न्यूज डेस्क, नई दिल्ली Published by: योगेश साहू Updated Wed, 22 May 2019 06:54 PM IST
depression एक रिसर्च कहती है कि डिप्रेशन दूर करने के लिए ली जा रहीं दवाएं यानी एंटी डिप्रेसेंट्स दिमाग की संरचना बदल रही हैं। मरीजों के बढ़ने के साथ यह समस्या और भी भयावह होती जा रही है। इस समस्या के चलते कई लोग आत्महत्या तक कर लेते हैं। जबकि कई डिप्रेशन दूर करने के लिए एंटी डिप्रेसेंट्स का सहारा लेते हैं। साधारण शब्दों में कहें तो डिप्रेशन का अर्थ है जिंदगी से नाखुश होना। हालांकि अभी तक इसकी ठीक-ठीक वजह नहीं बताई जा सकी है। ज्यादातर रिसर्च बताती हैं कि दिमाग
में किसी तरह के असंतुलन की वजह से डिप्रेशन होता है। इसमें कई चीजों की भूमिका होती है, जैसे किसी नजदीकी की मौत, नौकरी छूट जाना या शादी का टूट जाना, परीक्षा में फेल होना आदि से आमतौर पर डिप्रेशन होता है। दवाओं के साइड इफेक्टस से भी डिप्रेशन हो जाता है।भारत में तेजी से बढ़ रहे डिप्रेशन के मरीजों का इलाज करने में कितनी कारगर हैं ये दवाएं
इसके तीन लक्षण मुख्य हैं
- मिजाजः किसी भी काम या चीज में मन न लगना, कोई रुचि न होना, किसी बात से कोई खुशी न होना। गम का भी अहसास न होना अवसाद का लक्षण है।
- नकारात्मक सोचः नकारात्मक सोचना भी डिप्रेशन का लक्षण है। कोई भी काम जैसे: ट्रेन में यात्रा इस कारण नहीं करना कि कहीं ट्रेन का एक्सीडेंट हो गया तो।
- शारीरिक लक्षणः नींद न आना या बहुत नींद आना। रात को दो-तीन बजे नींद का खुलना, अगर यह दो सप्ताह से अधिक चले तो डिप्रेशन की निशानी है।
दुनिया में सबसे प्रसिद्ध एंटी डिप्रेसेंट है प्रौजैक
प्रौजैक डिप्रेशन दूर करने की सबसे आम दवा मानी जाती है । यह 1988 में अमेरिका में आई थी, इसके एक साल बाद इसेब्रिटेन आई । बॉन इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी के अनुसार 2010 में यूरोप का हर 10 में से एक यह दवा लेता था। यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल रिसर्च के मुताबिक अमेरिका में 12 वर्ष से ऊपर के लगभग 11 फीसदी एंटी डिप्रेसेंट्स का सेवन करते हैं।
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