ग्रोथ हार्मोन (Growth Hormone) शरीर में एक पदार्थ है, जो बच्चों को बढ़ने और विकसित करने में मदद करता है. यह मस्तिष्क में मौजूद पिट्यूटरी ग्रंथि (Pituitary Gland) द्वारा बनाया जाता है, जो कि कई हार्मोन उत्पादन के लिए जिम्मेदार होती है. ग्रोथ हार्मोन की कमी यानी ग्रोथ हार्मोन डेफिशियंसी (Growth Hormone Deficiency) तब होती है जब शरीर किसी बच्चे को सामान्य गति से बढ़ने देने के लिए पर्याप्त ग्रोथ हार्मोन नहीं बनाता है. ग्रोथ हार्मोन की कमी दो तरह की होती है. पहली जन्मजात जिसमें बच्चा जन्म के साथ ही इस समस्या से पीड़ित होता है. उन्हें अन्य हार्मोन के साथ भी समस्या हो सकती है.
भले ही वे इस स्थिति के साथ पैदा हुए हों, लेकिन कुछ बच्चे ऐसे दिखते हैं जैसे वे सामान्य रूप से बढ़ रहे हैं, जब तक कि वे लगभग 6 से 12 महीने के न हों. दूसरी ग्रोथ हार्मोन की कमी तब होती है जब शरीर सामान्य रूप से बढ़ने के लिए पर्याप्त ग्रोथ हार्मोन बनाना बंद कर देता है. यह बचपन में कभी भी शुरू हो सकती है.
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बच्चों में दिखने लगते हैं ये लक्षण
नियमित जांच के दौरान डॉक्टर बच्चों की हाइट की जांच करते हैं. समय के साथ डॉक्टर देख सकते हैं कि बच्चे कितनी तेजी से बढ़ते हैं. अगर बच्चा अपनी उम्र की तुलना में बहुत धीमी गति से बढ़ रहा है, तो इसे ग्रोथ फेल्योर कहा
जाता है. सबसे अधिक दिखाई देने वाले संकेतों में से एक हाइट है जो अधिकांश अन्य बच्चों की तुलना में बहुत कम नजर आती है, लेकिन कुछ बच्चों में ग्रोथ फेल्योर हो सकता है, भले ही उनकी हाइट कम न हो. अन्य लक्षणों में अन्य बच्चों की तुलना में बहुत छोटा दिखना यानी यौवन में देरी, देर से दांत आना, नाखून बढ़ने में देरी, मांसपेशी में कमजोरी, ऊर्जा में कमी, लड़कों में जन्म के समय छोटा लिंग, लो ब्लड शुगर शामिल हैं. बच्चों में ग्रोथ हार्मोन डेफिशियंसी देखने के लिए कुछ टेस्ट किए जा सकते हैं जैसे ब्लड टेस्ट, बोन एज
एक्स-रे, जीएच सिम्यूलेशन टेस्ट, ब्रेन एमआरआई.
वयस्कों में भी हो सकती है समस्या
myUpchar से जुड़े डॉ. आयुष पांडे का कहना है कि वयस्कों में पिट्यूटरी ट्यूमर या मस्तिष्क की गंभीर चोट की वजह से ग्रोथ हार्मोन डेफिशियंशी हो सकती है. इसमें कुछ लक्षण नजर आ सकते हैं जैसे शरीर की संरचना बदलना, ऑस्टियोपोरोसिस, मांसपेशियों की ताकत में कमी, ऊर्जा के स्तर में कमी, एलडीए कोलेस्ट्रोल में बढ़ोतरी या कार्डियक फंक्शन का अस्थिर होना.
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रोजाना इंजेक्शन की जरूरत
ग्रोथ हार्मोन डेफिशियंसी के उपचार के लिए ग्रोथ हार्मोन को ठीक करने के लिए रोजाना इंजेक्शन लेने की जरूरत होती है. यदि बचपन से लेकर वयस्क होने तक इस ग्रोथ हार्मोन डेफिशियंसी पर काम किया जाए तो वयस्क होने तक ग्रोथ
हार्मोन को सामान्य किया जा सकता है. ग्रोथ हार्मोन का स्तर एक बच्चे की तुलना में वयस्क का सामान्य या कम हो सकता है.
