हिंदी न्यूज़ लाइफस्टाइलचश्मे की छुट्टी कर आंखों की रोशनी लौटाएगा ये जादुई ‘आई-ड्रॉप’, जानें खासियत
चश्मे की छुट्टी कर आंखों की रोशनी लौटाएगा ये जादुई ‘आई-ड्रॉप’, जानें खासियत
चश्मा लगाना कम ही लोगों को अच्छा लगता है। ऐसे में जरा सोचिए, कोई ऐसी तकनीक आ जाए, जो आंखों की रोशनी दुरुस्त करने में सक्षम हो तो कितना अच्छा रहेगा। ऑस्ट्रिया स्थित जेमिनी आई इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं...
Manju Mamgainएजेंसियां,विएनाWed, 03 Feb 2021 09:17 AM
चश्मा लगाना कम ही लोगों को अच्छा लगता है। ऐसे में जरा सोचिए, कोई ऐसी तकनीक आ जाए, जो आंखों की रोशनी दुरुस्त करने में सक्षम हो तो कितना अच्छा रहेगा। ऑस्ट्रिया स्थित जेमिनी आई इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने इस कल्पना को हकीकत में तब्दील कर दिया है। उन्होंने ‘कॉर्निया’ में प्रतिरोपण के लिए एक ऐसा उपकरण तैयार किया है, जो लेंस को सख्त होने से रोकेगा। इससे दूर की नजर कमजोर पड़ने की शिकायत नहीं सताएगी।
निर्माण दल में शामिल प्रोफेसर क्रिस्टोफर ल्यू ने बताया कि ‘कॉर्निया’ पुतलियों की रक्षा करने वाला सख्त भाग है। यह लेंस के साथ मिलकर आंखों में प्रवेश करने वाले प्रकाश को मोड़ता है, ताकि सामने मौजूद वस्तु का चित्र रेटिना पर उभर जाए। हालांकि, जब लेंस की दीवारें सख्त होने लगती हैं तो प्रकाश को अपवर्तित करने की उसकी कमजोर हो जाती है, जिससे वस्तुएं धुंधली नजर आती हैं।
ल्यू के मुताबिक नया उपकरण कृत्रिम कोलाजेन से बना होगा, जो कॉर्निया के ऊतकों से हूबहू मिलता है। इसके प्रतिरोपण से लेंस का लचीलापन लौट आएगा और रोशनी खुद बखुद बहाल हो जाएगी। उन्होंने दावा किया कि इस उपकरण को सर्जरी के जरिये महज एक मिनट में आंखों में प्रतिरोपित किया जा सकेगा। चूंकि, यह कोलाजेन सरीखे तत्व से बना है, लिहाजा इससे कॉर्निया को नुकसान पहुंचने का खतरा भी न के बराबर होगा। कोलाजेन मानव शरीर में सर्वाधिक मात्रा में पाया जाने वाला प्रोटीन है। इसे ऊतकों और हड्डियों के विकास का आधार माना जाता है।
‘आई-ड्रॉप’ आंखों की रोशनी लौटाएगा
मिस्र की अल-अजहर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक ऐसा ‘आई-ड्रॉप’ ईजाद किया था, जो रोजाना 12 घंटे के लिए सामान्य दृष्टि बहाल करने की क्षमता रखता है। निर्मताओं ने बताया था कि जैसे-जैसे उम्र बढ़ती
जाती है, आंखों के अगले हिस्से में मौजूद लेंस कड़ा होता जाता है। इससे आसपास मौजूद वस्तुओं का चित्र पिछले भाग में स्थित रेटिना की ओर परावर्तित करने की उसकी क्षमता कमजोर पड़ जाती है। नतीजतन चीजें धुंधली दिखाई देने लगती हैं।
12 घंटे तक सबकुछ साफ-साफ दिखेगा
नया ‘आई-ड्रॉप’ बिल्कुल चश्मे की तरह काम करता है। यह आंखों से सामने मौजूद
वस्तुओं से परावर्तित प्रकाश को सही कोण पर रेटिना तक पहुंचाता है। ‘आई-ड्रॉप’ के निर्माण में ‘कार्बाकोल’ और ‘ब्राइमोडाइन टारटेट’ नाम की दो औषधियों का इस्तेमाल किया गया है। ये पुतलियों को संकुचित करने के लिए जानी जाती हैं, जिससे चीजें साफ और स्पष्ट नजर आती हैं। परीक्षण में इनकी मदद से प्रतिभागियों की रोशनी औसतन 12 घंटे के लिए बहाल करने में कामयाबी हासिल हुई।