गुड-इवनिंग
सुसंध्या, शाम का सलाम, शुभ संध्या
गुंड-तौर
बदचलन, बुरे ढंग वाला, चरित्रहीन
गुंड-जोग
गुंड-चुनाई
गुड-मार्निंग
प्रातःकाल किसी से मिलने या विदा होने के समय कहा जानेवाला एक अभिवादन वचन , सुबह का नमस्कार
गुड-आफ़्टरनून
गुड-आफ़्टरनून
गुड़-पापड़ा
गुड़-फूल
गुड़-गुड़ा
गुड़-पापड़ी
एक मिठाई जो आटे को घी में भून के गुड़ और मूँगफली के दाने डाल के बनाते हैं
गुड-फ़्राइडे
गुंड
चूर्ण; किसी पदार्थ आदि का टूटा या पिसा हुआ बारीक कण
गुड़-अंबा
एक किस्म का खट-मिट्ठा जिसे गुड़ और आम को मिला कर पकाते हैं, चीनी या गुड़ के शीरे में पकाई हुई कच्चे आम की फाँकें
गुड़ माँगना
चुम्बन माँगना
गुड़
ईख, ऊख या खजूर आदि के रस को गाढ़ा करके बनाई हुई बट्टी या भेली, ऊख के रस का वह रूप जो उसे पकाकर खूब गाढ़ा करने पर प्राप्त होता है, और जो बाजार में वट्टी, भेली आदि के रूप में मिलता है
गुड-लक
गुड-नाइट
रात का सलाम, शुभरात्री
गुड-टर्न
गुड़-धानी
लड्डू जो भुने हुए गेहूँ को गुड़ में पागकर बाँधे जाते हैं, ऐसे लड्डू प्रायः महाबीर या गणेश को चढ़ाए जाते हैं
गुड़-छाल
चिट्टा-गुड़
गुड़-पुश्प
गुड़ लेना
चुम्बन लेना, प्यार लेना, चूमना
गूँगे का गुड़
गुड-डे
(अंग्रेज़) दिन का सलाम (ईश्वर करे दिन अच्छा गुज़रे)
गुड़ की भेली
गुड़ का गेंद जैसा ठोस डला, गुड़ का गोल पिंडा
गुड़ की जूती
जब किसी चीज़ के नायाब होने पर ग़रीब लोग उस की शक्ल तक देखने को तरसें मगर अमीर लोग उसे बेतहाशा इस्तिमाल करें तो इस मौक़ा पर कहते हैं
गुड़ की पारी
नारियल का गुड़
एक प्रकार का गुड़ जो नारियल के पेड़ के रस से बनाते हैं
गुड़ बैठ जाना
मर्तुब हुआ से गुड़ का नरम होजाना
गूँगे का गुड़ खिलाना
बोलने से आजिज़ कर देना, ख़ामोश कर देना, गुपचुप की मिठाई खिला देना
खुर खाँसी बनिए के जाए, उस के घर गए गुड़ खाए
रुक : खुर खांसी तेरी दालई के अलख
गुड़ देना
अपना कोई अंग चूम लेने की अनुमति देना
चोरी का गुड़ मीठा
निशुल्क माल सब को अच्छा लगता है, किसी का माल उस की जानकारी के बिना खाने में अधिक मज़ा आता है
उल्टी टूपी गुड़ चने
रुक : उल्टा पाजामा गड़ चुने
ये वो गुड़ नहीं जो च्यूँटे खाएँ
हर एक को ये बात नसीब नहीं होसकती, ये ऐसा माल नहीं जिसे हर कोई खाए, ये चीज़ ऐसे वेसों के काबिल नहीं हमें कोई फ़ंद-ओ-फ़रेब से नहीं ठग सकता हमारा माल कोई नहीं खा सकता
तेरी बात गुड़ से मीठी
तेरी बात बहुत पसंद है
हाथ डालो गुड़ निकालो
मेहनत करो और फल पाओ, मेहनत करो मज़े उड़ाओ
हर बार गुड़ मीठा
अच्छी चीज़ बहरहाल अच्छी होती है (हर दफ़ा फ़ायदा ढ़ूढ़ने वाले की निसबत कहते हैं
उल्टा पाजामा गुड़ चने
उल्टा पाजामा पहनने का जुर्माना गड़ चुने दो (मज़ा हिन् तंज़न)
जितना गुड़ डालो उतना मीठा
जितना ज़्यादा ख़र्च करोगे इतना ही बेहतर होगा, जितनी मेहनत करोगे इतना ही हासिल होगा
शैतान का गुड़
अकेली कहानी गुड़ से मीठी
अपनी कथा बहुत अच्छी लगती है, एक ओर का बयान सब को सत्य लगता है, एक अकेली वस्तु सबसे श्रेष्ट तो मानी ही जाएगी, क्योंकि उसकी तुलना में कोई दूसरी अच्छी वस्तु उपलब्ध नहीं
सब गुड़ लाट हो गया
सारी मेहनत इक्का रुत गई, सारा काम ख़राब हो गया
क्या गूँगे का गुड़ खाया है
क्यूँ नहीं बोलते, क्यूँ ख़ामोशी इख़्तियार की है, किस लिए गूँगे से बिन गए हो
गुड़ का शीरा
घर की खाँड किर्किरी, चोरी का गुड़ मीठा
घर की मूल्यवान वस्तु की तुलना में निशुल्क वस्तु अधिक अच्छी लगती है, लोग वैध की ओर ध्यान नहीं देते निषिद्ध की ओर अधिक ध्यान देते हैं, उन लोगों के लिए भी कहते हैं जो पत्नियों की उपेक्षा करके वेश्या के यहाँ जाते हैं, जिन्हें बाज़ार की मिठाई खाने की लत लग जाए उन के लिए भी प्रयुक्त
जितना गुड़ डालो उतना ही मीठ
गुड़ कुल्हिया में फूटना
गुड़ हर बार मीठा होता है
नेक का हमेशा अच्छा होता है
कुल्या में गुड़ फूटना
कुलया में गड़ फोड़ना (रुक) का लाज़िम
गुरू गुड़ ही रहे चेले चीनी हो गए
शागिर्द उस्ताद से बढ़ गए
जितना गुड़ डालोगे, उतना मीठा होगा
गूंगे का गुड़ खाना
कुछ भी कह नहीं सकना, न बोलना या बातें न करना, चुप्पी साधना
सब गुड़ मिट्टी हुआ
सब गुड़ बेकार हो गया, सारी मेहनत बेकार गई
गुड़ से बैंगन हो गए
जब कोई महंगी चीज़ सस्ती होजाए तो कहते हैं
हल्दी और गुड़ इस्ते'माल करना
(हल्दी और गड़ खा कर) चोट का ईलाज करना , मुराद : बहुत मार खाना
कुछ गुड़ ढीला , कुछ बनिया
कुछ इस का क़सूर है कुछ इस का , क़सूर दोनों का है
गूँगे का गुड़ खट्टा न मीठा
कोई बात न कह पाना, किसी बात का अर्थ न होना, कुछ कहने की बात नहीं, क्योंकि गूंगा मुँह से बोल नहीं सकता