अधिक जानकारी के लिए हमारा आर्टिकल, ऑटोइम्यून डिजीज क्या हैं, लक्षण, कारण, बचाव, इलाज और दवा पढ़ें।
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FIRST PUBLISHED : October 20, 2020, 07:01 IST
जानिए किस हार्मोन की कमी से नहीं बढ़ती बच्चों की हाइट, क्या है इलाज
जयपुरPublished: Sep 07, 2018 08:14:59 pm
बच्चे की लंबाई मां के गर्भ से ही बढऩी शुरू हो जाती है। इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार जन्म के बाद बच्चे की लंबाई करीब 50 सेमी. होनी चाहिए।
बच्चे की लंबाई मां के गर्भ से ही बढऩी शुरू हो जाती है। इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार जन्म के बाद बच्चे की लंबाई करीब 50 सेमी. होनी चाहिए। बच्चे की उम्र एक साल हो गई तो उसकी लंबाई 75 सेमी. होनी चाहिए। यानि एक साल के भीतर 25 सेमी. हाइट बढऩी चाहिए। कई बार 46 की जगह 45 गुणसूत्र होने से भी बच्चे का विकास नहीं हो पाता है। इसका सीधा असर उसकी लंबाइ पर पड़ता है। दो साल बाद बच्चे की लंबाइ को चाइल्डहुड ग्रोथ के तौर पर देखते हैं। दूसरे साल में बच्चे की लंबाई 82 से 83 सेमी. जबकि 3 से 4 साल की उम्र के बाद हर साल 6 से 7 सेमी. बढऩी चाहिए। बच्चों को फास्ट फूड न दें क्योंकि फास्ट फूड से भूख तो मिट जाती है पर शरीर के विकास के लिए जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं।
उम्र के हिसाब से नहीं बढ़ रही है बच्चे की लंबाई, इन बातों पर दें ध्यान
| Updated: 27 Aug 2019, 11:09 am
विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों की लंबाई ठीक से न बढ़ने की वजह डिलीवरी से पहले और बाद में बच्चे की मां और बच्चे को पूरा पोषण और सही देखभाल ना मिलना भी होती है। अगर बच्चे की लंबाई उसकी उम्र के हिसाब से नहीं बढ़ रही है तो इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
विशेषज्ञों के अनुसार ये भी हैं कारण
लंबाई न बढ़ने के कारण
बच्चे की फिजिकल ग्रोथ उम्र के हिसाब से न होने के पीछे दो मुख्य कारण होते हैं। पहला है जेनेटिक कारण। यानी घर परिवार में सभी की लंबाई कम होना, जो उसके भी जीन्स में आया है। दूसरा है नॉन जेनेटिक रीजन। यानी उसके खाने में पोषक तत्वों की कमी है या फिर उसे को शारीरिक समस्या है।
ये बातें करती हैं प्रभावित
बच्चे की ग्रोथ को कई बातें प्रभावित करती हैं। अगर आप अपने हिसाब से उसे डायट सही दे रही हैं और घर परिवार में भी सबकी हाइट ठीक
है लेकिन बच्चे की ग्रोथ नहीं हो रही है तो आपको ध्यान देना होगा कि कहीं आपका बच्चा बार-बार बीमार तो नहीं हो रहा है। अगर बच्चा अपनी ग्रोइंग ऐज के दौरान जल्दी-जल्दी बीमार पड़ता है तब भी उसकी लंबाई बढ़ने की प्रक्रिया प्रभावित होती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों की लंबाई ठीक से न बढ़ने की वजह डिलीवरी से पहले और बाद में बच्चे की मां और बच्चे को पूरा पोषण और सही देखभाल ना मिलना, बच्चे का फिजिकल ऐक्टिविटीज में भाग न लेना, बैठते, लेटते और सोते
समय सही बॉडी पॉश्चर का न होना जैसी चीजें भी शामिल होती हैं।
बच्चे की लंबाई की चिंता
इस तरह रखें बच्चे का ध्यान
-बच्चे की लाइफस्टाइल और उसके बैठने और सोने के तरीकों पर ध्यान देने के साथ ही हमें इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि बच्चा आउटडोर ऐक्टिविटीज में भी भाग ले।
-केवल विडियोगेम या इंडोर गेम्स न खेले। उसकी डायट में डेयरी प्रोडक्ट्स, हरी सब्जियां और दालें शामिल करें।
-इस बात पर ध्यान दें कि उसका पेट साफ रहता हो और मोशन ठीक होते हों। कई बार बच्चों को लीवर की समस्या होती है और माता-पिता को यह बात पता ही नहीं चल पाती। इस कारण दी गई डायट का पूरा पोषण बच्चे को नहीं मिल पाता है।
- बच्चे की सेहत और उसकी लंबाई को लेकर अगर आपके मन में किसी भी तरह की शंका हो तो चाइल्ड स्पेशलिस्ट से जरूर मिलें। क्योंकि आज आप बच्चे को जो पोषण देंगी, वही उसकी लाइफ की नींव की तरह काम करेगा।
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