गिल्लू का प्रिय खाद्य क्या था इसे न पाने पर वह क्या करता था? - gilloo ka priy khaady kya tha ise na paane par vah kya karata tha?

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Karnataka State Syllabus Class 10 Hindi वल्लरी Chapter 3 गिल्लू

गिल्लू Questions and Answers, Summary, Notes

अभ्यास

I. एक वाक्य में उत्तर लिखिए :

प्रश्न 1.
लेखिका ने कौए को क्यों विचित्र पक्षी कहा है?
उत्तरः
कौए का एक साथ समादरित, अनादरित, अति सम्मानित और अति अपमानित होने के कारण लेखिका ने कौए को विचित्र पक्षी कहा है।

प्रश्न 2.
गिलहरी का बच्चा कहाँ पड़ा था?
उत्तरः
गिलहरी का बच्चा गमले और दीवार की संधि में पड़ा था।

प्रश्न 3.
लेखिका ने गिल्लू के घावों पर क्या लगाया?
उत्तरः
लेखिका ने गिल्लू के घावों पर पेन्सिलिन का मरहम लगाया।

प्रश्न 4.
वर्मा जी गिलहरी को किस नाम से बुलाती थीं?
उत्तरः
वर्मा जी गिलहरी को ‘गिल्लू’ कहकर पुकारती थीं।

प्रश्न 5.
गिलहरी का लघु गात किसके भीतर बंद रहता था?
उत्तरः
गिलहरी का लघु गात लिफाफे के भीतर बंद रहता था।

प्रश्न 6.
गिलहरी का प्रिय खाद्य क्या था?
उत्तरः
गिलहरी का प्रिय खाद्य काजू था।

प्रश्न 7.
लेखिका को किस कारण से अस्पताल में रहना पड़ा?
उत्तरः
मोटर दुर्घटना में आहत हो जाने के कारण लेखिका को अस्पताल में रहना पड़ा।

प्रश्न 8.
गिलहरी गर्मी के दिनों में कहाँ लेट जाता था?
उत्तरः
गिलहरी गर्मी के दिनों में सुराही पर लेट जाता था।

प्रश्न 9.
गिलहरियों की जीवनावधि सामान्यतया कितनी होती है?
उत्तरः
गिलहरियों की जीवनावधि सामान्यतया दो वर्ष होती है।

प्रश्न 10.
गिलहरी की समाधि कहाँ बनायी गयी है?
उत्तरः
गिलहरी की समाधि सोनजुही लता के नीचे बनाई गयी है।

अतिरिक्त प्रश्नोत्तर :

प्रश्न 11.
‘गिल्लू’ पाठ से क्या सीख मिलती है?
उत्तरः
‘गिल्लू’ पाठ से स्नेहभाव तथा प्राणिदया की सीख मिलती है।

प्रश्न 12.
पुराण के अनुसार पक्षियों का गुरु किसे मानते हैं?
उत्तरः
पुराण के अनुसार पक्षियों का गुरु काकभुशुण्डी (कौआ) को मानते हैं।

प्रश्न 13.
आधुनिक मीरा किसे कहते हैं?
उत्तरः
महादेवी वर्मा को आधुनिक मीरा कहते हैं।

प्रश्न 14.
गिल्लू को किस ने घाव किया था?
उत्तरः
काकद्वयों (कौओं) ने गिल्लू को घाव किया था।

प्रश्न 15.
गिल्लू को किन से आपत्ति थी?
उत्तरः
गिल्लू को कुत्ते और बिल्लियों से आपत्ति थी।

प्रश्न 16.
गिल्लू किसके साथ खाता था?उत्तरः
उत्तरः
गिल्लू लेखिका के साथ खाता था।

प्रश्न 17.
गिल्लू बाहर से घर में कब लौटता था?
उत्तरः
गिल्लू बाहर से घर में चार बजे लौटता था।

प्रश्न 18.
गिल्लू की समाधि सोनजुही की लता के नीचे ही क्यों बनायी गयी?
उत्तरः
गिल्लू की समाधि सोनजुही की लता के नीचे ही बनायी गयी है, क्योंकि वह उसके लिए बहुत प्रिय थी।

प्रश्न 19.
गिलहरी महादेवी वर्मा को किस स्थिति में मिली?
उत्तरः
गिलहरी महादेवी वर्मा को घायल अवस्था में मिली।

प्रश्न 20.
गिल्लू सुराही के पास क्यों लेट जाता था?
उत्तरः
गर्मी से बचने और ठंडक पाने के लिए गिल्लू सुराही के पास लेट जाता था।

प्रश्न 21.
गिल्लू गर्मी से बचने के लिए क्या करता था?
अथवा
गिल्लू गर्मियों में सुराही पर क्यों लेट जाता था?
उत्तरः
गिल्लू गर्मी से बचने के लिए सुराही पर लेट जाता था।

