📌 आर्यों समाज के बारे में कौन-सा कथन सही हैं ?
📌 क्रांतिकारी संगठन 'अभिनव भारत सोसायटी' ______ द्वारा 1904 में स्थापित किया गया ?
📌 लार्ड रिपन को भारत के उदधारक की संज्ञा किसके द्वारा दी गई ?
📌 शेरशाह के अधीन दीवान-ए-रिसालत का सम्बन्ध निम्न में से किससे था ?
📌 मुगलकालीन भारत में भू-राजस्व किस पर था ?
📌 निम्न में से किसकी तुलना मैकियावली के `प्रिंस` से की जा सकती है?
📌 जब विशेष अवसर पर एकत्र होकर भिक्षु धर्मचर्चा करते थे, तो कहा जाता था
📌 :किस पुर्तगाली गवर्नर ने 1510 में गोवा पर अधिकार कर लिया
📌 मुगल काल का अकबर के समय में भारत में निर्मित सबसे बड़ा पुल हैं ?
📌 निम्नलिखित में से किस सामाजिक सुधार में सैयद अहमद खां की सर्वाधिक दिलचस्पी थी ?
📌 मुगल साम्राज्ञियों में से एकमात्र महिला जिसका नाम सभी मुगल फरमानों व मुगल सिक्कों पर उत्कीर्ण था ?
📌 महावीर तथा प्रमुख तीर्थकरों की जीवनियाँ किसमें संकलित है.
📌 गुलाम वंश नामकरण निम्न मे से किस कारण से उचित प्रतीत नही होता.
📌 एतमादुद्दौला का मकबरा आगरा में स्थित हैं, किस मुगल सम्राट के समय निर्मित हुआ था ?
📌 मैसूर एवं अंग्रजो के मध्य 1784 में किस संधि पर हस्ताक्षर हुए:
📌 वह कौन-सा अंग्रेज जनरल था जिसने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को राजद्रोहियों का "सर्वोत्तम और बहादुर सेना प्रमुख" माना ?
📌 प्रथम तुर्क शासक जिसने हिन्दु राजा जयपाल को पराजित किया ?
📌 सिकन्दर महान एवे पोरस पुरु की सेनाओं ने निम्नलिखित में से किस नदी के आमने सामने तटों पर पडाव डाला हुआ था.
गांधी जी और कुछ अन्य नेताओं के पंजाब प्रवेश पर प्रतिबंध लगे होने के कारण वहां की जनता में पर्याप्त आक्रोश था
- जलियांवाला बाग नरसंहार के फल स्वरुप रवींद्रनाथ टैगोर ने ब्रिटीश सरकार द्वारा दी गई “नाइट”की उपाधि वापस कर दी गई थी
- इसके साथ ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सर शंकरन नायर ने वायसराय की कार्यकारिणी परिषद की अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था
- रविंद्र नाथ टैगोर ने कहा कि समय आ गया है जब सम्मान के तमगे अपमान के बेतुके संदर्भ में हमारे कलंक को सुस्पष्ट कर देते हैं
- जहां तक मेरा प्रश्न है मैं सभी विशेष उपाधियों से रहित होकर अपने देशवासियों के साथ खड़ा होना चाहता हूं
- इस कांड के बारे में थॉमसन और गैरेट ने लिखा है कि अमृतसर दुर्घटना भारत ब्रिटेन संबंध में युगांतरकारी घटना थी जैसा कि 1857 का विद्रोह था
हंटर कमेटी
सरकार ने विवशता में जलियांवाला बाग हत्याकांड की जांच हेतु 1 अक्टूबर 1919 को लार्ड हंटर की अध्यक्षता में एक आयोग की स्थापना की थी
इस आयोग में 8 सदस्य थे जिसमें पांच अंग्रेज और तीन भारतीय सदस्य थे
पांच अंग्रेज सदस्यों के नाम
1 . लॉर्ड हंटर
2. जस्टिस रैस्किन
3. डब्लू०एफ० राइस
4. मेजर जनरल सर जार्ज बैरो
5. सर टॉमस स्मिथ
तीन भारतीय सदस्य के नाम
1. सर चिमनलाल सीतलवाड़
2. साहबजादा सुल्तान अहमद
3. जगत नारायण
- हंटर कमेटी ने मार्च 1920 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी
