बच्चे को बार बार पेशाब आने का क्या कारण हो सकता है? - bachche ko baar baar peshaab aane ka kya kaaran ho sakata hai?

बच्‍चों को सामान्‍य से ज्‍यादा या बार-बार पेशाब (Frequent urination)आने को पोलाकीरिया कहते हैं। इसमें बच्‍चों को बार-बार पेशाब करने की जरूरत महसूस होती है। हालांकि, हर बार बच्‍चे को थोड़ा ही पेशाब आता है।

किसी अन्‍य लक्षण के न होने पर यह समस्‍या कुछ हफ्तों से लेकर महीनों में ठीक हो जाती है जबकि कुछ बच्‍चों को लंबे समय तक यह समस्‍या परेशान करती है। आइए जानते हैं कि पोलाकीरिया क्‍या होता है, इसके लक्षण, कारण और इलाज के बारे में।

​पोलाकीरिया के लक्षण

3 साल की उम्र के बाद बच्‍चे दिन में लगभग 12 बार पेशाब जाते हैं। उम्र बढ़ने पर उनका मूत्राशय भी विकसित होता है। बच्‍चे दिन में किसी भी समय चार से 6 बार पेशाब करते हैं।

पोलाकीरिया का सबसे स्‍पष्‍ट लक्षण यही है कि इसमें दिन में बच्‍चों को अचानक से पेशाब करने की जरूरत महसूस होती है।

इसमें बच्‍चों को हर आधे घंटे या इससे भी कम समय में बच्‍चे को पेशाब जाना पड़ सकता है। कुछ मामलों में बच्‍चे को एक ही दिन में 40 बार पेशाब करने जाना पड़ सकता है। हालांकि, हर बार बहुत थोड़ा पेशाब आता है।

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​बार बार पेशाब आने का कारण

विशेषज्ञों का मानना है कि मानसिक या शारीरिक कारणों की वजह से ऐसा हो सकता है। कुछ मामलों में स्‍कूल, घर या परिवार में किसी तनाव या समस्‍या के कारण बच्‍चों में ये परेशानी हो सकती है।

अधिक दूध या कैफीन लेने, कब्‍ज, मूत्राशय में सूजन, मूत्रनली में सूजन, मूत्राशय के अधिक सक्रिय रहने, पेशाब में कैल्शियम अधिक आने या टॉरेट सिंड्रोम की वजह से बच्‍चों में ऐसा हो सकता है।

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​बच्चों को बार बार पेशाब आने की दवा

कारण का पता लगाने के बाद डॉक्‍टर थेरेपी या इलाज शुरू करते हैं। आमतौर पर बच्‍चों में इस स्थिति के इलाज के लिए दवा की जरूरत नहीं पड़ती है।

पहले ये पता लगाएं कि यह स्थिति बिनाइन है या कुछ समय के लिए ही है। अगर तनाव या भावनात्‍मक कारण से यह स्थिति उत्‍पन्‍न हुई है तो बच्‍चे का काउंसलिंग या पैरेंट्स के सपोर्ट से ही ठीक किया जा सकता है।

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पेशाब में कैल्शियम की अधिकता और एसिडिक एवं ऑक्‍सलेट युक्‍त बेवरेज पीने से पोलाकीरिया का संबंध पाया गया है। इसलिए डॉक्‍टर इस स्थिति में एसिडिक या ऑक्‍सलेट युक्‍त बेवरेज, कैफीन और दूध न लेने की सलाह देते हैं। वहीं स्‍वस्‍थ पेय पदार्थ और पानी पीने की सलाह दी जा सकती है।

मूत्राशय के ज्‍यादा एक्टिव होने पर एंटीकोलिनेर्जिक तत्‍व वाली दवाएं दी जाती हैं। हालांकि, इन दवाओं के प्रभावशाली होने को लेकर एक राय नहीं है।

​डॉक्‍टर को कब बताएं

पोलाकीरिया की वजह से कोई परेशानी नहीं होती है। अगर बच्‍चे को अचानक से पेशाब करने में दर्द महसूस हो रहा है या बिस्‍तर गीला करना शुरू कर दिया है या उसे हर समय बहुत ज्‍यादा प्‍यास लगती है तो डॉक्‍टर को इस बारे में बताएं।

अगर किसी गंभीर स्थिति जैसे कि डायबिटीज के कारण बच्‍चे को बार-बार पेशाब आ रहा है तो उसका तुरंत इलाज करवाएं। डायबिटीज का इलाज न करवाने पर मूत्राशय और किडनी में इंफेक्‍शन की वजह से बच्‍चे के शरीर को कोई बड़ा नुकसान हो सकता है।

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बच्चों में बार-बार पेशाब आने की समस्या को न करें नजरअंदाज, हो सकता है इस बीमारी का संकेत