प्रश्न 22.
गिल्लू सबको कैसे विस्मित करने लगा?
उत्तरः
गिल्लू अपनी स्निग्ध रोयें, झब्बेदार पूँछ और चंचल-चमकीली आँखों से सबको विस्मित करने लगा।

प्रश्न 23.
गिलहरी का बच्चा कहाँ से गिर पड़ा था?
उत्तरः
गिलहरी का बच्चा घोंसले से गिर पड़ा था।

प्रश्न 24.
गिल्लू की आँखें कैसी थी?
उत्तरः
गिल्लू की आँखें काँच के मोतियों जैसी थी।

प्रश्न 25.
वर्मा जी ने डलिया कहाँ लटका दिया?
उत्तरः
वर्मा जी ने डलिया खिड़की पर लटका दिया।

प्रश्न 26.
गिल्लू को किस की लता सबसे अधिक प्रिय थी?
उत्तरः
गिल्लू को सोनजुही की लता सबसे अधिक प्रिय थी।

प्रश्न 27.
गिल्लू फूलदान में क्यों छिप जाता था?
उत्तरः
गिल्लू महादेवी वर्मा को चौंकाने के लिए फूलदान में छिप जाता था।

II. दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए :

प्रश्न 1.
लेखिका को गिलहरी किस स्थिति में दिखायी पड़ी?
उत्तरः
लेखिका को गिलहरी गमले और दीवार की संधि में छिपी पडी । काकद्वय की चोंचों के दो । घाव उस लघुप्राण के लिए बहुत थे। इसलिए वह निश्चेष्टं-सा गमले से चिपका पड़ा था।

प्रश्न 2.
लेखिका ने गिल्लू के प्राण कैसे बचाये?
अथवा
महादेवी जी ने गिलहरी के बच्चे की जान कैसे बचायी?
उत्तरः
सब ने कहा कि कौए की चोंच का घाव लगने के बाद वह बच नहीं सकता, अतः ऐसे ही रहने दिया जावे। लेखिका का मन न माना तो उसे हौले से उठा कर अपने कमरे में लायी फिर रुई से रक्त पोंछकर घावों पर पेन्सिलिन का मरहम लगाया। कई घंटे के उपचार के बाद उसके मुँह में एक बूंद पानी टपकाया जा सकेगा। इस प्रकार लेखिका ने गिल्लू के प्राण बचाये।

प्रश्न 3.
लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू क्या करता था?
अथवा
गिल्लू लेखिका का ध्यान कैसे आकर्षित करता था?
उत्तरः
जब लेखिका लिखने को बैठती थी, उसका ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू को तीव्र इच्छा होती थी। वह सर्र से परदे पर चढ़ जाता और फिर उसी तेजी से उतरता। जब तक लेखिका उसे पकड़ न लेती, तब तक उसका यह क्रम बराबर चलता रहता।

प्रश्न 4.
वर्मा जी को चौंकाने के लिए गिल्लू कहाँ-कहाँ छिप जाता था?
उत्तरः
महादेवी वर्मा को चौंकाने के लिए गिल्लू कभी फूलदान के फूलों में छिप जाता था। कभी परदे की चुन्नट में और कभी सोनजुही की पत्तियों में छिप जाता था।

प्रश्न 5.
गिल्लू ने लेखिका की गैरहाजरी में दिन कैसे बिताये?
उत्तरः
गिल्लू ने लेखिका की गैरहाजरी में जब उसके कमरे का दरवाजा खोला जाता, गिल्लू अपने झूले से उतरकर दौडता और फिर किसी दूसरे को देखकर तेजी से अपने घोंसले में जा बैछता । वह उन दिनों अपना प्रिय खाद्य काजू को कम खाता रहा।

अतिरिक्त प्रश्नोत्तर :

प्रश्न 6.
गिल्लू की समाधि कहाँ बनायी गयी है और क्यों?
उत्तरः
गिल्लू की समाधि सोनजुही लता के नीचे बनायी गयी है। क्योंकि वह लता गिल्लू के लिए बहुत ही प्रिय थी।

प्रश्न 7.
गिल्लू लेखिका के साथ कैसे खाता था?
उत्तरः
गिल्लू लेखिका के खाते समय थाली के पास बैठता था। लेखिका की थाली से एक-एक चावल उठाकर बड़ी सफाई से खाता था।

प्रश्न 8.
गिल्लू क्या-क्या खाता था?
उत्तरः
गिल्लू का बहुत प्रिय खाद्य काजू था। चावल भी खाता था। इसके अलावा बिस्कुट भी खाता था।

प्रश्न 9.
गर्मियों में गिल्लू कहाँ लेट जाता था? क्यों?
उत्तरः
गर्मियों में गिल्लू सुराही पर लेट जाता था। क्योंकि ठंडक से बचने के लिए वह सुराही के समीप रहता था।

