हिंदी न्यूज़पूजा घर में है शंख तो इन 7 नियमों को जरूर मानें
शंख को घर के पूजा स्थल में रखने से सौभाग्य में वृद्धि होती है। वेद पुराणों की मानें तो शंख समुद्रमंथन के दौरान उत्पन्न हुआ है। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि जहां शंख होता है वहां महालक्ष्मी का वास...
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 13 Sep 2016 09:54 PM
शंख को घर के पूजा स्थल में रखने से सौभाग्य में वृद्धि होती है। वेद पुराणों की मानें तो शंख समुद्रमंथन के दौरान उत्पन्न हुआ है। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि जहां शंख होता है वहां महालक्ष्मी का वास होता है। शंख की आवाज से वातावऱण में शुद्धता आती है। पूजा की शुरूआत और पूजा में आरती के बाद शंख को बजाया जाता है। पूजा में शंख को बजाने को लेकर कई नियम हैं।
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1.धार्मिक मान्यताओं की मानें तो शंख का संबंध भगवान विष्णु से है। इस भगवान विष्णु के चार आयुध शस्त्रों में गिना जाता है। भगवान विष्ण के हाथों में चक्र, गदा, पदम यानी कमल का फूल और की तरह शंख भी होता है।
2.धार्मिक मान्यताओं के अनुसार य़ह भी कहा जाता है कि कहा जाता है कि पूजा में जब शंख बजाया जाता है तो इसकी ध्वनि से आकर्षित होकर भगवान विष्णु पूजा स्थल की ओर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं। इससे न सिर्फ शंख बजाने वाले को लाभ होता है बल्कि जो पूजा में शामिल हैं उन्हें भी इसका फायदा मिलता है।
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3.शंख को पूजा स्थल में कपड़े में लपेटकर रखना चाहिए। इसके साथ ही शंख को घर के पूजा के कमरे में आसन पर रखना चाहिए।
4. घर में शंख को सबुह और शाम ही बजाना चाहिए। इसके अलावा शंखो को नहीं बजाना चाहिए।
5. मंदिर में एक से ज्यादा शंख नहीं होने चाहिए।
6. शंख को होली, दिवाली जैसे शुभ मुहर्त में ही पूजा स्थल में स्थापित किया जाना चाहिए।
7.अपना शंख न तो किसी को इस्तेमाल करने दें और न ही किसी और का शंख आप इस्तेमाल करें।