अभ्यास 1. Show
प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4.
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 6) प्रश्न 1. प्रश्न 2. (ii) संपीड्यता : संपीड्यता का अर्थ है कि पदार्थ पर बल लगाने पर उसके कण एक-दूसरे के समीप आ जाएँ जिससे उसका आयतन कम हो जाये। ठोस पदार्थों को तथा द्रवों का संपीडन नहीं किया जा सकता। गैसों को आसानी से संपीडित किया जा सकता है। (iii) तरलता : तरलता का अर्थ है बहाव। ऐसे पदार्थ जो बह सकते हैं तरल या द्रव पदार्थ कहलाते हैं। कुछ पदार्थ आसानी से बहते हैं जैसे जल, दूध आदि परन्तु कुछ पदार्थ धीरे बहते हैं जैसे शहद, ग्लिसरीन।। (iv) बर्तन में गैस का भरना : गैसों को आसानी से संपीडित किया जा सकता है इसलिए गैसों के अत्यधिक आयतन को एक कम आयतन वाले सिलेण्डर में संपीडित करके भरा जा सकता है जैसे द्रवित पैट्रोलियम गैस (L.P.G.), अस्पतालों में दिये जाने वाले ऑक्सीजन सिलेण्डरों में भी सपीडित करके गैस को भरा जाता है। इसी प्रकार संपीडित प्राकृतिक गैस (C.N.G.) को भी अधिक ताप पर गैस सिलेण्डरों में भरा जाता है। (v) आकार : यदि पदार्थ के कणों के बीच आकर्षण बल बहुत अधिक हो तो उनका आकार निश्चित होता है, जैसे ठोस पदार्थों का आकार निश्चित होता है। परन्तु तरल पदार्थ के कणों के मध्य आकर्षण बल कम होने के कारण आकार निश्चित नहीं होता। वे उसी बर्तन का आकार ग्रहण कर लेते हैं जिसमें उन्हें रखा जाता है। इसी प्रकार गैसीय पदार्थों का आकार भी निश्चित नहीं होता है। (vi) गतिज ऊर्जा एवं घनत्व : पदार्थ के कण सदैव गतिशील रहते हैं जिनके कारण उनमें गतिज ऊर्जा होती है। ठोस पदार्थों के कणों की गतिज ऊर्जा बहुत कम होती है तरल पदार्थों में ठोस पदार्थों से अधिक तथा गैसीय पदार्थ की गतिज ऊर्जा सबसे अधिक होती है। प्रश्न 3. प्रश्न 4. पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या 9) प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या 11) प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. अभ्यास प्रश्न (पृष्ठ संख्या-13-14) प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. (b) हमें इत्र की गन्ध बहुत दूर बैठे हुए भी पहुँच जाती है। प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. अति महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर अतिलघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15. लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. गलन की गुप्त ऊष्मा (Latent Heat of Fusion or Melting) : ऊष्मा की वह मात्रा जो किसी पदार्थ के 1 किग्रा को उसके गलनांक पर ठोस अवस्था से द्रव अवस्था में बदलने के लिए दी जाती है, गलन की गुप्त ऊष्मा कहलाती है। बर्फ के गलन की गुप्त ऊष्मा 80 कैलोरी/ग्राम या 335 जूल/ग्राम है। वाष्पन की गुप्त ऊष्मा (Latent Heat of Vaporisation) : ऊष्मा की वह मात्रा जो किसी पदार्थ के 1 किग्रा को उसके क्वथनांक पर द्रव अवस्था से गैसीय| अवस्था में बदलने के लिये दी जाती है, वाष्पन की गुप्त ऊष्मा कहलाती है। भाप या वाष्पन की गुप्त ऊष्मा 540 कैलोरी/ग्राम या 2260 जूल/ग्राम है। 300 K तापमान पर जल की भौतिक अवस्था क्या होगी?Detailed Solution
सही उत्तर विकल्प 4 अर्थात् गैस है। पानी 0 डिग्री सेल्सियस तापमान पर ठोस और द्रव दोनों अवस्था में होता है। 250 डिग्री सेल्सियस पर पानी की भौतिक स्थिति गैसीय अवस्था होती है क्योंकि यह पानी के क्वथनांक से 100 डिग्री सेल्सियस ऊपर पहुंच जाती है। 25 डिग्री सेल्सियस पर, पानी की भौतिक स्थिति एक द्रव होती है।
250 C तापमान पर जल की भौतिक अवस्था क्या होगी?(a)250°C तापमान पर जल की भौतिक अवस्था गैसीय अवस्था होगी।
100 डिग्री सेल्सियस तापमान पर जल की भौतिक अवस्था क्या है?पानी की भौतिक अवस्था 100°C पर तरल या गैस दोनों हो सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि 100°C पानी का क्वथनांक और भाप का संघनन ताप होता है।
जल की भौतिक अवस्था कितनी होती है?जल पृथ्वी पर एकमात्र ऐसा पदार्थ है जो प्राकृतिक रूप से तीन भौतिक अवस्थाओं: ठोस, तरल और गैस में पाया जाता है। जल एक अकार्बनिक, पारदर्शी, स्वादहीन, गंधहीन और लगभग रंगहीन रासायनिक पदार्थ है।
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