(A) विश्व सामाजिक न्याय दिवस
(B) विश्व रेडियो दिवस
(C) इंटरनेशनल ऑफ जीरो टॉलरेंस फीमेल जेनिटल म्यूटेशन
(D) राष्ट्रीय विज्ञान दिवस
Answer : इंटरनेशनल ऑफ जीरो टॉलरेंस फीमेल जेनिटल म्यूटेशन (International of Zero Tolerance for Female Genital Mutilation)
Explanation : 6 फरवरी को इंटरनेशनल ऑफ जीरो टॉलरेंस फीमेल जेनिटल म्यूटेशन (International of Zero Tolerance for Female Genital Mutilation) दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र पॉपुलेशन फंड प्रोजेक्ट के नयी रिपोर्ट के अनुसार प्रतिवर्ष विश्वभर में 3.9 महिलाओं का खतना होता है, जो वर्ष 2030 तक प्रतिवर्ष 4.6 मिलियन हो जायेगा। विश्व भर के 30 करोड़ देशों में लगभग दो सौ मिलियन महिलाएं खतना का शिकार हो चुकी हैं। संयुक्त राष्ट्र ने यह लक्ष्य बनाया है कि दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ वर्ष 2030 तक इस कुप्रथा को विश्वभर से समाप्त किया जाये।
भारत में बोहरा मुसलमानों के बीच यह रुढ़िवादी परंपरा कायम है। बोहरा मुसलमान भारत के गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में रहते हैं। इनकी कुल आबादी 10 लाख के आसपास है और यह समुदाय आर्थिक रूप से तो सशक्त है ही शिक्षित भी है, बावजूद इसके इस समुदाय में यह परंपरा व्याप्त है। वर्ष 2015 में बोहरा समुदाय की एक महिला जेहरा पटवा ने अपनी फोटो जारी कर इस परंपरा का विरोध किया था और बताया था कि किस तरह उन्हें इंग्लैंड से भारत लाकर उनका खतना किया गया था।....अगला सवाल पढ़े
Tags : राष्ट्रीय दिवस
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Latest Questionsलाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: नवनीत राठौर Updated Mon, 07 Feb 2022 11:27 AM IST
साल का दूसरा महीना यानी फरवरी प्रेमी जोड़ों के लिए बहुत ही खास होता है। फरवरी महीने के दूसरे सप्ताह में एक खास तरह के इम्तिहान की शुरुआत होती है, जिसे हर आशिक को अपने प्यार के लिए देना पड़ता है। कुछ लोग इस इम्तिहान के तैयारी के दौरान उत्साहित होते हैं तो वहीं कुछ लोग थोड़े नर्वस से रहते हैं। दरअसल सात दिनों तक चलने वाले इस परीक्षा के हर पेपर को पास करना जरूरी होता है। सबसे खास बात ये है कि इस परीक्षा के दौरान चीटिंग करते हुए पकड़े जाने पर कड़ी से कड़ी सजा भी मिल सकती है। आपको इस इम्तिहान के दौरान ज्यादा परेशान न होना पड़े, इस बात को ध्यान में रखकर आज हम आपके लिए परीक्षा का टाइम-टेबल बता रहे हैं। इस टाइम-टेबल से आप अपने परीक्षा की अच्छे से तैयारी कर सकते हैं वो भी बिना किसी कंफ्यूजन के। आइए देखते हैं कौन से दिन किस पेपर की तैयारी करनी है...
पहला दिन (रोज डे)
- फरवरी महीने के सात तारीख से शुरू हो रहे इस इम्तिहान का पहला दिन रोज डे के नाम से जाना जाता है। यूं कहें तो इस पेपर की शुरुआत गुलाब की खुशबू और खूबसूरती के साथ होती है। इस दिन प्रेमी जोड़े एक-दूसरे को गुलाब देकर अपने प्यार का इजहार करते हैं। अगर आपका भी दिल किसी के लिए धड़क रहा है और आप उससे अभी तक अपना ये हाल नहीं बता पाए हैं तो आप इस दिन एक गुलाब के जरिए अपनी सारी बात कह सकते हैं। इस बात को जरूर ध्यान में रखें कि प्यार का इजहार केवल लाल गुलाब से ही किया जाता है।
दूसरा दिन (प्रपोज डे)
- इम्तिहान के दूसरे दिन यानी 8 फरवरी को प्रपोज डे मनाया जाता है। अगर आपको किसी से बेइंतहा मोहब्बत है और उसे इस बात को बताना चाहते हैं, तो बिना देर किए इस दिन मौके पे चौका मारते हुए उन्हें प्रपोज कर ही डालिए। अगर आप पहले ही किसी को प्रपोज कर चुके हैं और रिलेशनशिप में हैं तो उन्हें एक बढ़िया सी डेट पर ले जाएं।
तीसरा दिन (चॉकलेट डे)
- पिछले 200 सालों से चॉकलेट लोगों की जिंदगी का अहम हिस्सा बना हुआ है। स्ट्रेस दूर करना हो या फिर किसी से प्यार का इजहार करना हो, अलग-अलग बहानों से चॉकलेट को इस्तेमाल में लाया जाता है। प्यार के इम्तिहान के तीसरे दिन यानी 9 फरवरी को चॉकलेट डे मनाया जाता है। इस दिन प्रेमी जोड़े एक-दूसरे को चॉकलेट खिलाते हैं ताकि जिंदगी में चॉकलेट की तरह ही मिठास बनी रहे।
चौथा दिन (टेडी डे)
- टेडी बियर की तरह दिल भी बेहद कमजोर और नाजुक होता है। दिल की कोमलता का एहसास दिलाने के लिए चौथे दिन यानी 10 फरवरी को एक-दूसरे को टेडी बियर गिफ्ट करते हैं। हालांकि, लड़कियों को यह स्टफ्ड खिलौना ज्यादा पसंद होता है। टेडी को गले से लगाकर सोना, उससे बातें करना लड़कियों को खूब भाता है।
6 फरवरी को विश्व स्तर पर महिला जननांग विकृति के खिलाफ़ अंतर्राष्ट्रीय शून्य असहिष्णुता दिवस मनाया जाता है. यह दिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा महिला जननांग विकृति के उन्मूलन के उनके प्रयासों के लिए प्रायोजित है. इसे पहली बार 2003 में मनाया गया था.
2020 विषय: Unleashing Youth Power
महिला जननांग विकृति (FGM) में सभी प्रक्रियाएं शामिल हैं जिनमें गैर-चिकित्सा कारणों से महिला जननांग को बदलना या घायल करना शामिल है और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकारों, स्वास्थ्य और लड़कियों और महिलाओं की अखंडता के उल्लंघन के रूप में मान्यता प्राप्त है. महिला जननांग विकृति से गुजरने वाली लड़कियों को गंभीर दर्द, सदमा, अत्यधिक रक्तस्राव, संक्रमण और यूरिन पासिंग में कठिनाई जैसी अल्पकालिक जटिलताओं का सामना करना पड़ता है, साथ ही इसके यौन और प्रजनन स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य जैसे दीर्घकालिक परिणाम भी होते हैं.