प्रश्न 10.
गिल्लू महादेवी वर्मा को कैसे चौंकाता था?
उत्तरः
गिल्लू महादेवी वर्मा को चौंकाने के लिए कभी फूलदान के फूलों में छिप जाता, कभी परदे की चुन्नट में और कभी सोनजुही की पत्तियों में छिप जाता था।

प्रश्न 11.
गिल्लू ने महादेवी वर्मा की अस्वस्थता में उनका खयाल कैसे रखा?
उत्तरः
महादेवी वर्मा की अस्वस्थता में गिल्लू तकिये पर सिरहाने बैठता। अपने नन्हें-नन्हें पंजो से वह वर्माजी के सिर और बालों को हौले-हौले सहलाता रहता।

III. पाँच-छ:/सात-आठ वाक्यों में उत्तर लिखिए :

प्रश्न 1.
गिल्लू के कार्य-कलाप के बारे में लिखिए।
उत्तरः
वही दो वर्ष गिल्लू का घर रहा । वह स्वयं हिलकर अपने घर में झूलता और अपनी काँच के मनकों-सी आँखों से कमरे के भीतर और खिडकी से बाहर न जाने क्या देखता-समझता रहता था। परन्तु उसकी समझदारी और कार्य-कलाप पर सबको आश्चर्य होता था।

प्रश्न 2.
लेखिका ने गिलहरी को क्या-क्या सिखाया?
उत्तरः
लेखिका जैसे ही खाने के कमरे में पहुँचती, वह खिडकी से निकलकर मेज पर आकर और उसकी थाली में बैठ जाना चाहता । लेखिका ने बडी कठिनाई से मैंने उसे थाली के पास बैठना सिखाया, जहाँ बैठकर वह मेरी थाली में से एकएक उठाकर बडी सफाई से खाता रहता।

प्रश्न 3.
गिल्लू के अंतिम दिनों का वर्णन कीजिए।
उत्तरः
गिलहरी के जीवन की अवधि दो वर्ष से अधिक नहीं होती। अतः गिल्लू की जीवन-यात्रा का अंत आ ही गया था। दिन भर उसने न कुछ खाया, न बाहर गया। पंजे इतने ठंडे हो गए थे कि हीटर जलाकर उसे उष्णता देने का प्रयत्न किया। परन्तु प्रभात की प्रथम किरण के साथ ही वह चिर निद्रा में सो गया।

प्रश्न 4.
गिल्लू के प्रति महादेवी वर्मा जी की ममता का वर्णन कीजिए।
उत्तरः
महादेवी वर्मा जी ने जीव-प्राणियों को ही अपना परिवार मानकर, उनके प्रति अपनी ममता उँडेली है। ‘गिल्लू’ भी उनमें एक अच्छा उदाहरण है। गिलहरी को देखते ही उसके प्रति दया करना, घाव का उपचार करना, प्राण बचाना, काजू आदि खिलाना, झूला डालना, उसके साथ खेलना, अन्य गिलहरियों के संग उछल-कूद का अवसर देना इत्यादि गिल्लू के प्रति महादेवी वर्मा जी की ममता का वर्णन है।

अतिरिक्त प्रश्नोत्तर:

प्रश्न 5.
लेखिका ने गिल्लू को कैसे बचाया?
अथवा
गिलहरी के घायल बच्चे का उपचार किस प्रकार किया गया?
उत्तरः
लेखिका गिल्लू को हौले से उठाकर अपने कमरे में ले आया, लि, ७३ से रक्त पोंछकर घावों पर पेंसिलिन का मरहम लगाया। कई घंटे के उपचार के उपरान्त उसके मुँह में एक बूंद पानी टपकाया जा सका। तीसरे दिन वह इतना अच्छा और आश्वस्त हो गया कि लेखिका की उँगली अपने दो नन्हें पंजों से पकड़कर, नीले काँच के मोतियों जैसी आँखों से इधर-उधर देखने लगा। इस प्रकार लेखिका ने गिल्लू को बचाया।

प्रश्न 6.
गिल्लू लेखिका से अपना स्नेह कैसे व्यक्त करता था?
अथवा
लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू क्या करता था?
अथवा
गिल्लू लेखिका को कैसे परेशान करता था?
उत्तरः
जब लेखिका लिखने बैठती तो गिल्लू उनके पैर तक आकर सर्र से परदे पर चढ़ जाता और फिर उसी तेजी से उतरता। जब-तक लेखिका उसे पकड़ने के लिए नहीं उठती, तब-तक उसका यही क्रम चलता। कभी-कभी वह घंटों मेज पर दीवार के सहारे खड़ा रहकर अपनी चमकीली आँखों से लेखिका का कार्य-कलाप देखता रहता। भूख लगने पर चिक-चिक करके मानो लेखिका को सूचना देता। इस प्रकार गिल्लू अपना स्नेह प्रकट भी करता और परेशान भी करता।

