शास्त्रों के अनुसार, जिस घर में हर रोज सुबह साफ-सफाई होती है, वहां लक्ष्मी अपना घरौंदा बनाकर रहती हैं। स्वच्छ माहौल में सकारात्मकता का वास होता है। ऐसे घर में कभी किसी बात की कमी नहीं रहती। वास्तु के अनुसार घर को सजाना-संवारना, साफ-सुथरा रखना एक...
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शास्त्रों के अनुसार, जिस घर में हर रोज सुबह साफ-सफाई होती है, वहां लक्ष्मी अपना घरौंदा बनाकर रहती हैं। स्वच्छ माहौल में सकारात्मकता का वास होता है। ऐसे घर में कभी किसी बात की कमी नहीं रहती। वास्तु के अनुसार घर को सजाना-संवारना, साफ-सुथरा रखना एक जरूरत है। जो वहां रहने वालों के
जीवन की बाधाएं दूर कर खुशियां और सफलता दिलाने में सहायक होती है। घर का मुख्य द्वार वास्तु दोष से मुक्त होना आवश्यक है। यदि इसमें कोई दोष हो, तो इसे तुरंत वास्तु उपायों के द्वारा ठीक कर लेना चाहिए। घर में सौभाग्य को न्यौता देने के लिए घर के मुख्य द्वार पर रंगोली सजानी चाहिए, फूलों का गुलदस्ता या छोटी घंटियां लगानी चाहिए। ऐसा करने से सौभाग्य के साथ-साथ महालक्ष्मी के आने का रास्ता भी स्वयं बनता है।
किसी भी घर में धन-धान्य आने का प्रतीक तो यही है कि घर में बेबात तनाव न हो। परिवार का हर सदस्य अपने-अपने काम से लगा हो। स्वस्थ-प्रसन्न हो। घर इतना दमकता हो कि बीमारियां पास न फटकें। घर में इतना धन हो कि सबकी जरूरतें पूरी हों और किसी बुरे वक्त के लिए पर्याप्त बचत भी हो। घर में सम्पन्नता आने का अर्थ यह भी है कि घर में स्त्री-पुरुष का सामंजस्य हो। ऐसे घर में सुख की रोशनी होती है और समृद्धि की बरसात
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घर के सामने सुंदर और अच्छे तरीके से बना बगीचा हो तो मां लक्ष्मी के आगमन का राह बनता है। झाड़ या झाड़ियां घर के सामने बेतरीके ढंग से उगे होने से पारिवारिक सदस्यों में मानसिक कमजोरी रहती है। उन्हें अपने मित्रों की चालाकियों से परेशान रहना पड़ता है, साथ ही गलत लोगों के संपर्क में आने से कदम-कदम पर हानि का सामना भी करना पड़ता है।
कुछ मकान बहुत सुंदर नज़र आते हैं, एक ही नजर में किसी का भी मन मोह लेते हैं लेकिन कमपाऊण्ड वॉल, सिक्यूरिटी का कमरा, रंग रोगन या घर का कोई कोना टूटा फूटा हो और वहां कबाड़ रखा हो तो ऐसे घरों में रहने वालों को शत्रु परेशान करते रहते हैं।
घर के मुख्यद्वार के साथ जुड़े हॉल का फर्श खराब हो या उसमें कबाड़ भर रखा हो तो उस घर के सदस्यों को मानसिक अशांति रहती है। बच्चों और अभिभावको में आपसी समझ की कमी रहती है।
घर के मुख्य द्वार पर व उसके आसपास के क्षेत्र में साफ-सफाई होनी चाहिए ताकि सकारात्मक ऊर्जा को घर में प्रवेश करने में किसी प्रकार की रूकावट पैदा न हो। दरवाजा खोलते या बंद करते समय आवाज करता हो तो कब्जों में तेल डाल देना चाहिए नहीं तो परिवार के सदस्यों में खटपट बनी रहती है।
अपनी आस्था के अनुसार घर के मुख्य द्वार पर बाहर की ओर मांगलिक प्रतिकों को प्रदर्शित करना चाहिए जैसे स्वास्तिक, ओम , त्रिशूल, क्रास इत्यादि। इससे सौभाग्य, समृद्धि व प्रसिद्धि में वृद्धि होती है।
घर के मुख्य द्वार के सामने जूते, चप्पल उतारना अशुभ होता है, जो सकारात्मक ऊर्जा को अंदर आने से रोकता है। इसी प्रकार मुख्य द्वार के पीछे भी किसी प्रकार की कोई चीज़ लटकाना अशुभ होता है।
आजकल रोजमर्रा की अधिकतर वस्तुएं पैकिंग में आती हैं। इस कारण हर घर में रोजाना काफी कूड़ा निकलता है। दिन भर निकलने वाले ऐसे कुड़े को कभी भी घर के ईशान कोण और मुख्य द्वार के सामने इकट्ठा नहीं करना चाहिए। इन दो स्थानों को छोड़कर घर से निकलने वाला सभी प्रकार का कूड़ा कचरा घर में कहीं पर भी डस्टबिन में रखा जा सकता है।
घर में किसी भी प्रकार की बंद पड़ी घड़ी, टी.वी., टेप रिर्काडर, रेडियो, ईत्यादि न रखें। यह बंद पड़ी चीजें आपकी तरक्की में रूकावट पैदा करती हैं। घर में अनावश्यक पड़ा बेकार सामान, कबाड़, टूटा-फूटा फर्निचर, मकड़ी के जाले आदि नकारात्मक ऊर्जा बढ़ाते हैं और सकारात्मक ऊर्जा को अंदर आने से रोकते हैं।