खरोष्ठी भाषा का उद्भव
जौनपुर
10-07-2020 05:29 PMध्वनि 2- भाषायें
भारत में अनेकों वंशों और राजाओं ने राज किया तथा इन सभी के समय में कई लिपियाँ विकसित हुई, उत्तर भारत में दो प्रमुख लिपियाँ प्रकाश में आयी। इन लिपियों में ब्राह्मी और खरोष्ठी प्रमुख थी। ब्राह्मी लिपि तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में विकसित होना शुरू हुई थी और अशोक का समय आते आते यह लिपि पूरी तरह विकसित हो चुकी थी।
1. मुख्य चित्र में 2-5 वीं शताब्दी ईसापूर्व की कागज की पट्टी दिखाई गयी है, जिस पर खरोष्ठी लिपि में लेखन हैं। यिंगपैन, झिंजियांग संग्रहालय (Yingpan, Xinjiang Museum)।
2. दूसरे चित्र में नई दिल्ली में राष्ट्रीय संग्रहालय में प्रक्षेपित (एक लकड़ी की प्लेट पर) खरोष्ठी लिपि है, दिखाई गयी है।
3. तीसरे चित्र में इंडो-ग्रीक राजा मेनेंडर के सिक्कों को दिखाया गया है, जिनके ऊपर खरोष्ठी लिपि अंकित हैं।
4. चौथे चित्र में खरोष्ठी लिपि में लिखित गांधार से प्राप्त दोतरफा लकड़ी की पट्टियां हैं जो लगभग दूसरी से चौथी शताब्दी ई.पू. के आसपास हैं।
5. पाँचवा चित्र इंडो-ग्रीक राजा आर्टेमिडोरोस एनिकेटोस (Artemidoros Aniketos) के एक सिक्के पर खरोष्ठी लिपि में लिखा हुआ है और अशोक के शाहबाजगढ़ी मेजर रॉक एडिक्ट (लगभग 250 ईसा पूर्व) के संपादन नंबर-1 में खरोष्ठी में "धरामा-दीपी" ("धर्म का शिलालेख") लिखा हुआ है।
6. अंतिम चित्र इंडो-ग्रीक अष्टनगर पाद-पीठ (Hashtnagar pedestal) जिस पर बोधिसत्व का प्रतीक है और प्राचीन खरोष्ठी लिपि संदर्भित है। यह गांधार, पाकिस्तान में राजार के पास मिला था।
सन्दर्भ :
//www.ancient.eu/Kharosthi_Script/
//en.wikipedia.org/wiki/Kharosthi
//www.coin-competition.eu/tag/kharosthi-inscriptions/
S.J. Mangalam- Kharoshthi
खरोष्ठी लिपि का अर्थ क्या है?
खरोष्ठी लिपि
भारत के पश्चिमोत्तर क्षेत्रों में प्रचलित यह लिपि दायें से बायें लिखी जाती थी। इसे विदेशी उद्गम लिपि यानी अरामाइक और सीरियाई लिपि से विकसित माना जाता है। कुल 37 वर्णों वाली इस लिपि में स्वरों का अभाव था, यहाँ तक कि मात्राएँ और संयुक्ताक्षर भी नहीं मिलते हैं।
ब्राह्मी लिपि का अर्थ क्या है?
ब्राह्मी लिपि एक प्राचीन लिपि है जिससे कई एशियाई लिपियों का विकास हुआ है। प्राचीन ब्राह्मी लिपि के उत्कृष्ट उदाहरण सम्राट अशोक (असोक) द्वारा ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी में बनवाये गये शिलालेखों के रूप में अनेक स्थानों पर मिलते हैं। नये अनुसंधानों के आधार 6 वीं शताब्दी ईसा पूर्व के लेख भी मिले है।
खरोष्ठी लिपि का दूसरा नाम क्या है?
खरोष्ठी लिपि गान्धारी लिपि के नाम से जानी जाती है । जो गान्धारी और संस्कृत भाषा को लिपिबद्ध करने में प्रयोग में आती है । इसका प्रयोग तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से तीसरी शताब्दी तक प्रमुख रूप से एशिया में होता रहा है ।
ब्राह्मी और खरोष्ठी लिपि क्या है?
पहला, दिशा: ब्राह्मी लिपि बाएं से दाएं लिखी जाती हैं ( जैसे देवनागरी), लेकिन खरोष्ठी लिपि दाएं से बाएं लिखी जाती हैं (जैसे फारसी)। दूसरा, स्वर वर्ण लिखने का तरीका: ब्राह्मी लिपि में सारे स्वर वर्ण का एक अलग रूप होता हैं। जैसे देवनागरी में अ, इ, उ, ए, सभी अलग रूप में लिखे जाते हैं।