प्रश्न 7.
सोनजुही में लगी पीली कली को देख लेखिका के मन में कौन से विचार उमड़ने लगे?
अथवा
सोनजुही की लता के नीचे बनी गिल्लू की समाधि से लेखिका के मन में किस विश्वास का जन्म होता है?
उत्तरः
सोनजुही की लता के नीचे गिल्लू की समाधि है। वह लता उसे सबसे अधिक प्रिय थी। अतः लेखिका के मन में यह विश्वास जागा कि उस लघु गात का, किसी वासन्ती दिन, जुही के पीताभ छोटे फूल के रूप में शायद खिल जाय तो लेखिका को संतोष होगा।

प्रश्न 8.
पाठ के आधार पर कौए को एक साथ समादरित और अनादरित प्राणी क्यों कहा गया है?
उत्तरः
काकभुशुंडि पक्षियों के गुरु माने जाते हैं। श्राद्ध पक्ष में इनका बड़ा महत्व होता है। पितरों को प्रसन्न करने के लिए इनको भोजन कराया जाता है। अतः कौए को समादरित, अति सम्मानित कहा गया है। लेकिन कौए की ध्वनि बड़ी कर्कश होती है। कौए का काँव-काँव करना अपशकुन माना जाता है। अतः वह अनादरित प्राणी भी है।

प्रश्न 9.
गिल्लू को मुक्त करने की आवश्यकता क्यों समझी गई और उसके लिए लेखिका ने क्या उपाय किया?
उत्तरः
गिल्लू के जीवन का प्रथम वसंत आया। बाहर की गिलहरियाँ खिड़की की जाली के पास आकर चिक-चिक करके न जाने क्या कहने लगीं। गिल्लू को जाली के पास बैठकर अपनेपन से बाहर झाँकते देखकर लेखिका को लगा कि इसे मुक्त करना आवश्यक है। उन्होंने कीलें निकालकर जाली का एक कोना खोल दिया और इस मार्ग से गिल्लू ने बाहर जाने पर सचमुच ही मुक्ति की साँस ली।

प्रश्न 10.
गिल्लू किन अर्थों में परिचारिका की भूमिका निभा रहा था?
उत्तरः
लेखिका अस्पताल से जब घर आती है, तो पता चलता है कि उनकी अनुपस्थिति में गिल्लू ने अपना प्रिय खाद्य काजू बहुत कम खाए थे। अब वह लेखिका की अस्वस्थता में तकिये पर सिरहाने बैठकर अपने नन्हें-नन्हें पंजों से लेखिका के सिर और बालों को हौले-हौले सहलाता रहता। लेखिका गर्मियों में जब काम करती रहती, तो गिल्लू न बाहर जाता, न झूले में। वह सुराही पर लेट जाता और इस प्रकार समीप भी रहता और ठंडक में भी रहता। इस प्रकार गिल्लू ने परिचारिका की भूमिका निभाई।

प्रश्न 11.
गिल्लू की किन चेष्टाओं से यह आभास मिलने लगा था कि अब उसका अंत समय समीप है?
उत्तरः
गिलहरियों के जीवन की अवधि दो वर्ष से अधिक नहीं होती। गिल्लू की जीवन-यात्रा का अंत आ ही गया। दिन भर न उसने कुछ खाया, न बाहर गया। पंजे इतने ठंडे हो गए थे कि लेखिका ने हीटर से उष्णता देने का प्रयत्न किया। परन्तु आभास हो रहा था कि उसका अंत समय आ गया है।

प्रश्न 12.
लेखिका के प्रति गिल्लू अपनी भावना कैसे प्रकट करता था?
उत्तरः
लेखिका जब अस्पताल में थीं, तब गिल्लू उदास रहता, अपना प्रिय खाद्य काजू बहुत कम खाता। उनके कमरे का दरवाजा खुलते ही अपने झूले से उस ओर दौड़ता, किंतु वहाँ किसी और को देखकर निराश होकर लौट जाता। लेखिका की अस्वस्थता में उनके तकिए के सिरहाने बैठकर अपने नन्हें पंजों से उनके सिर और बाल सहलाता था। इस प्रकार गिल्लू अपनी भावना प्रकट करता था।

IV. रिक्त स्थान भरिए :

  1. यह ________ भी विचित्र पक्षी है।
  2. उसी बीच मुझे ________ में आहत होकर कुछ दिन अस्पताल में रहना पड़ा।
  3. गिल्लू के जीवन का प्रथम __________ आया।
  4. मेरे पास बहुत से ________ हैं।
  5. गिल्लू की __________ का अंत आ ही गया।