- इसके पहले ही सरकार ने दोषी लोगों को बचाने के लिए इण्डेम्निटी बिल पास कर लिया था
- कमेटी ने संपूर्ण प्रकरण पर लीपापोती करने का प्रयास किया था पंजाब के गवर्नर को निर्दोष घोषित किया गया
- समिति ने डायर पर दोषों का हल्का बोझ डालते हुए कहा कि डायर ने कर्तव्य को गलत समझते हुए जरूरत से ज्यादा बल प्रयोग किया
- लेकिन जो कुछ किया निष्ठा से किया तत्कालीन भारतीय सचिव मांटेग्यू ने कहा जनरल आर०डायर ने जैसा उचित समझा उसके अनुसार बिल्कुल नेक नियती से कार्य किया था
- अतः उसे परिस्थिति को ठीक-ठीक समझने में गलती हो गई डायर को उसके अपराध के लिए नौकरी से हटाने का दंड दिया गया था
- ब्रितानी अखबारों ने उसे ब्रिटिश साम्राज्य का रक्षक और ब्रितानी लॉर्ड सभा ने उसे ब्रिटिश साम्राज्य का शेर कहा था
- सरकार ने उसकी सेवाओं के लिए आर०डायर को मान की तलवार की उपाधि प्रदान की थी
- इंग्लैंड के एक अखबार मॉर्निंग पोस्ट ने आर डायर के लिए 30000 पाउंड धनराशि इकट्ठा किया था
- पंजाब के लेफ्टिनेंट गवर्नर माइकल ओ०डायर की उधम सिंह ने मार्च 1940 में लंदन में हत्या कर दी थी इन्हें गिरफ्तार कर मृत्यु दंड दे दिया गया था
तहकीकात कमेटी 1919
जलियांवाला बाग हत्याकांड की जांच के लिए कांग्रेस ने भी एक समिति की नियुक्ति की थी
- इस समिति को तहकीकात समिति कहा गया गया
- इसके अध्यक्ष मदन मोहन मालवीय थे
- इसके अन्य सदस्य महात्मा गांधी मोतीलाल नेहरु अब्बास तैयबजी सी०आर०दास एंव पुपुल जयकर थे
- इस समिति ने अपनी रिपोर्ट में अधिकारियों के इस बर्बर कार्य के लिए उन्हें निंदा का पात्र बनाया
- सरकार से दोषी लोगों के खिलाफ कार्यवाही करने और मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता देने की मांग की थी
- लेकिन सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया
- फलस्वरुप गांधी जी ने असहयोग आंदोलन चलाने का निर्णय लिया और
- इस प्रकार स्वतंत्रता संघर्ष के तृतीय चरण की शुरुआत हुई और स्वतंत्रता के आंदोलन में गांधीजी का आगमन हुआ
- पंजाब को दमन के अकल्पनीय दौर से गुजरना पड़ा था प्रसिद्ध इतिहासकार ताराचंद के शब्दों में पंजाब को कमोवेश शत्रु देश मान लिया गया था जिसे अभी विजित किया गया हो वहां के निवासियों को उपयुक्त सजाएं देकर ऐसा सबक सिखाया गया कि वह सरकार को चुनौती देने और उसकी आलोचना करने के सभी इरादो से बाज आये
- सुरेंद्र नाथ बनर्जी ने लिखा है कि जलियांवाला बाग नें देश में आग लगा दी थी
4 सितंबर 1920 को कोलकाता में कांग्रेस का विशेष अधिवेशन का आयोजन किया गया था किस अधिवेशन में पंजाब और खिलाफत के प्रश्न पर सरकार की कटु आलोचना की गई थी इस कटु आलोचना को करने वाले महात्मा गांधी द्वारा प्रस्तावित प्रस्ताव में कहा गया कि इस कांग्रेस का यह भी मत है कि जब तक अन्याय का प्रतिकार और स्वराज्य की स्थापना नहीं हो जाती है तब तक भारतीय जनता के लिए इसके सिवाय और कोई रास्ता नहीं है कि वह क्रमिक अहिंसक असहयोग की नीति का अनुमोदन करें और उसे अंगीकार करें