अलविदा किस भाषा का शब्द है - alavida kis bhaasha ka shabd hai

भारत 'श्रीकार्य', क्यों नहीं गुलामी के प्रतीक 'सरकार' शब्द को अलविदा कह दे 'नया भारत'

स्वतंत्रता के सात दशक बाद भी फारसी शब्द सरकार का स्वदेशी विकल्प नहीं ढूंढ सका भारत। सरकार के लिए हमारे पास अपना कोई शब्द नहीं है।

अतुल पटैरिया : 30 मई को भारत में नई 'सरकार' का गठन होना है। वह भी 'मोदी सरकार' का। अजब तथ्य है कि विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत अपनी स्वतंत्रता के सात दशक बाद भी फारसी 'सरकार' का स्वदेशी विकल्प नहीं ढूंढ सका है, जिसकी अपेक्षा अब की जा रही है। फारसी का यह शब्द 'सरकार' गुलामी के दौर का निशान है। भारतीय लोकतंत्र में आज सरकार, हुजूर या माईबाप... जैसे शब्दों के लिए कहीं कोई जगह नहीं है।

फारस से आए विदेशी आक्रांताओं और फिर अंग्रेजों को हमारी पीढ़ियां 'सरकार' कर संबोधित करती रहीं। लेकिन आज भारत विश्व का सबसे बड़ा और प्रभावी लोकतंत्र है। 'सरकार' शब्द आज तब और भी बोझिल जान पड़ता है, जब देश के प्रधानमंत्री खुद को 'प्रधान सेवक' कहते हैं, वे अपने साथियों को 'सत्ता भाव' से बचने और 'सेवा भाव' में रमने की सीख देते हैं, कहते हैं- अब भारत की जनता को 'सत्ता भाव' कतई स्वीकार नहीं...। ऐसे में 'सरकार' शब्द की प्रासंगिकता पर प्रश्नचिन्ह खुद-ब-खुद लग जाता है।

भाषाविद सवाल उठा रहे हैं कि क्या 'सरकार' के लिए हमारे पास अपना कोई शब्द नहीं है? ऐसा शब्द जो हमारे वैभवशाली लोकतंत्र के साथ ही हमारी समृद्ध संस्कृति और महान सभ्यता को पूर्णता में प्रतिबिंबित कर सके। दरअसल, 'सरकार' (जनता द्वारा चुनी गई लोकतांत्रिक शासन प्रणाली) के लिए हमारे पास अब तक कोई स्वदेशी शब्द मौजूद नहीं है। भरसक प्रयास करने पर एक सुझाव सामने आया है। भाषाविदों ने बताया कि संस्कृत का 'श्रीकार्य' शब्द इसके लिए सबसे उपयुक्त संबोधन है...।

गूगल पर ढूंढ लें या ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी खोल लें, सामने आएगा कि 'सरकार' मूलत: फारसी (पर्शियन) भाषा का शब्द है। ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में इसके दो अर्थ दिए गए हैं। पहला- हुकूमत (स्त्रीलिंग)। दूसरा- शासक (पुल्लिंग)। प्राचीन भारत के इतिहास में राजा, भोक्ता, महाराजा, सम्राट, शासक, शासन, राजकार्य, शासनादेश... आदि शब्दों का प्रमाण मिलता है, लेकिन जनता द्वारा चुनी गई लोकतांत्रिक शासन प्रणाली, जिसे अंग्रेजी में 'गवर्नमेंट' कहते हैं और हम जिसे फारसी में 'सरकार' कहते आए हैं, इसके लिए इनमें से किसी भी शब्द का चयन नहीं किया जा सकता है।

क्यों ढो रहे 'सरकार' को...

तथ्य यह भी है कि भारत में गणतांत्रिक शासन प्रणाली के प्रमाण तो सदियों पहले से विद्यमान हैं, लेकिन लोकतांत्रिक शासन प्रणाली या जनता द्वारा चुनी गई शासन प्रणाली का प्रमाण प्राचीन भारत के इतिहास में मौजूद नहीं है। लिहाजा, इसके लिए स्वदेशी संबोधन भी उपलब्ध नहीं रहा। दिलचस्प तो यह भी है कि किसी भी भारतीय भाषाविद या इतिहासकार अथवा किसी अन्य ने कभी इस बात पर ध्यान भी नहीं दिलाया। लिहाजा, 'फारसी' सरकार को हिंदी और हिंदुस्तान ने अपना 'इतिहास' समझ चुपचाप आत्मसात कर लिया और आज भी किए हुए है। भारत में सरकार शब्द के इतिहास पर जाएं तो ब्रिटिश उपनिवेश की स्थापना के 500 साल पहले तक, फारसी व्यापक रूप से भारतीय उपमहाद्वीप में दूसरी भाषा के रूप में इस्तेमाल की जाती थी। इसने उपमहाद्वीप पर कई मुस्लिम दरबारों में संस्कृति और शिक्षा की भाषा के रूप में भी प्रमुखता पा ली थी। हालांकि 1843 के बाद से अंग्रेजी और हिंदुस्तानी भाषा ने धीरे-धीरे फारसी का महत्व कम कर दिया।

भाषाविदों की अपेक्षा...