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: सोनू शर्मा Updated Fri, 26 Mar 2021 04:07 PM IST

छोटे बच्चे अक्सर रात को बिस्तर गीला कर देते हैं यानी पेशाब कर देते हैं, यह तो सामान्य बात है, लेकिन अगर आपका बच्चा दिन में बार-बार पेशाब करता है तो आपको सावधान हो जाना चाहिए, क्योंकि यह एक बीमारी का संकेत हो सकता है। दरअसल, बच्चों में बार-बार पेशाब आने का कारण पोलाकीरिया नामक बीमारी हो सकती है। सेंट लुइस चिल्ड्रन्स अस्पताल के मुताबिक, पोलाकीरिया से पीड़ित बच्चे प्रति दिन 40 बार या प्रति घंटे तीन से चार बार पेशाब करते हैं। हालांकि ज्यादा उम्र के लोगों में भी यह समस्या दिखती है, लेकिन तीन से पांच साल तक के बच्चों में यह समस्या बहुत ही आम होती है। आइए जानते हैं इस बीमारी के कारण और लक्षणों के बारे में... 

पोलाकीरिया के कारण 

मेडिकल न्यूज टूडे के मुताबिक, पोलाकीरिया का सटीक कारण तो डॉक्टर नहीं जानते हैं, लेकिन इसके कुछ संभावित कारण ये हो सकते हैं:

  • शरीर में रासायनिक बदलाव होने से 
  • हाइपरकैल्शिरिया यानी मूत्र में कैल्शियम की मात्रा अधिक होने से 
  • भावनात्मक या सामाजिक तनाव से (हालांकि बच्चे की काउंसिलिंग या माता-पिता के सपोर्ट से इस परेशानी को खत्म किया जा सकता है) 
  • मूत्राशय के अधिक सक्रिय रहने की वजह से 

पोलाकीरिया के लक्षण 

  • हर 15 मिनट या आधे घंटे पर पेशाब करना 
  • हर बार थोड़ा-थोड़ा करके पेशाब आना  
  • पेशाब करने के दौरान दर्द होना  
  • रात में अधिक पेशाब आना 
  • मल त्याग में बदलाव 

मेडिकल न्यूज टूडे के मुताबिक, वैसे पोलाकीरिया की वजह से कोई खास परेशानी नहीं होती है, लेकिन अगर आपके बच्चे को पेशाब करने के दौरान अचानक दर्द होता है या जलन होती है और उसे हर समय बहुत ज्यादा प्यास लगती है, तो आपको बच्चे को तुरंत डॉक्टर से दिखाना चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि संक्रमण की वजह से भी बच्चे को ऐसा हो रहा है। 

बच्चों में बार बार पेशाब आने का क्या कारण है?

बच्चों में बार बार पेशाब आने का कारण उनके पेट में मौजूद कीड़े भी हो सकते हैं। पेट में कीड़े होने पर मल का बाहर निकलना बंद हो जाता है या फिर अधिक पेशाब आने की समस्या उत्पन्न होती है। ऐसे में बच्चे के पेट की जांच अवश्य कराएं। टमाटर, चॉकलेट, मसालेदार और मीठे पदार्थों का सेवन करना बंद कर दें।

बार बार पेशाब आने पर कौन सी बीमारी होती है?

- कई बार कुछ लोगों का मूत्राशय अधिक सक्रिय होता है जिसकी वजह से व्यक्ति को जल्दी-जल्दी पेशाब आने लगता है। - यह समस्या यूरिनल ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) से भी हो सकता है। यूरिन में इंफेक्शन हो तो पेशाब आने के समय जलन भी होती है। - किडनी का इंफेक्शन होने पर भी बार-बार पेशाब आती है।

अगर बार बार पेशाब आए तो क्या करें?

बार-बार पेशाब आने के घरेलू उपाय | home remedies for frequent urination. यूरिन में जलन की समस्या से निजात पाने के लिए आपको सबसे पहले पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करना शुरू करना चाहिए. नींबू पानी और पुदीना के अर्क को इस्तेमाल करें, इससे संक्रमण को बढ़ने से रोकने में सहायता मिलती है. मौसमी फलों का जूस पीएं.

24 घंटे में कितनी बार पेशाब करना चाहिए?

अलग-अलग रिपोर्ट्स और हेल्थ फैक्टर्स के आधार पर हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए एक दिन में या कहिए कि 24 घंटे में 6 से 7 बार यूरिन जाना सामान्य है. लेकिन कुछ लोग इससे कम या इससे अधिक बार भी यूरिन जाते हैं तो जरूरी नहीं है कि उन्हें सेहत से जुड़ी कोई समस्या हो.

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