उत्तरः

  1. काकभुशुण्डी;
  2. मोटर-दुर्घटना;
  3. वसंत;
  4. पशु-पक्षी;
  5. जीवन-यात्रा।

V. अनुरुप शब्द लिखिए :

  1. 1907 : महादेवी वर्मा जी का जन्म : : 1987 : _______
  2. गुलाब : पौधा : : सोनजुही : _________
  3. हंस : सफेद : : कौआ : _________
  4. बिल्ली : म्याऊँ-म्याऊँ : : गिल्लू : _________
  5. कोयल : मधुर स्वर : : कौआ : _________

उत्तरः

  1. महादेवी वर्मा जी का निधन;
  2. फूल;
  3. काला;
  4. चिक-चिक;
  5. ककश स्वर।

VI. कन्नड़ या अंग्रेजी में अनुवाद कीजिए:

VII. दिए गए सही स्त्रीलिंग शब्दों को चुनकर संबंधित पुल्लिंग शब्द के आगे लिखिए :

(मयूरी, लेखिका, श्रीमती, कुतिया)

पुल्लिंग – स्त्रीलिंग

  1. लेखक – _______
  2. श्रीमान – ________
  3. मयूर – _________
  4. कुत्ता – ________

उत्तरः

पुल्लिंग – स्त्रीलिंग

  1. लेखक – लेखिका
  2. श्रीमान – श्रीमती
  3. मयूर – मयूरी (मयूरनी)
  4. कुत्ता – कुतिया

VIII. रिक्त स्थान भरिए :


उत्तरः
एकवचन – बहुवचन

  1. उँगली – उँगलियाँ
  2. आँख – आँखें
  3. पूँछ – पूंछे
  4. खिड़की – खिड़कियाँ
  5. फूल – फूल
  6. पंजा – पंजे
  7. लिफाफा लिफाफे
  8. कौआ – कौए
  9. गमला – गमले
  10. घोंसला – घोंसले

IX. उदाहरणानुसार प्रेरणार्थक क्रिया रूप लिखिए :


उत्तरः
लिखना – लिखाना – लिखवाना
मिलना – मिलाना – मिलवाना
चलना – चलाना – चलवाना


उत्तरः
भेजना – भिजाना – भिजवाना
खेलना – खिलाना – खिलवाना
देना – दिलाना – दिलवाना


उत्तरः
रोना – रुलाना – रुलवाना
धोना – धुलाना – धुलवाना
खोलना – खुलाना – खुलवाना


उत्तरः
सीना – सिलाना – सिलवाना
सीखना – सिखाना – सिखवाना


उत्तरः
बाँटना – बँटना – बँटवाना
माँझना – मँझना – मॅझवाना
जाँचना – जँचना – जंचवाना

X. विलोम शब्द लिखिए :

निकट × दूर

  1. दिन × ________
  2. भीतर × ________
  3. चढ़ना × ________

विश्वास × अविश्वास

  1. प्रिय × _______
  2. संतोष × ______
  3. स्वस्थ × _______

बलवान × बलहीन

  1. बुद्धिमान × _______
  2. शक्तिमान × _______
  3. दयावान × _______

उत्तीर्ण × अनुत्तीर्ण

  1. उपयोग × ________
  2. उपस्थिति × _______
  3. उचित × ________

ईमान × बेईमान

  1. होश × _______
  2. खबर × _______
  3. चैन × _______

धन × निर्धन

  1. जन × ______
  2. बल × _______
  3. गुण × ______

उत्तरः

निकट × दूर

  1. दिन × रात
  2. भीतर × बाहर
  3. चढ़ना × उतरना

विश्वास × अविश्वास

  1. प्रिय × अप्रिय
  2. संतोष × असंतोष
  3. स्वस्थ × अस्वस्थ

बलवान × बलहीन

  1. बुद्धिमान × बुद्धिहीन
  2. शक्तिमान × शक्तिहीन
  3. दयावान × दयाहीन

उत्तीर्ण × अनुत्तीर्ण

  1. उपयोग × अनुपयोग
  2. उपस्थिति × अनुपस्थिति
  3. उचित × अनुचित

ईमान × बेईमान

  1. होश × बेहोश
  2. खबर × बेखबर
  3. चैन × बेचैन

धन × निर्धन

  1. जन × निर्जन
  2. बल × निर्बल
  3. गुण × निर्गुण

XI. समानार्थक शब्दों को चुनकर लिखिए :

(खाना, शरीर, चिकित्सा, इलाज, देह, तलाश, भोजन, साहस, अचरज, धैर्य, ढूँढ, आश्चर्य)

उदाः उपचार – चिकित्सा – इलाज

  1. गात – ______ – _______
  2. आहार – ______ – ______
  3. विस्मय – _______ – ________
  4. हिम्मत – _______ – _________
  5. खोज – ________ – _________

उत्तरः

  1. गात – शरीर – देह
  2. आहार – भोजन – खाना
  3. विस्मय – आश्चर्य – अचरज
  4. हिम्मत – धैर्य – साहस
  5. खोज – तलाश – ढूंढ

