वाघा सीमा के पास शाम के वक्त झण्डा नीचे करने का समारोह
राष्ट्रपति भवन में भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी तथा
पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री नवाज शरीफ
भारत और पाकिस्तान में सम्बन्ध हमेशा से ही ऐतिहासिक और राजनैतिक मुद्दों कि वजह से तनाव में रहे हैं। इन देशों में इस रिश्ते का मूल कारण
भारत के विभाजन को देखा जाता है। कश्मीर विवाद इन दोनों देशों को आज तक उलझाए है और दोनों देश कई बार इस विवाद को लेकर सैनिक
समझौते व युद्ध कर चुके हैं। इन देशों में तनाव मौजूद है जबकि दोनों ही देश भारत के इतिहास, सभ्यता, भूगोल और अर्थव्यवस्था से जुड़े हुए हैं।
अनुक्रम
- 1 २०१६-२०१९
- 2 इन्हें भी देखे
- 3 बाहरी कड़ियाँ
- 4 सन्दर्भ
२०१६-२०१९[संपादित करें]
उरी आतंकी हमला और उसके परिणाम
18 सितम्बर 2016 को जम्मू और कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी
के पास स्थित भारतीय सेना के स्थानीय मुख्यालय पर एक बड़ा आतंकी
हमला हुआ, जिसमें भारत के 18 जवान शहीद हो गए। सैन्य बलों की कार्रवाई में सभी चार आतंकी मारे गए। यह
भारतीय सेना पर किया गया, लगभग 20 सालों में सबसे बड़ा हमला था। भारत सरकार ने इस आतंकी हमले को बहुत गम्भीरता से लिया। पहले हुए कई हमलों
(पठानकोट आदि) की तरह इस हमले में भी आतंकवादियों के पाकिस्तान से सम्बन्ध होने के प्रमाण मिले, जिसके कारण भारतभर में पाकिस्तान के प्रति रोष प्रकट हुआ और भारत सरकार ने कई अप्रत्याशित कदम उठाए जिनसे भारत-पाकिस्तान सम्बन्ध प्रभावित हुए।
- भारत सरकार ने कूटनीतिक
स्तर पर विश्वभर में पाकिस्तान को अलग थलग करने की मुहिम छेड़ दी।
- संयुक्त राष्ट्र में भारत की विदेश मन्त्री ने आतंक का पोषण करने वाले देशों की निन्दा की। पाकिस्तान को स्पष्ट शब्दों में कहा कि कश्मीर छीनने का सपना पूरा नहीं होगा।
- प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के बयान 'खून और पानी साथ-साथ नहीं बह सकते' के साथ ही भारत ने
सिन्धु जल सन्धि की समीक्षा शुरु कर दी। पाकिस्तान ने इसे युद्ध की कार्यवाही
बताया[1], और भारत के विरुद्ध परमाणु हथियारों के उपयोग की धमकी दी। सन्धि रद्द होने के डर से पाकिस्तान ने विश्व बैंक का दरवाजा
खटखटाया।[2]
- भारत ने नवम्बर 2016 में इस्लामाबाद में होने वाले
दक्षेस शिखर सम्मेलन का बहिष्कार करने की घोषणा की। बांग्लादेश, अफगानिस्तान व भूटान ने भी भारत का समर्थन करते हुए
बहिष्कार की घोषणा की।[3]
- भारत ने पाकिस्तान को दिए गए मोस्ट फेवर्ड नेशन के दर्जे पर पुनर्विचार की घोषणा की।[4]
- 29 सितम्बर 2016 को भारत के डीजीएमओ ने प्रेस काँफ्रेंस में बताया कि भारतीय सेना ने आतंकियों के ठिकानों पर सर्जिकल हमले
किए।[5]
इन्हें भी देखे[संपादित करें]
पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंक
- भारत-पाक युद्ध
- सिंधु जल समझौता
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
- पाकिस्तान के बारे में यथार्थ भरी समझ (अक्टूबर २०१६ ; विवेकानन्द फाउण्डेशन)
- बँटवारे के साए में भारत-पाक संबंध (बीबीसी हिन्दी)
- भारत-पाक संबंध : बर्फीले संबंध और ग्लेशियर की दरारें (समयान्तर)
- क्या कभी सुधर पाएंगे भारत-पाक संबंध? (राँची एक्सप्रेस)
- जम्मू कश्मीर समस्या भारत और पाकिस्तान
सन्दर्भ[संपादित करें]
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"सिंधु जल समझौते के उल्लंघन को 'युद्ध के लिए उकसाने' के तौर पर लिया जाएगा : पाकिस्तान". मूल से 28 सितंबर 2016 को
पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 सितंबर
2016.
