यक्ति या एक वस्तु होने का ज्ञान हो, उसे एकवचन कहते है।

जैसे- स्त्री, घोड़ा, नदी, रुपया आदि।

कर्ता

वाक्य में जो कार्य करता है वो कर्ता कहलाता है।

जैसे – वह खेलता है, तुम रोते हो।

कर्म 

वाक्य में कर्ता के द्वारा किए गए कार्य का फल जिसपर पड़ता है, उसे कर्म कहते हैं।

जैसे – वह रोटी खाता है, तुम किताब पढ़ते हो।

मोहन पुस्तक पढ़ता है इस वाक्य में कर्ता शब्द कौन सा है?

वाक्य में ऐसी क्रिया जिन्हें अर्थ को स्पष्ट करने के लिए कर्म की आवश्यकता होती है, उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं। जैसे – मोहन पुस्तक पढ़ता है। वाक्य में ऐसी क्रिया जिसे अर्थ को स्पष्ट करने के लिए कर्म की आवश्यकता नही पड़ती, उसे अकर्मक क्रिया कहते है।

मोहन किताब पढ़ रहा है कौन सी क्रिया है?

क्योंकि इस वाक्य में कर्ता क्रिया और कर्म तीनो उपस्थित हैं तो यहाँ सकर्मक क्रिया है।

मोहन पुस्तक पढ़ रहा है इस वाक्य में कौनसी शब्द शक्ति का प्रयोग?

अभिधा शब्द शक्ति के उदाहरण- मोहन पुस्तक पढ़ रहा है।

मोहन पुस्तक पढ़ता है वाक्य में विधेय क्या है?

(2) विधेय:- वाक्य में उद्देश्य अर्थात कर्ता के द्वारा जो कार्य किया जाता है, वह विधेय कहलाता है। इसमें –कर्म और क्रिया दोनों होते है, या वाक्य में जब कर्म नहीं होता है तब क्रिया विधेय होती है। जैसे- राम पुस्तक पढ़ता है।

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