XII. कारक का नाम लिखिए :

उदाः गमले के चारों ओर – संबंध कारक

  1. मुँह में एक बूंद पानी – ________
  2. गिल्लू को पकड़कर – _________
  3. जीवन का प्रथम वसंत – ___________
  4. खिड़की की खुली जाली – ___________
  5. मैंने कीलें निकालकर – __________
  6. झूले से उतरकर – __________
  7. सुराही पर लेट जाता – __________
  8. कुछ पाने के लिए – _________

उत्तरः

  1. अधिकरण कारक;
  2. कर्म कारक;
  3. संबंध कारक;
  4. संबंध कारक;
  5. कर्ता कारक;
  6. अपादान कारक;
  7. अधिकरण कारक;
  8. संप्रदान कारक।

XIII. दी गयी शब्द-पहेली से पशु-पक्षियों के नाम ढूँढकर लिखिए :

  1. __________
  2. _________
  3. __________
  4. __________
  5. _________
  6. _________
  7. __________
  8. __________

उत्तरः

  1. मोर;
  2. कुत्ता;
  3. हंस;
  4. बिल्ली;
  5. कौआ;
  6. कबूतर;
  7. गरुड;
  8. मयूर।

भाषा ज्ञान

I. उदाहरणसहित स्वर संधि के पाँच भेदों का नाम लिखिए।

व्यंजन संधि : व्यंजन के साथ स्वर अथवा व्यंजन के मेल से उत्पन्न परिवर्तन को व्यंजन संधि कहते हैं।
उदाहरण :

  • जगत् + नाथ = जगन्नाथ
  • सत् + आचार = सदाचार
  • वाक् + मय = वाङ्मय
  • वाक् + ईश = वागीश
  • षट् + दर्शन = षडदर्शन

उदाहरणसहित स्वर संधि के पाँच भेदों का नाम लिखिए :
स्वर संधि : दो स्वरों के मिलने से जो परिवर्तन या विकार होता है, उसे स्वर संधि कहते हैं।
उदाहरण :

  • परम + अणु = परमाणु
  • देव + आलय = देवालय।

स्वर संधि के पाँच भेदों के नाम-

  1. दीर्घ संधि;
  2. गुण संधि;
  3. वृद्धि संधि;
  4. यण संधि;
  5. अयादि संधि।

II. संधि विच्छेद करके लिखिए :

  1. तल्लीन – _________
  2. चिदानंद – _________
  3. दिगम्बर – __________
  4. सज्जन – __________
  5. सद्गति – _________

उत्तर:

  1. तल्लीन – तत् + लीन
  2. चिदानंद – चित् + आनंद
  3. दिगम्बर – दिक् + अंबर
  4. सज्जन – सत् + जन
  5. सद्गति – सत् + गति

III. स्वर संधि और व्यंजन संधि के शब्दों की सूची बनाइए:

सदाचार, गिरीश, वागीश, इत्यादि, सदैव, नयन, जगन्नाथ, महोत्सव, षड्दर्शन, जगन्मोहन।


उत्तरः

गिल्लू Summary in Hindi

गिल्लू लेखिका का परिचय :
महादेवी वर्मा जी विश्व स्तर की कवयित्री हैं। उन्हें ‘आधुनिक मीरा’ भी कहा जाता है। उनका जन्म 24 मार्च, 1907 को फरुखाबाद में हुआ। उनके पिता गोविंद प्रसाद वर्मा और माता हेमारानी थी। उन्होंने प्रयाग के विश्वविद्यालय से संस्कृत में एम.ए. उपाधि प्राप्त कर प्रयाग के महिला विद्यापीठ में प्रधानाध्यापिका का पद संभाला।

महादेवी वर्मा जी ने गद्य और पद्य दोनों की रचना की है। इनकी प्रमुख रचनाएँ हैं – ‘यामा’, ‘सांध्यगीत’, ‘दीपशिखा’, ‘नीरजा’, ‘नीहार’, ‘अतीत के चलचित्र’, ‘स्मृति की रेखाएँ’, ‘पथ के साथी’, ‘मेरा परिवार’, ‘श्रृंखला की कड़ियाँ’ आदि।

महादेवी वर्मा जी को सेक्सरिया पुरस्कार, मंगला प्रसाद पुरस्कार, द्विवेदी पदक आदि अनेक पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। उनकी ‘यामा’ के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला है। उनका निधन सितंबर सन्
1987 को हुआ।

पाठ का सारांश :
लेखिका ने बरामदे में आकर देखा कि दो कौए आपस में चोंच मिलाकर खेल रहे थे। पुराणों में कौए को काकभुशुंडी कहा जाता है। यह विचित्र पक्षी है, जो कभी आदर पाता है, तो कभी अनादर भी। हमारे बुजुर्ग न हंस के रूप में आते हैं, न गरुड़ के रूप में; बल्कि वे तो श्राद्ध-पक्ष में कौए के रूप में ही आते हैं। भले ही उनके ‘काँव-काँव’ की ध्वनि से हम नाराज ही हों, परन्तु उन्हें बुलाना तो पड़ता ही है।