- ↑
"सिंधु जल संधि के मसले पर पाकिस्तान ने विश्व बैंक का रुख किया". मूल से 28 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 सितंबर
2016.
- ↑
"पाकिस्तान पड़ा अलग-थलग - भारत के बाद तीन और देशों ने किया सार्क सम्मेलन में शिरकत से इंकार". एनडीटीवी खबर. मूल से 29 सितंबर 2016
को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 सितंबर
2016.
- ↑
"पाकिस्तान को दिए 'सबसे तरजीही मुल्क' के दर्जे पर पुनर्विचार करेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी". मूल से 28 सितंबर 2016 को पुरालेखित.
अभिगमन तिथि 29 सितंबर
2016.
- ↑
"कल रात हमने LoC पर आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल हमला किया : विदेश, रक्षा मंत्रालय की संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग में DGMO". एनडीटीवी खबर.
मूल से 2 अक्तूबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 सितंबर
2016.
भारत-पाक सम्बन्ध
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कूटनीति- पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग
- पाकिस्तान
में भारतीय उच्चायुक्त
- भारत में पाकिस्तानी उच्चायोग
- भारत में पाकिस्तानी उच्चायुक्त
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संधियाँ, समझौते और शिखर सम्मेलन- जिन्ना–माउंटबैटन वार्ता| (1947)
- कराची समझौता (1949)
- नेहरु-लियाक़त समझौता (1950)
- सिंधु जल
समझौता (1960)
- ताशकन्द समझौता (1965)
- शिमला समझौता (1972)
- दिल्ली समझौता (1974)
- इस्लामाबाद समझौता (1988)
- लाहौर घोषणा (1999)
- आगरा शिखर वार्ता (2001)
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घटनाएँ और युद्ध- विभाजन
- कश्मीर विवाद
- जूनागढ़ का भारत में विलय
- 1947–1948 युद्ध
- सिर क्रिक खाडी विवाद
- ऑपरेशन जिब्राल्टर
- 1965 युद्ध
- 1971 युद्ध
- बांग्लादेश मुक्ति युद्ध
- मुस्कुराते बुद्ध (पोखरण–I)
- किराना -I
- परमाणु स्पर्धा
- नियंत्रण रेखा (एलओसी)
- समुद्री घुसपैठ
- सियाचिन विवाद
- ऑपरेशन ब्रैस्टैक्स
- पोखरण-2 (ऑपरेशन शक्ति) /
चागई-१ / चागई-२
- भारत में मुसलमानों का उत्पीड़न
- पाकिस्तान में हिन्दुओं का उत्पीड़न
- जम्मू और कश्मीर में मानवाधिकार हनन
- जम्मू और कश्मीर में विद्रोह
- पाक अधिकृत कश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन
- बलूचिस्तान संघर्ष
- कारगिल युद्ध
- अटलांटिक घटना
- ईरान-पाकिस्तान-भारत गैस पाइपलाइन
- २००१ संसद भवन हमला
- 2001–02 का भारत-पाक सैन्य गतिरोध
- समझौता एक्सप्रेस विस्फोट (2007)
- २००८ के मुंबई हमले
- 2008 का भारत-पाक सैन्य गतिरोध
- 2011 में सीमा पर संघर्ष
- 2013 में सीमा पर संघर्ष
- सरबजीत/सनाउल्लाह हत्याकांड
- 2013 में पाकिस्तान उच्चायोग पर हमला
- 2014-15 में सीमा पर संघर्ष
- कुलभूषण जाधव
- 2016 कश्मीर अशांति
- 2016 उड़ी हमला
- २०१६ सर्जिकल स्ट्राइक
- 2016–2018 में सीमा पर संघर्ष
- 2019 बालाकोट हवाई हमला
- भारत-पाकिस्तान गतिरोध-२०१९
(
मीडिया कवरेज)
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पहल- अमन की आशा
- हॉटलाइन
- परिवहन
- समझौता
एक्सप्रेस
- दिल्ली-लाहौर बस सेवा (सदा-ए-सरहद)
- श्रीनगर मुज़फ़्फ़राबाद बस सेवा
- थार एक्सप्रेस
- भारत-पाक महासंघ
- भारत-पाक संयुक्त न्यायिक समिति
- जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापना
