कवि ने कविता के माध्यम से क्या संदेश दिया है? - kavi ne kavita ke maadhyam se kya sandesh diya hai?

Que : 342. भाई-बहन' कविता के माध्यम से कवि क्या संदेश देना चाहता है ?

Answer: भाई-बहन' कविता के माध्यम से कवि ने मानव जीवन की अनुभूतियों को प्रभावीरूप से अभिव्यक्त किया है। उन्होंने अपनी कविता में अनेक प्रतीकों के माध्यम से भाई-बहन के प्रेम को व्यक्त करने का प्रयत्न किया। वे मानते हैं कि भाई की क्रियाशीलता तथा बहन की विवेकशीलता मिलकर ही राष्ट्र की उन्नति कर सकती है। उन्होंने अपनी कविता के माध्यम से इन्हीं मानवीय प्रेम भावों को मातृभूमि के प्रेम से जोड़कर उदात्त मानवता का संदेश दिया।

‘कण – कण का अधिकारी’ नामक कविता के कवि हैं श्री रामधारी सिंह दिनकर | यह कविता कुरुक्षेत्र से ली गयी है । आप इस कविता में श्रम तथा श्रामिक के बडप्पन तथा महत्व के बारे में बताते हैं । कवि ने इस कविता में मज़दूरों के अधिकारों का वर्णन किया है । कवि कहते हैं कि मेहनत ही सफलता की कुंजी है । मेहनत करनेवाला व्यक्ति कभी नहीं हारता वह हमेशा सफल होता है । सारा संसार उसे आदर भाव से देखता है । कवि कहते हैं कि एक मनुष्य अर्थ पाप के बल पर संचित करता है तो दूसरा भाग्यवाद के छल पर उसे भोगता है।

कवि कहते हैं कि नर समाज का भाग्य श्रम ही है । वह भुजबल है | श्रमिक के सम्मुख पृथ्वी और आकाश झुक जाते हैं । नतमस्तक हो जाते हैं।

कवि श्रम – जल देनेवाले को पीछे मत रहजाने को कहते हैं । वे कहते हैं कि विजीत प्रकृति से पहले श्रमिक को ही सुख पाने देना चाहिए | आखिर कवि बताते हैं कि इस प्रकृति में जो कुछ न्यस्त है वह मनुजमात्र का धन है । हे धर्मराज उस के कण – कण का अधिकार जन – जन हैं | मतलब यह है कि जो श्रम करेगा वही कण – कण का अधिकारी है।

संदेश : जो श्रम करेगा वही कण – कण का अधिकारी है।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
'मनुष्यता' कविता के माध्यम से कवि क्या संदेश देना चाहता है?

'मनुष्यता' कविता के माध्यम से कवि यह संदेश देना चाहता है कि हमें अपना जीवन परोपकार में व्यतीत करना चाहिए। इस कविता में कवि ने दधीचि, करण, रंतिदेव और उशीनर क्षितिश का उदाहरण देकर मनुष्यता का सन्देश दिया हैं। सच्चा मनुष्य दूसरों की भलाई के काम को सर्वोपरि मानता है। हमें मनुष्य-मनुष्य के बीच कोई अंतर नहीं करना चाहिए। हमें उदार ह्रदय बनना चाहिए । हमें धन के मद में अंधा नहीं बनना चाहिए। मानवता वाद को अपनाना चाहिए। मृत्यु तो निश्चित है अतः ऐसा काम करके जाना चाहिए ताकि लोग हमारे कर्मो से हमें याद रखें। यह कविता मानवता का सन्देश देती है।         

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निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
'मनुष्य मात्र बंधु है' से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।

इस पंक्ति से अर्थ भाईचारे कि भावना से है। 'मनुष्य मात्र बंधु' का अर्थ है कि सभी मनुष्य आपस में भाई बंधु हैं क्योंकि सभी का पिता एक ईश्वर है। हम सभी एक ही पिता परमेश्वर कि संताने हैं इसलिए हम सभी को प्रेम भाव से रहना चाहिए तथा दुसरों की मदद करनी चाहिए। कोई पराया नहीं है। सभी एक दूसरे के काम आएँ। कर्मों के कारण ऊँच -नीच, गरीब- अमीर के भेद तो हो सकते हैं परन्तु मूल रूप से हम एक ही हैं ।

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निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
कवि ने दधीचि, कर्ण आदि महान व्यक्तियों का उदाहरण देकर 'मनुष्यता' के लिए क्या संदेश दिया है?