अचानक लेखिका की नजर गमले के पास पड़ी, तो वहाँ एक छोटा-सा गिलहरी का बच्चा दिखाई दिया। कौओं से भयभीत होकर, वहीं छुपा हुआ था। सबने कहा कि कौए की चोंच का घाव लगने के बाद वह बच नहीं सकता, अतः उसे ऐसे ही रहने दिया जाय।

परन्तु लेखिका को उस पर दया आ गई। उसे उठाकर कमरे में ले आई और उसके घावों पर पेंसिलिन का मरहम लगाया। दो-चार दिनों में गिलहरी का बच्चा चंगा हो गया, उछल-कूद मचाने लगा। लेखिका के उपचार तथा व्यवहार से तीन-चार मास में गिलहरी का बच्चा बड़ा सुंदर लगने लगा। सभी उसे ‘गिल्लू’ कहकर पुकारने लगे। उसे एक हल्की डलिया में रुई बिछाकर लिटा दिया और खिड़की पर लटका दिया।

यही गिल्लू का दो वर्षों तक घर रहा। अपनी सुंदर, चमकीली आँखों से न जाने वह क्या-क्या देखता रहता। लेखिका कहती है कि जब वह लिखने बैठती, तो गिल्लू उसके इर्द-गिर्द घूमने लगता। लेखिका कभी उसे कागज के लिफाफे में डाल देती। गिल्लू लेखिका के कार्यकलाप को देखने में तल्लीन हो जाता। भूख लगने पर चिक-चिक आवाज करके मानों सूचना देता और काजू या बिस्कुट मिलने पर कुतरता रहता।

गिल्लू एक वर्ष का हुआ तो बाहर की गिलहरियाँ खिड़की के पास आकर न जाने ‘चिक-चिक’ करके क्या कहती थीं। लेखिका को लगा कि अब गिल्लू को मुक्त कर देना चाहिए। उन्होंने कीलें निकालकर जाली का एक कोना खोल दिया। खिड़की से बाहर जाकर, अन्य गिलहरियों के संग पेड़ों पर उछल-कूद मचाकर वह फिर ठीक चार बजे वापस आ जाता और अपने झूले में झूलने लगता।

लेखिका ने और भी कई पशु-पक्षियों को पाला है, परन्तु उनमें से कोई भी लेखिका की थाली में मुँह नहीं डालते, मात्र गिल्लू के। बड़े ही प्रयास से उन्होंने गिल्लू को थाली के पास बैठना सिखाया और गिल्लू थाली से एक-एक दाना चावल उठाकर खाता। काजू उसकी प्रिय वस्तु है। यदि किसी दिन काजू नहीं मिलता, तो वह झूले से नीचे भी नहीं आता। एक बार मोटर दुर्घटना में आहत होकर लेखिका को अस्पताल में रहना पड़ा। इस अवधि में गिल्लू को यद्यपि काजू खाने के लिए दिए गए; परन्तु उसने काजू बहुत कम खाए। अस्वस्थ लेखिका के पास आकर उसके सिर और बालों को सहलाता। गर्मी में वह सदा सुराही के पास ही बैठा रहता।

कहा जाता है कि गिलहरियों की अवधि दो वर्षों से अधिक नहीं होती। अतः गिल्लू के भी अंतिम दिन नज़दीक आ गए थे। उसने दिन-भर कुछ नहीं खाया और न बाहर गया। पंजे इतने ठंडे हो गए थे कि लेखिका ने हीटर से उष्णता पहुँचाई; फिर भी प्रभात की प्रथम किरण के साथ ही वह चिर निद्रा में सो गया। सोनजुही गिल्लू को प्रिय थी। अतः वहीं गिल्लू की समाधि है; ताकि लेखिका को लगे कि कहीं वह छोटा-सा जीव फूल के रूप में खिलकर संतोष दे सके।

गिल्लू Summary in Kannada

गिल्लू Summary in English

This story is written by one of the famous Hindi writers of our times, Mahadevi Verma. She is also known as ‘present-day Meera’.

Suddenly, the author came out into her verandah and saw two crows playing with their beaks. In the ancient texts of India, the crow is known as ‘Kak-bhushundi’. It is a strange creature, which is sometimes loved and respected, but sometimes hated and driven away. Our ancestors come back neither in the form of swans or eagles, but in the form of a crow. However much we might dislike their cawing, we must call them nevertheless as they are believed to possess the souls of our forefathers.