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खेल सम्बंध- भारत पाकिस्तान
क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता
- भारत -
पाकिस्तान हॉकी प्रतिद्वंद्विता
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प्रवासी समुदाय- भारत में पाकिस्तानी
- पाकिस्तान में भारतीय
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सम्बंधित साँचे- भारत के विदेशी सम्बन्ध
- पाकिस्तान के विदेशी सम्बन्ध
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भारत के विदेशी सम्बन्ध
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बहुपक्षीय सम्बन्ध |
- अफ़्रीका
- संयुक्त राष्ट्र संघ
- आसियान
- जी-4
- जी-20
- ब्रिक्स
- इब्सा
- पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन
- गुट निरपेक्ष आन्दोलन (गुनिआ)
- बिम्सटेक
- यूरोपीय संघ
- हिंद महासागर तटीय क्षेत्रीय सहयोग संघ
- मेकांग-गंगा सहयोग
- राष्ट्रकुल
- दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क)
- भारत–प्रशान्त द्वीप सहयोग के लिए
फ़ोरम
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कूटनीति |
- विदेश मंत्रालय
- भारत के /
में कूटनीतिक मिशन
- विदेश सचिव
- संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि
- पूर्व की ओर देखो
- विदेशी सहायता
- आईटीईसी प्रोग्राम
- सर्व-अफ़्रीकी ई-संजाल परियोजना
- वृहद भारत
- प्रवासी भारतीय
- भारतीय विदेशी नागरिकता (ओसीआई) योजना
- राज्य यात्राएँ
- नरेन्द्र मोदी की अंतरराष्ट्रीय यात्राए
- नरेन्द्र
मोदी सरकार की विदेश नीति
- विदेश मंत्री के रूप में सुषमा स्वराज का कार्यकाल
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विवाद |
- कश्मीर विवाद
- सिर क्रिक खाडी विवाद
- भारत पाकिस्तान युद्ध
- चीन के साथ विवाद
- नेपाल के साथ संघर्ष
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भारत और पाकिस्तान के संबंधों को कैसे सुधारा जा सकता है?
यह तो बहुत आसान है। जिस दिन दोनों देशों ने आपसी संबंध सुधारने का निर्णय कर लिया, उसी दिन से संबंध सुधारना शुरू हो जाएंगे।.
सारे आतंकवादी संगठनों के शांति दूतों को जेल में डाले।.
कश्मीर के मुद्दे को 100 साल तक न उठाये।.
अपनी नफरत पैदा करने की फैक्टरियां बंद करे।.
भारत और पाकिस्तान की स्थिति में सुधार के लिए क्या उपाय किए गए हैं?
भारत और पाकिस्तान दोनों ने दोनों के बीच तनाव कम करने के लिए कई पारस्परिक विश्वास-निर्माण उपाय (सीबीएम) शुरू किए हैं। इनमें अधिक उच्च स्तरीय वार्ता, वीजा प्रतिबंधों में ढील और दोनों के बीच क्रिकेट मैचों को फिर से शुरू करना शामिल है।
भारत पाकिस्तान के संबंधों की मुख्य समस्या क्या है?
भारत और पाकिस्तान में सम्बन्ध हमेशा से ही ऐतिहासिक और राजनैतिक मुद्दों कि वजह से तनाव में रहे हैं। इन देशों में इस रिश्ते का मूल कारण भारत के विभाजन को देखा जाता है। कश्मीर विवाद इन दोनों देशों को आज तक उलझाए है और दोनों देश कई बार इस विवाद को लेकर सैनिक समझौते व युद्ध कर चुके हैं।
भारत और पाकिस्तान के वर्तमान संबंध कैसे हैं?
दोनों देशों के मध्य व्यापारिक रिश्ते पूरी तरफ ढप हैं. प्राणरक्षक दवाइयों के अतिरिक्त अन्य किसी तरह के उत्पादों पर आयात पर पाकिस्तान सरकार द्वारा पूरी तरह से रोक लगाई गई हैं. जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35A की बर्खास्तगी और दो बड़े आतंकवादी हमलों के बाद दोनों देशों के रिश्ते सामान्य नहीं हो पाए हैं.