कवि ने दधीचि, कर्ण आदि महान व्यक्तियों का उदाहरण देकर ‘मनुष्यता’ के लिए उदार होने तथा परोपकारी होने की प्ररेणा दी है। हमे अपने प्राण तक न्योंछावर करने के लिए तैयार रहना चाहिए। दधीचि ने मानवता की रक्षा के लिए अपनी अस्थियॉ तथा कर्ण ने खाल तक दान कर दी। इससे यह सन्देश मिलता है कि इस नाशवान शरीर के प्रति मोह को त्यागते हुए, मानवता के कल्याण के लिए मनुष्य को आवश्यकता पड़ने पर इसका बलिदान करने से भी पीछे नही हटना चाहिए।
 

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निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
कवि ने किन पंक्तियों में यह व्यक्त है कि हमें गर्व रहित जीवन व्यतीत करना चाहिए?

कवि ने निम्नलिखित पंक्तियों के द्वारा इस भाव को व्यक्त करना चाहा है।
रहो न भूल के कभी मदांध तुच्छ वित्त में।
सनाथ जान आपको करो न गर्व चित्त में॥

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निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
कवि ने कैसी मृत्यु को सुमृत्यु कहा है?

जो व्यक्ति दूसरों के हित को सर्वापरि मानता हैं तथा जिसमे मानवता, दया, साहनुभूति आदि गुण होते हैं, जो मृत्यु के बाद भी औरों के द्वारा सम्मान की दृष्टि से याद किया जाता है, उसी की मृत्यु को कवि ने सुमृत्यु कहा है

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निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
उदार व्यक्ति की पहचान कैसे हो सकती है?

जो व्यक्ति प्राणी मात्र से प्रेम की भावना रखता है तथा जिसका जीवन परोपकार और मनुष्यता की सेवा में व्यतीत होता है जो अपना पूरा जीवन पुण्य व लोकहित कार्यो में बिता देता है। किसी से भेदभाव नहीं रखता, आत्मीय भाव रखता है तथा जो  निज स्वार्थों का त्याग कर जीवन का मोह भी नहीं रखता, वही उदार व्यक्ति कहलाता है।

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कवि ने कविता के माध्यम से क्या संदेश दिया?

हमें केवल अपने लिए ही नहीं, दूसरों के लिए भी जीना चाहिए। अपने रिश्ते-नातों से बढ़कर सभी देशवासियों के बारे में समान भाव से पूरित होकर सोचना चाहिए और आवश्यकता पड़ने पर देश के लिए सर्वस्व समर्पण करने को हमेशा तत्पर रहना चाहिए।

कविता का मुख्य संदेश क्या है?

मनुष्यता. कविता के माध्यम से कवि यह संदेश देना चाहता है कि प्रकृति के प्राणियों की तुलना में मनुष्य में चेतना शक्ति की प्रबलता होती है। वह स्वयं के ही नहीं दूसरों के हित-अहित का विचार करके आचरण करता है। जो मनुष्य मनुष्यता के लक्षणें से युक्त होकर दूसरों के लिए जीवित रहता है, वही सच्चे अर्थों में मनुष्य है।

प्रश्न 8 मनुष्यता कविता के माध्यम से कवि क्या संदेश देना चाहता है?

'मनुष्यता' कविता के माध्यम से कवि क्या संदेश देना चाहता है? मनुष्यता कविता के माध्यम से कवि यह संदेश देना चाहता है कि मनुष्य मरणशील प्राणी है। उसके पास सोचने-समझने की बुद्धि के अलावा त्याग और परोपकार जैसे मानवीय मूल्य भी हैं। उसमें चिंतनशीलता, त्याग, उदारता, प्रेम, सद्भाव जैसे मानवोचित गुणों का संगम है।

यह कविता हमें क्या संदेश देती है?

'यह सबसे कठिन समय नहीं' कविता हमें जीवन में आगे बढ़ने का संदेश देती है। कवयित्री जया जादवानी का मानना है कि हमें अपना लक्ष्य साधना चाहिए व आगे बढ़ना चाहिए। समय तो सदा अच्छा ही होता है।

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