Suddenly, the author’s eyes came upon a small form lying beside one of her pots. It was a tiny, wounded baby squirrel. Fearing the crows, it had chosen to hide there. Everyone said that the squirrel would not survive as it had been wounded by the crows. They suggested that the squirrel be left as it was.

However, the author felt pity for the little squirrel and took it to her room. She applied penicillin on the squirrel’s wounds. Within a few days, the squirrel recovered its health and began to jump and play around. With the author’s love and affection, the little baby grew into a beautiful squirrel within a matter of months. Everyone called it ‘Gilloo’. Gilloo was given a home – a small swing on a branch with a bed of cotton, tied to the window. This was to be Gilloo’s home for the next two years.

The author says that whenever she would sit down to write, Gilloo would start jumping and playing around her, trying to draw her attention. Sometimes, she would put the squirrel inside a paper envelope. Whenever Gilloo was hungry, he would make a ‘chik-chik’ sound and upon being given cashew or biscuit, he would devour it happily.

When Gilloo turned one year old, the squirrels outside would visit him and make some conversation. Watching this, the author felt that it was time to release Gilloo into his natural habitat. She opened up a corner of the net that covered the window so that Gilloo could go out. Gilloo would go out of the window and play with the other squirrels happily, but at exactly four in the afternoon, he would return to his swing and sit there.

The author had many different pets, but none of them would put their mouth into her plate when she ate, except for Gilloo. It took her a lot of time and patience to teach Gilloo to sit near her plate and nibble on bits of grain and rice. Gilloo loved cashew nuts. On days when he was not given cashew nuts, he would refuse to come down from his swing.

Once, the author was involved in a motor accident and had to spend a few days in the hospital. Even though Gilloo was given many cashew nuts during this period, he did not eat many. It was apparent that he was missing the author. When she returned home, Gilloo would go near the author and have her scratch his head and his hair. During the winter, Gilloo would sit close to the fireplace.

It is said that the average lifespan of a squirrel is two years. This meant that Gilloo was nearing the end of his life. He did not eat anything all day and did not even venture out of his swing. His paws had become so cold that the author used the heater to warm them. However, with the rising sun, Gilloo breathed his last.

Gilloo loved the jasmine creeper. The author, therefore, buried him near the creeper, hoping that the little squirrel would be reborn as a flower.

शब्दार्थ :

  • अचानक – यकायक, suddenly;
  • गमला – फूलों के पेड़ या पौधे लगाने का बर्तन, pot;
  • घाव – जख्म;
  • हौले से – धीरे से;
  • काँच – शीशा;
  • चुन्नट – सिलवट;
  • सोनजुही – एक खुशबूदार फूल;
  • गिलहरी – Squirrel;
  • अवतीर्ण – उत्पन्न होना, अवतरित होना;
  • काकद्वय – दो कौए;
  • चोंच – पक्षियों के मुख का अग्र भाग;
  • मरहम – औषधि का लेप;
  • झब्बेदार – गुच्छे जैसी;
  • डलिया – छोटी टोकरी;
  • मनकें – मणि;
  • गात – शरीर, देह;
  • कीलें – लोहे या काठ की छूटी;
  • बरामदा – घर के बाहर का भाग, दालान, ओसारा;
  • सुराही – पानी रखने का बर्तन

गिल्लू का पसंदीदा भोजन क्या था तथा वह उसे पाने के लिए क्या करता था?

गिल्लू का प्रिय खाद्य काजू था। इसे वह अपने दाँतों से पकड़कर कुतर-कुतरकर खाता रहता थागिल्लू को जब काजू नहीं मिलता था तो वह खाने की अन्य चीजें लेना बंद कर देता था या उन्हें झूले से नीचे फेंक देता था

गिल्लू का प्रमुख भोजन क्या था?

Answer: गिल्लू का प्रिय भोजन काजू था

गिल्लू को मुक्त करने की आवश्यकता क्यों समझी गई और उसके लिए लेखिका ने क्या किया?

उत्तर:- गिल्लू को मुक्त करने की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि वह उसका पहला बसंत था। बाहर की गिलहरियाँ खिड़की की जाली के पास आकर चिक-चिक करके कुछ-कुछ कहने लगीं। उस समय गिल्लू जाली के पास आकर बैठ जाता था और उन्हें निहारता रहता था। तब लेखिका को लगा के अब गिल्लू को मुक्त कर देना चाहिए।

लेखिका को अकस्मात किस छोटेजीव का स्मरण हो आया और कैसे?

लेखिका को अकस्मात किस छोटे जीव का स्मरण हो आया और कैसे? लेखिका ने देखा कि सोनजुही में पीली कली आ गई है। यह देखकर उसे अकस्मात छोटे जीव गिल्लू का स्मरण हो आया। सोनजुही की इसी सघन हरियाली में गिल्लू छिपकर बैठता था जो अचानक लेखिका के कंधे पर कूदकर उसे चौंका देता था।

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