संस्कृत विश्व की अधिकांश भाषाओं की जननी है, तब भी हम 'सरकार' का स्वदेशी विकल्प क्यों नहीं ढूंढ और आत्मसात कर सके? काफी खोज-पड़ताल के बाद हमने विशेषज्ञों का रुख किया। इसके उत्तर में संस्कृत विदुषी सरला पटैरिया कहती हैं, संस्कृत दुनिया की प्राचीनतम भाषा है, इसमें कोई दोराय नहीं। जिस तरह दुनिया की अनेक भाषाओं पर संस्कृत का स्पष्ट प्रभाव है, उसी तरह फारसी पर भी है। फारसी के अनेक शब्द संस्कृत से ही निकले हैं। लेकिन 'सरकार' इनमें शामिल नहीं है। हां, इसकी रचना जिन दो शब्दों- सर और कार से मिलकर हुई है, वे दोनों ही शब्द संस्कृत से ही उपजे हैं। ध्वन्यात्मक उत्परिवर्तन (फोनेटिक म्यूटेशन) को चिन्हित करते हुए भाषाई उत्पत्ति, परिवर्तन और विस्तार पर व्यापक शोध करने वाले वैज्ञानिक राजेंद्र गुप्ता कहते हैं, तमाम शब्दकोशों की मानें तो सरकार फारसी का शब्द है। लेकिन फारसी भाषा भारोपियाई भाषा परिवार की ही पुत्री है।

अत: 'सरकार' शब्द की उत्पत्ति खोजने के लिए हमें संस्कृत में इसका निकटतम शब्द खोजना पड़ेगा। संस्कृत में सृष्टि की सत्ता, शुभ, वैभव और ऐश्वर्य के लिए एक शब्द मौजूद है- 'श्री'। यह मूलत: लक्ष्मी के लिए प्रयुक्त हुआ है। कालांतर में इसे सम्मानसूचक संबोधन यानी श्री या श्रीमान के रूप में भी प्रयुक्त किया जाने लगा। यहां से फारसी और अंग्रेजी सहित अन्य भाषाओं में भी श्री शब्द 'सर' के रूप में इस्तेमाल होने लगा। वहीं, भगवान विष्णु का एक विशेषण है- 'श्रीकर'। इसे सरकार शब्द का मूल माना जा सकता है। संभवतः सरकार शब्द श्रीकर शब्द से ही बना है। ...तब क्या 'श्रीकर' को हम 'सरकार' की जगह अपना सकते हैं? सरला कहती हैं, 'श्रीकर' विष्णु सृष्टि के कर्ता और पालक हैं। वे शुभ, ऐश्वर्य और सत्ता की प्रतीक लक्ष्मी के स्वामी अर्थात श्रीपति हैं। सृष्टि के निमित्त जो कार्य विष्णु का है, लोकतंत्र में वही कार्य जनता द्वारा चुनी गई 'सरकार' का है। इसीलिए श्रीकर का जो कार्य है उसे ''श्रीकार्य'' कह सकते हैं। 'श्री' का अर्थ शुभ, ऐश्वर्य और राजसत्ता है, तो इन कार्यों के क्रियान्वयन के लिए संस्कृत में जो शब्द होना चाहिए, वह है- 'श्रीकार्य'। राजेंद्र कहते हैं, हालांकि संस्कृत शब्दकोश में यह शब्द नहीं है। लेकिन यह व्याकरण सम्मत है। सरला का कहना है, 'सरकार' की जगह हमें 'श्रीकार्य' जैसे सार्थक संबोधन को अपनाने पर विचार करना चाहिए।

क्या कहते हैं भारत के लोग...

भाषाविदों के बाद हमने आमजन से भी इस बारे में बात की। प्रयागराज, उत्तर प्रदेश निवासी कमलेश प्रसाद मिश्र, कानपुर निवासी मनीष मिश्रा, सुधांशु शुक्ला, लखनऊ निवासी सुमित श्रीवास्तव, अमित श्रीवास्तव, दिल्ली निवासी दीपक, गाजियाबाद निवासी चंदन... यह बात जानकर हतप्रभ रह गए कि 'सरकार' शब्द का हमारे पास स्वदेशी विकल्प मौजूद नहीं है। खासकर, इस बात से सभी सहमत हुए कि सरकार शब्द भारतीय लोकतंत्र, भारतीय संस्कृति और सभ्यता का समुचित प्रतिनिधित्व नहीं करता है, खासकर तब जब यह फारसी से लिया गया शब्द है और गुलामी के दौर में हम पर शासन करने वालों के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। कमलेश कहते हैं, आज सर्वथा उपयुक्त समय है, जब हम 'सरकार' की जगह 'श्रीकार्य' संबोधन को आत्मसात कर न केवल भारतीय लोकतंत्र बल्कि भारत की पुरातन संस्कृति और सभ्यता को यह सम्मान दे सकते हैं।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप

Edited By: Amit Singh

अलविदा को हिंदी में क्या बोलते हैं?

अलविदा अरबी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ विदाई है । जब हम किसी से अलग होते हैं तो उस समय अलविदा शब्द से सम्बोधित करते हैंअलविदा अक्सर लोग जब एक दूसरे से मिलने के बाद जुदा होते हैं तब कहते है।

अलविदा को संस्कृत में क्या कहते हैं?

क्या कहते हैं भारत के लोग... भाषाविदों के बाद हमने आमजन से भी इस बारे में बात की।

अलविदा और अलविदा में क्या अंतर है?

विदा काअर्थ है की किसी से कुछ समय के लिए दूर जाना लेकिन अलविदा काअर्थ है की हमेशा के लिए किसी से दूर जाना ।

संबंधित पोस्ट

Toplist

नवीनतम लेख

टैग